महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि और उनके विचार

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महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि और उनके विचार

दुनियाभर में पूरा भारत देश बापू की वजह से जाना जाता रहा है. सत्य और अहिंसा के जो महान आदर्श उन्होंने कायम किए उनकी जरूरत आज भी उतनी ही बनी हुई है, फिर भी महात्मा के जीवन और काम को समझने की जद्दोजहद आज तक खत्म नहीं हुई. कई लोग समय-समय पर सवाल उठाते है, जिसके कारण गलतफहमियां बनी रहती है यहां देश के कुछ जाने-माने गांधीवादी विचारकों ने उन सवालों का जवाब दिया है.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज पुण्यतिथि है. नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी को महात्मा गांधी की गोली मारकर उनकी हत्या कर कर दी थी. बापू की पुण्यतिथि को हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को बापू के सीने पर उस वक्त गोली मारी जब वे दिल्ली बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा से उठ रहे थे.

गोडसे ने बापू के साथ खड़ी महिला को हटाया और अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक बाद के एक तीन गोली मारकर उनकी हत्‍या कर दी. बता दें कि महात्मा गांधी की शवयात्रा को आजाद भारत की सबसे बड़ी शवयात्रा कहा जाता है. गांधी जी को अंतिम विदाई देने के लिए करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और 15 लाख लोग रास्ते में खड़े थे.

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महात्मा गांधी के कुछ ऐसे विचार है किसी भी इनंसान के लिए काफी अच्छे और बहुत ही महत्व रखते है.

”डर शरीर की बीमारी नहीं है, यह आत्मा को मारता है” विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता की जननी”

”जो समय बचाते हैं वे धन बचाते हैं और बचाया धन कमाए हुए धन के समान महत्वपूर्ण है.”
”आंख के बदले आंख पूरे विश्वा को अंधा बना देगी.”

”आजादी का कोई मतलब नहीं, यदि इसमें गलती करने की आजादी शामिल न हो”

प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है जिसे आप दूसरों पर छिड़कते हैं तो कुछ बूंदे आप पर भी पड़ती हैं”

”पहले वह आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर आप पर हंसेंगे, फिर आपसे लड़ेंगे और तब आप जीत जाएंगे”

”व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं उसके चरित्र से होती है”

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आप जो भी करते हैं वह कम महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप कुछ करें”