Mayawati: द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी महिला के कारण दिया राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन, मायावती ने कर दिया साफ

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Mayawati: द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी महिला के कारण दिया राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन, मायावती ने कर दिया साफ

लखनऊ: राष्ट्रपति चुनाव 2022 (Presidential Election 2022) में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को समर्थन देने की घोषणा के बाद मायावती (Mayawati) के निर्णय पर सवाल किए जा रहे थे। इसे विपक्ष की एकता में भाजपा की ओर से सेंध लगाए जाने और मायावती के विपक्षी दलों का साथ छोड़ने के रूप में प्रचारित किया गया। इस पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि सिर्फ अनुसूचित जनजाति की महिला होने के कारण ही उनकी पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन देने का ऐलान किया है। इसे सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata party) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की हिमायत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।

मायावती ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों और अन्य प्रमुख जिम्मेदार पदाधिकारियों की बैठक में देश में अगले राष्ट्रपति के लिए हो रहे चुनाव की चर्चा की। उन्होंने कहा कि बसपा ने अनुसूचित जनजाति समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किसी व्यक्ति अथवा पार्टी विशेष की बजाय अनुसूचित जनजाति समुदाय के बहुजन समाज के अभिन्न अंग होने के नाते किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बसपा ने यह फैसला स्वतंत्र होकर किया है। यह न तो सत्ताधारी राजग के पक्ष में है और न ही विपक्षी यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के खिलाफ। इतना जरूर है कि यूपीए ने अपना संयुक्त उम्मीदवार तय करते समय बसपा को कभी भी विश्वास में नहीं लिया और न ही सलाह-मशविरा किया।

बसपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव के परिणाम आने के तीन दिन बाद एक बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने एवं जनाधार के विस्तार के लिए काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि वैसे तो बसपा का यह प्रयास मजबूत सैद्धान्तिक और राजनीतिक आधारों पर टिका हुआ है, मगर विरोधी ताकतों के साम, दाम, दंड, भेद के अलावा जातिवादी संकीर्ण हथकंडे अपनाने से पार्टी का अपार जनसमर्थन सही समय पर मतों में नहीं बदल पाता। इसको ध्यान में रखकर पार्टी को काफी काम करना होगा।

मायावती ने विशेषकर मुस्लिम समुदाय की तरफ इशारा करते हुए कहा कि एक समुदाय विशेष को खासकर इस प्रकार के घोर पार्टी विरोधी हथकण्डों से गुमराह होने से बचाना होगा। मायावती ने पार्टी कार्यालय में आयोजित इस बैठक में अन्य बातों के अलावा गत 27 मार्च और 29 मई की बैठकों में दी गई हिदायतों के संबंध में पेश की गई प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की और उनको लागू करने में पेश हो रही समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया।

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