MLC चुनावः नतीजों से बिहार के सारण की सियासत में हुआ बड़ा उलटफेर, 2024 और 2025 पर दिखेगा असर?
बिहार विधान परिषद चुनाव के समीकरणों से बिहार की सियासत में इस बार उलटफेर हुआ है। सारण में शिक्षक उप निर्वाचन का परिणाम सबसे चौंकाने वाला रहा। जनसुराज समर्थित अफाक अहमद पहली बार में ही माननीय कहलाने का हकदार बन गए। वहीं महागठबंधन के डॉ वीरेंद्र नारायण यादव ने विपक्षी रथ को रोक कर अपनी कुर्सी बचाने में कामयाबी पायी । राजनीति से जुड़े लोगों का कहना है कि सारण की राजनीति में इस के चुनाव रिजल्ट का दूरगामी परिणाम देखने को मिलेगा। निकाय चुनाव में भी महागठबंधन व एनडीए प्रत्याशी की हार हुई थी।
एमएलसी की दोनों सीटों के चुनाव परिणाम को लेकर इसलिए भी सबसे ज्यादा चर्चा लोगों में थी कि यह चुनाव सिर्फ सारण की राजनीति ही नहीं बल्कि चंपारण की राजनीति को भी काफी हद तक प्रभावित करने में भूमिका निभा सकता है। लोकसभा चुनाव के पहले बुद्धिजीवी माने जाने वाले स्नातक व शिक्षकों ने अपनी बात ईवीएम से नहीं बल्कि बैलट पेपर के माध्यम से सरकार तक पहुंचा दी है। शिक्षक निर्वाचन में नए चेहरे को ताज देकर उनसे उम्मीदों पर खरा उतरने का भी मतदाताओं ने अनुरोध किया है तो दूसरी ओर डॉ वीरेंद्र नारायण यादव को दूसरी बार विधान परिषद में भेजकर विकास की गति को तेज करने की भी अपेक्षा इस बार मतदाताओं की है।
MLC चुनाव से बढ़ा पीके का कॉन्फिडेंस, कहा- जनसुराज BJP-RJD का वोट नहीं काटेगा, दोनों को काटकर जनता से अलग करेगा
सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से लोकतंत्र की जीत सुनील सारण स्नातक से महागठबंधन प्रत्याशी डॉ वीरेंद्र नारायण यादव की जीत लोकतंत्र की जीत है। राजद जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राय ने कहा कि यह चुनाव परिणाम आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति को तय करेगा। जिला महासचिव राजू राय, विजय कुमार विद्यार्थी, प्रवक्ता हरे लाल यादव, राधे कृष्ण प्रसाद, सुमित्रा चौरसिया , नगर अध्यक्ष सुरेंद्र राय, पूर्व डिप्टी मेयर नागेंद्र राय, आनंद सोनी, धर्मेंद्र कुमार युवा नेता उपेंद्र राय व अन्य शामिल हैं। इसुआपुर में जीत की खबर पर तरैया के पूर्व आरजेडी विधायक मुद्रिका प्रसाद राय ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव की जोड़ी का राजनीतिक दबदबा परवान पर है।
तरह-तरह की चर्चा
सारण स्नातक व शिक्षक चुनाव में एनडीए समर्थित प्रत्याशियों की हार के बाद सोशल मीडिया में पर तरह-तरह की टिप्पणी की जा रही है। लोकसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे में एनडीए प्रत्याशियों की हार चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है।
जातीय गणनाः 216 टुकड़ों में में बंटी बिहारियों की पहचान, बीजेपी का नीतीश सरकार पर प्रहार
समस्याओं के खिलाफ होगा संघर्ष अफाक
शिक्षक निर्वाचन से जीत के बाद अफाक अहमद ने कहा कि वे शिक्षकोंकी समस्यायों के निदान के लिए भी राज्य सरकार पर दबाव डालने से परहेज नहीं करेंगे। उन्होंने प्रशांत किशोर को आदर्श बताया।
मतदाताओं के प्रति वीरेंद्र ने जताया भरोसा
लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद डॉ वीरेंद्र नारायण यादव ने मतदाताओं के प्रति भरोसा जताया। कहा, यह जीत सारण – चंपारण के मतदाताओं जीत है। सभी ने दलगत भावना से ऊपर उठ वोट दिया।
दोनों दलों को जनता ‘काट’ देगी पीके
जन सुराज समर्थित एमएलसी उम्मीदवार अफाक अहमद की जीत पर सारण के पदयात्रा कैंप में प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा कह रही है कि महागठबंधन का वोट कटा है और महागठबंधन वाले कह रहे हैं कि भाजपा का वोट कटा है। आप सब के माध्यम से साफ कर रहे हैं कि जन सुराज कोई वोट कटवा नहीं है। दोनों दलों को जनता खुद ही काट कर साफ कर देगी।
गया में फिर खिला कमल
भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले गया में एक बार फिर कमल खिला। गया स्नातक और गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र दोनों सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों ने कब्जा जमा लिया। हालांकि एलएमएसी चुनाव में मगध के चार जिला गया, औरंगाबाद, जहानाबाद व अरवल के अलावा रोहतास, कैमूर, भोजपुर और बक्सर जिले के वोटरों ने मतदान किया। लेकिन, वोटों की गिनती गया की धरती पर हुई। गया स्नातक और शिक्षक सीट पर भाजपा का कब्जा का गवाह बना गया कॉलेज। बुधवार की रात शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सीट पर भाजपा के जीवन कुमार ने जीत दर्ज की तो गुरुवार की शाम स्नातक सीट पर भाजपा के ही अवधेश नारायण सिंह ने कब्जा जमाया। जीत के बाद दोनों प्रत्याशियों और उनके समर्थकों से चेहरे कमल के फूल जैसे खिल गए। गुरुवार की शाम जब अवधेश नारायण सिंह ने जीत दर्ज की तो वे गया कॉलेज से सबसे पहले मां मंगलागौरी मंदिर के लिए रवाना हो गए। गया कॉलेज के बाहर आने पर पहले मौजूद समर्थकों ने फूल-मालाओं से अवधेश नारायण सिंह का स्वागत किया। समर्थकों ने अवधेश-जीवन जिंदाबाद के नारे लगाए। कुछ समय तक यह नारा गया की फिजां में गूंजता रहा।