एमसीडी चुनाव रिजल्ट: आमदनी से तिगुना खर्च, सत्ता में जो भी आए, MCD में मिलेगा कांटों भरा ताज, जानिए हिसाब-किताब

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एमसीडी चुनाव रिजल्ट: आमदनी से तिगुना खर्च, सत्ता में जो भी आए, MCD में मिलेगा कांटों भरा ताज, जानिए हिसाब-किताब

एमसीडी चुनाव रिजल्ट: आमदनी से तिगुना खर्च, सत्ता में जो भी आए, MCD में मिलेगा कांटों भरा ताज, जानिए हिसाब-किताब

नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव संपन्न होने के बाद अगले चंद रोज में कोई न कोई राजनीतिक पार्टी निगम की सत्ता संभालेगी। लेकिन, सत्तारूढ़ कोई भी हो, उसके लिए राहें आसान नहीं होने वाली। एमसीडी की आर्थिक हालत के मद्देनजर यह कांटों भरा ताज ही होगा। दिल्ली नगर निगम की जितनी आमदनी है, उससे कई गुना अधिक खर्च है। नए विकास कार्यों के लिए निगम के पास पैसे ही नहीं हैं। इसलिए पिछले चार वर्षों से एमसीडी एरिया में किसी भी बड़े प्रोजेक्ट के शुरू करने पर रोक लगा दी गई है। छोटे-मोटे काम ही हो पा रहे हैं। एमसीडी की सालाना आमदनी करीब 4800 करोड़ रुपये है। इसमें 2800 करोड़ की आय एमसीडी को अपने इंटरनल स्रोतों से होती है जिसमें प्रॉपर्टी टैक्स, विज्ञापन, पार्किंग शुल्क, टोल टैक्स व अन्य तरह की आमदनी है। करीब 2000 करोड़ रुपये प्लान और नॉन-प्लान हेड में दिल्ली सरकार से मिलता है। इसके अलावा एमसीडी के पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है, लेकिन खर्च बेशुमार हैं।

हर महीने एमसीडी के करीब 1,00,013 कर्मचारियों के वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन पर करीब 775 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में वेतन और पेंशन पर सालाना खर्च करीब 9300 करोड़ रुपये है। इसके अलावा सैनिटेशन, स्ट्रीट लाइट मेंटनेंस, कूड़ा ढुलाई और दफ्तरों के मेंटनेंस पर भी खर्च होता है। कुल मिलाकर जितनी आमदनी है, उससे करीब तीन गुना खर्च है। आय और व्यय के बीच जो इतना बड़ा फासला है, उसे पाटना किसी के लिए भी आसान नहीं है। ऐसे में सत्ता संभालने वाली पार्टी को विरासत में कांटों भरा ताज ही मिलना तय है।

स्ट्रीट लाइट और सैनिटेशन पर सालाना 400 करोड़ खर्च

एमसीडी के सभी 12 जोनों को मिलाकर करीब 2.2 लाख स्ट्रीट लाइट्स हैं। इन स्ट्रीट लाइटों के सालाना बिजली बिल भुगतान पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च आता है। सफाई व्यवस्था पर सालाना करीब 300 करोड़ रुपये खर्च होता है। इन दोनों मदों में ही 400 करोड़ रुपये पूरे वर्ष में एमसीडी को खर्च करना पड़ता है। इन दोनों मदों में पैसे खर्च तो होते हैं, लेकिन आमदनी शून्य है। ऐसे में इन दोनों व्यव्स्थाओं को ठीक करना भी सत्ता संभालने वालों के लिए मुश्किल होगा।

इस साल अभी तक आय
प्रॉपर्टी टैक्स से 1412 करोड़
विज्ञापन से 132.11 करोड़
पार्किंग चार्ज से 112.9 करोड़
कंवर्जन चार्ज से 323.18 करोड़
टोल टैक्स से 514.19 करोड़
कुल आय 2494.38 करोड़ रुपये

इस साल अभी तक खर्च
वेतन और पेंशन पर 8525 करोड़
स्ट्रीट लाइट्स पर 93 करोड़
सफाई व्यवस्था पर 275 करोड़
कुल खर्च 8893 करोड़ रुपये

हर महीने एमसीडी का खर्च
वेतन और पेंशन : 775 करोड़
स्ट्रीट लाइट मेंटिनेंस : 38.95 करोड़
गाड़ियों के ईंधन पर : 3.08 करोड़
सफाई व्यवस्था पर : 2 करोड़
हॉस्पिटल पर खर्च : 7.06 करोड़
कूड़े के ट्रांसपोर्टेशन पर : 63 करोड़

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