MCD Elections: दादरा नागर हवेली के मॉडल पर एमसीडी चुनाव लड़ेगी बीजेपी?

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MCD Elections: दादरा नागर हवेली के मॉडल पर एमसीडी चुनाव लड़ेगी बीजेपी?

नई दिल्ली: पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के नगर निकाय चुनावों में करारी हार झेलने के बाद अब जल्द ही दिल्ली में बीजेपी की अग्निपरीक्षा होने वाली है। 10 मार्च के बाद किसी भी वक्त दिल्ली की तीनों एमसीडी के चुनावों की घोषणा हो सकती है। 15 साल से एमसीडी की सत्ता पर काबिज बीजेपी को इस बार कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि वह एमसीडी में अपनी सत्ता को बरकरार रख पाएगी कि नहीं?

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पार्टी के शीर्ष नेताओं ने रविवार को दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की अहम मीटिंग बुलाई, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि इस मीटिंग में दिल्ली एमसीडी चुनावों पर चर्चा करने या उससे जुड़ी कोई रणनीति बनाने के बजाय ढाई घंटे तक दिल्ली के नेताओं को बताया गया कि केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली का स्थानीय प्रशासन किस तरह शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहा है।

इस दौरान कहीं न कहीं के एजुकेशन और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉडल के साथ उसकी साथ तुलना करते हुए उसे एक बेहतर मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया। हालांकि, इस दौरान दिल्ली के किसी भी नेता ने नहीं पूछा कि महज तीन-चार लाख की आबादी वाले एक छोटे से क्षेत्र की तुलना दिल्ली से कैसे की जा सकती है, जहां की आबादी ही ढाई करोड़ से ज्यादा है और जहां प्रशासनिक स्तर पर इतनी अधिक जटिलताएं और विविधताएं हैं।

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सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी के आवास पर हुई इस मीटिंग में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद थे। दिल्ली बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, गौतम गंभीर को छोड़कर बाकी के 6 सांसद, आठों विधायक, निगमों के कुछ वरिष्ठ नेता और पार्टी के कुछ पदाधिकारी शामिल हुए। दादरा और नागर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल भी मीटिंग में मौजूद रहे और अपने प्रशासनिक अनुभवों और वहां किए गए कामों की जानकारी दिल्ली बीजेपी के नेताओं के साथ शेयर की। चूंकि दिल्ली के उप-राज्यपाल का कार्यकाल भी जल्द ही समाप्त होने वाला है, ऐसे में इस मीटिंग के बाद उप-राज्यपाल पद की दावेदारी को लेकर भी कई तरह की नई अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं।

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