Malvika Bansod Exclusive: हार के बावजूद साइना नेहवाल ने की मालविका बंसोड़ की तारीफ, पिता ने बताया- क्या-क्या हुई बात और कैसे बेटी बनी स्टार

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Malvika Bansod Exclusive: हार के बावजूद साइना नेहवाल ने की मालविका बंसोड़ की तारीफ, पिता ने बताया- क्या-क्या हुई बात और कैसे बेटी बनी स्टार

नई दिल्ली
‘खुश हूं कि तुम अपने खेल में अच्छा सुधार कर रही हो। लॉन्ग रैली को भी तुमने अच्छा फिनिश किया…।’ ये शब्द साइना नेहवाल (Saina Nehwal) के हैं। उन्होंने ये बातें उभरती बैडमिंटन खिलाड़ी नागपुर की मालविका बंसोड़ (Malvika Bansod) से इंडिया ओपन-2022 में अपनी हार के बाद कही। देश के तमाम युवाओं की रोल मॉडल साइना और उन्हें हराने वाली युवा सनसनी बेटी मालविका (Malvika Bansod Beat Saina Nehwal) के बीच इस बातचीत के बारे में बताते हुए पिता डॉ. प्रबोध बंसोड़ के शब्दों में गर्व झलक रहा था।

34 मिनट में साइना को हराया, खुश हैं पिता
डॉ. प्रबोध बेटी की सफलता से खुश हैं। हों भी क्यों नहीं? महज 20 वर्ष की मालविका ने अपनी आदर्श साइना नेहवाल को हराया है। यह वही साइना नेहवाल हैं, जिनसे दुनिया की दिग्गज शटलर खौफ खाती हैं। मालविका ने पूर्व चैंपियन और 2012 ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता साइना को 21-17, 21-9 से हराते हुए टूर्नामेंट के महिला सिंगल्स के क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। विश्व रैंकिंग में 111वें स्थान पर काबिज बंसोड़ को दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी को हराने में 34 मिनट लगे।

साइना से मिली तारीफ गर्व की बात
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत में प्रबोध ने कहा, ‘बहुत खुश हूं। खिलाड़ी जब हार्ड वर्क करती है और उसका फल मिलता है तो सफलता का स्वाद ही कुछ और होता है। हाल ही में उसने ऑल इंडिया रैंकिंग टूर्नामेंट भी जीती है, लेकिन यह जीत खास है। मैच के बाद मालविका से मेरी बात हुई है। साइना को हराना बड़ी सफलता है। यह अलग बात है कि साइना पहले वाली साइना नहीं हैं। उन्हें वह अपनी हीरो मानती है। उसने बताया कि मैच के बाद साइना ने उससे कहा कि तुम्हारे खेल में सुधार है। तुमने रैली भी अच्छी खेली।’

इसलिए साइना ने की तारीफ
साइना ने ऐसा क्या कहा? इसके जवाब में प्रबोध बताते हैं, ‘फरवरी 2019 में मालविका नेशनल्स खेलने के लिए गुवाहाटी में थी। वहां उसका मुकाबला पीवी सिंधु के साथ था। उस समय साइना ने उसे बहुत करीब से देखा था और मैच के बाद खेल पर बात भी की थी।’ मालविका के बैडमिंटन सनसनी बनने की शुरुआत के बारे में उन्होंने बताया,’ इसकी शुरुआत तब हुई जब वह लगभग 9 वर्ष की थी।’ बता दें कि मालविका की सफलता का श्रेय उनके माता-पिता को जाता है। दोनों ही डॉक्टर हैं और बेटी के खेल के लिए हमेशा आगे रहे।

मैच के दौरान शॉट लगाती मालविका।

इन गुरुओं से सीख बनीं स्टार
पेशे से डेंटिस्ट प्रबोध आगे बताते हैं- उन्होंने नागुपर डिस्ट्रिक्ट बैडमिंटन असोसिएशन जॉइन किया था। उनकी पहली कोच प्रिया देशपांडे थीं। उन्होंने मालविका को अच्छा ग्रूम किया। ढाई वर्ष उनके साथ रहने के बाद कुछ वर्ष किरण माकोडे (इंटरनेशनल बैडमिंटन खिलाड़ी) के साथ बिताया। जयेंद्र ढोले के साथ उन्होंने कुछ समय बिताया। 2018-19 से वह नेशनल कोच संजय मिश्रा (जूनियर टीम के कोच) के साथ हैं।

माता-पिता के साथ मालविका बंसोड़। (फोटो- NBT)

माता-पिता के साथ मालविका बंसोड़। (फोटो- NBT)

2013 रहा टर्निंग पॉइंट
वह बताते हैं, ‘उसके लिए 2013 टर्निंग पॉइंट रहा। वह महाराष्ट्र स्टेट चैंपियन बनी थी। उसके बाद से तो यह सफर जारी है। वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है।’ उन्होंने 2019 में मालदीव्स इंटरनेशनल टूर्नामेंट अपने नाम करते हुए सीनियर कैटेगरी में धमाकेदार डेब्यू किया। उसके बाद से वह नेपाल इंटरनेशनल (2019), युगांडा इंटरनेशनल (2021) और लिथुआनिया इंटरनेशनल (2021) का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं। उन्हें साइना नेहवाल और पीवी सिंधु की तरह ही भविष्य का बड़ा सितारा माना जा रहा है।

navbharat times -India Open 2022: पीवी सिंधु क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचीं, मालविका से हार साइना इंडिया ओपन से बाहर
बचपन से ही जबर्दस्त स्किल और फुटवर्क है: मंगेश काशीकर
नागपुर डिस्ट्रिक्ट बैडमिंटन असोसिएशन के सेक्रेटरी मंगेश काशीकर ने मालविका को बचपन से ही देखा है। जब उन्होंने हमें जॉइन किया था तब भी वह हम उम्र के बच्चों में सबसे आगे थीं। उनकी स्किल और फुटवर्क दमदार था। यह शुरुआत है। वह आगे चलकर और भी बड़ी स्टार बनेंगी। नागपुर के लिए यह गौरव की बात है कि हमारे जिले की खिलाड़ी की नेशनल-इंटरनेशनल लेवल पर चर्चा हो रही है।

जीत के बाद मालविका ने क्या-क्या कहा कहा
बंसोड़ ने अपने करियर की सबसे खास जीत दर्ज करने के बाद कहा, ‘यह साइना दीदी से मेरा पहला मुकाबला था। मैंने जब से बैडमिंटन खेलना शुरू किया, वह मेरी आदर्श रही हैं। उनके खिलाफ इंडिया ओपन जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलना सपना सच होने जैसा था। यह मेरे करियर की सबसे बड़ी जीत में से है।’



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