Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति को लेकर हर साल असमंजस, जाने इस साल कब मनेगी | Every year there is confusion regarding Makar Sankranti | News 4 Social

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Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति को लेकर हर साल असमंजस, जाने इस साल कब मनेगी | Every year there is confusion regarding Makar Sankranti | News 4 Social

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति को लेकर हर साल असमंजस, जाने इस साल कब मनेगी | Every year there is confusion regarding Makar Sankranti | News 4 Social

भोपालPublished: Jan 04, 2024 07:27:06 pm

ज्योतिषियों के अनुसार 70 साल में एक साल आगे बढ़ता है पर्व का पुण्यकाल

मकर संक्रांति को लेकर हर साल असमंजस, जाने इस साल कब मनेगी

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति को लेकर हर साल असमंजस, जाने इस साल कब मनेगी

भोपाल. सूर्य आराधना और स्नानदान का पर्व मकर संक्रांति इस बार भी 15 जनवरी को है। संक्रांति इस दिन सुबह सूर्योदय के बाद अर्की होगी, इसलिए इसका विशेष पुण्यकाल सुबह 9.24 के बाद पूरे दिन रहेगा। वाहन, उपवाहन सहित संक्रांति के स्वरूप के लिहाज से इस बार विशेष शुभकारी होगी। बीते तीन सालों से लगातार संक्रांति 15 जनवरी को मनाई गई है।
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। अंग्रेजी कैंलडर के हिसाब से वर्ष 2000 के पहले अक्सर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 13 जनवरी की मध्यरात्रि में होता था और 14 जनवरी को यह पर्व मनाया जाता था। पिछले कुछ सालों से मकर संक्रांति 14 जनवरी की मध्यरात्रि में आती है और 15 को पर्वकाल मनाया जाता है। इसी तरह इस साल भी संक्रांति 15 जनवरी को सुबह 9:24 बजे आएगी, इसके बाद इसका पर्वकाल मनाया जाएगा, हालांकि अगले साल 14 जनवरी को संक्रांति बनाई जाएगी, इसके बाद अक्सर 14 जनवरी को संक्रांति अर्की होगी और 15 को मनाई जाएगी।
इसलिए बढ़ जाता है एक दिन
ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम ने बताया कि मकर संक्रांति 14 जनवरी की रात्रि में आएगी और 15 जनवरी को मनाई जाएगी। पिछले कुछ सालों से अब संक्रांति 14 जनवरी की मध्यरात्रि में ही आती है और 15 जनवरी को ही पर्वकाल मनाया जाता है। आगे के सालों में भी मकर संक्रांति अधिकांश समय 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी। दरअसल, हर 70 साल के बाद संक्रांति पर्व एक दिन आगे बढ़ जाती है, क्योंकि निर्यण राशियां सूर्य से आगे हो जाती है। जिस प्रकार हर तीन साल में मलमास के कारण एक माह बढ़ जाता है, उसी प्रकार हर तीन वर्ष में संक्रांति काल एक घंटे बढ़ जाता है। इस तरह 70 से 80 साल में एक दिन बढ़ जाता है।
शुभ फलदायी होगी पौष माह की संक्रांति
पं. विष्णु राजौरिया का कहना है कि इस बार पौष माह की मकर संक्रांति रहेगी। इस लिहाज से संक्रांति विशेष शुभफलदायी रहेगी। जिस हिसाब से संक्रांति का स्वरूप है, उसके हिसाब से जनता की सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी। मंगल कार्य होंगे। चोर, पाखंडी, दुर्जन दंड पाएंगे। गौसेवा के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ेगी। इसके साथ ही अनाज का उत्पादन अच्छा होगा, रोगों के निवारण के लिए विशेष कार्य होंगे। मंहगाई नियंत्रण में रहेगी और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। राजनीतिक क्षेत्र में कुछ परिर्तन के साथ उन्नति होगी।

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