Mayawati Birthday: ‘नारी रत्न के रूप में बहना बनके मसीहा आई’, गीत से मायावती की छवि को बदलने का प्रयास… ये है रणनीति
ऐसे में मायावती का यह जन्मदिन दलितों को साथ जोड़ने की रणनीति तैयार करने वाला अवसर के रूप में देखा जा रहा है। मायावती भी इस मौके को पूरी तरह से भुलाने की कोशिश करती दिख रही हैं। इसको लेकर एक गाना तैयार कराया गया है। इसके बोल हैं, ‘नारी रत्न के रूप में बहना बनके मसीहा आई’। मतलब, वोट बैंक को लुभाने के लिए मायावती को अब दलितों के मसीहा के रूप में पेश किए जाने की योजना है। गाने की एक लाइन है ‘देश की सभी हस्तियों में बहना का पहला मुकाम है’। ये पंक्तियां दलित वोट बैंक को एक बड़ा प्रकार से पाले में लाने की कोशिश है। इस गाने को मशहूर गायक कैलाश खेर ने गाया है। इसी से समझ सकते हैं कि पार्टी किस स्तर पर अपनी रणनीति तैयार करती दिख रही है। प्रोफेशनल्स को जोड़ रही है। अब तक मायावती और बसपा अपने अलग अंदाज की राजनीति जानी जाती रही है। लेकिन, वक्त का घूमता पहिया मायावती की राजनीति पर दिखने लगा है।
युवाओं को लेकर बड़ी घोषणा की तैयारी
बसपा सुप्रीमो मायावती हिंदी में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी हुई हैं। ऐसे में 15 जनवरी को उनका 67वां जन्मदिन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाए जाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में बसपा कार्यकर्ताओं की ओर से कल्याणकारी दिवस कार्यक्रम का आयोजन होगा। बरेली में खास तैयारी है। यह पार्टी के सियासी एजेंडे को धार देने वाला होगा। बसपा सुप्रीमो ने अपने जन्मदिन के मौके पर युवाओं को लेकर एक बड़ी घोषणा तैयारी की है। माना जा रहा है कि अपने भतीजे आकाश यादव के जरिए वे कुछ बड़ा ऐलान कर सकती हैं। आम चुनाव 2014 को लेकर पार्टी में युवाओं को 50 फीसदी हिस्सेदारी का फैसला लिया गया है।
मायावती ने इसके लिए भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद को अहम जिम्मेदारी दी है। राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर आकाश ने ट्वीट के जरिए मायावती की रणनीति का खुलासा किया। मायावती एक मजबूत देश बनाने और जातियां अत्याचार खत्म करने के लिए युवाओं को आगे आने की बात कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि युवा वोट बैंक को साध कर पार्टी प्रदेश में और राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। ऐसे में यह घोषणा उनके जन्मदिन पर होना, एक बड़ा सियासी संदेश देता दिख रहा है।
भाजपा, सपा, कांग्रेस की चुनौती से निपटने का संदेश
मायावती अपने जन्मदिन के मौके पर कार्यकर्ताओं से तमाम विरोधी राजनीतिक दलों पर अपनी राय रख सकती हैं। माना जाता है कि इस मौके पर भविष्य की रणनीति का भी खुलासा हो सकता है। हो सकता है मायावती आम चुनाव 2024 में अपने दम पर अकेले उतरने की घोषणा कर दें। कार्यकर्ताओं को अभी से ही जमीन पर उतर कर काम करने की अपील करें। वैसे भी बसपा इन दिनों गांव की ओर चलो कार्यक्रम के जरिए ग्रामीण वोट बैंक को रिझाने और जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। पिछले दिनों मायावती ने भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस और भी करारा हमला बोला है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से बसपा को दूर रखकर एक बड़ा संदेश दिया गया है। जन्मदिन के मौके पर वह अगले चुनाव में गठबंधन की रणनीति को स्पष्ट कर सकती हैं। इसका सीधा अर्थ होगा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भाजपा के साथ-साथ सपा और कांग्रेस की चुनौती से निपटने के लिए भी तैयार रहना है।