Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना में इनकमिंग तेज ,पूर्व मंत्री संजय देशमुख ने BJP छोड़ की घर वापसी
मुंबई: शिवसेना (Shivena) के उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले खेमे में इनकमिंग तेज हो गई है। गुरुवार को राज्य के पूर्व मंत्री संजय देशमुख ने बीजेपी छोड़कर शिवसेना में घर वापसी कर ली। उनके साथ उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में उद्धव की शिवसेना में शामिल हुए हैं। इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के राजवंश के करीबी यशवर्धन कदमबांडे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ के समझे जाने वाले ठाणे के संजय घाडीगांवकर भी शिवसेना में शामिल हो गए। यशवर्धन कदमबांडे बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता और धुले के पूर्व विधायक तथा धुले नंदुरबार जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के चेयरमैन राजवर्धन कदमबांडे के पुत्र हैं।
पूर्व मंत्री संजय देशमुख (Sanjay Deshmukh) का शिवसेना में आना इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यहां से शिवसेना के वर्तमान विधायक संजय राठौड उद्धव का साथ छोड़कर शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए हैं। अब उद्धव ने राठौड को उन्हीं के गढ़ में घेरने का पक्का इंतजाम कर दिया है। संजय राठौड के शिंदे गुट में जाने के बाद अब उद्धव को उन्हीं की टक्कर का एक बड़ा बंजारा नेता मिल गया है।
शिवसेना 10 गुना तेजी से आगे बढ़ी है
शिवसेना भवन में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने संजय देशमुख के हाथ पर ‘शिवबंध’ बांधकर उनका पार्टी में स्वागत किया। ठाकरे ने कहा कि पिछले दिनों जो कुछ हुआ, उससे आम आदमी और विशेषकर सभ्य लोग सहमत नहीं हैं और वे अपना समर्थन हमें दे रहे हैं। वे मुझसे कह रहे हैं कि हार नहीं मानें, संघर्ष करें, हम आपके साथ हैं। जो हो रहा है, हम उससे सहमत नहीं हैं। उद्धव ने कहा कि जिन लोगों के बारे में मैंने सोचा था कि वे कभी राजनीतिक रूप से करीबी नहीं होंगे, वे समर्थन में आगे आ रहे हैं। इसी तरह, विभिन्न धर्मों और क्षेत्रों के लोग हमें समर्थन दे रहे हैं। उद्धव ने कहा कि जब-जब शिवसेना पर आघात हुआ है, शिवसेना 10 गुना तेजी से आगे बढ़ी है।
अंधेरी चुनाव पर भी घेरा
उद्धव ने अंधेरी चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के नाम वापस लेने के मुद्दे पर बीजेपी और शिंदे गुट पर जमकर प्रहार किया। उद्धव ने कहा कि बीजेपी को अंधेरी पूर्व उपचुनाव में मुंह की खाने का डर था। इसलिए उन्हें चुनाव से हटना पड़ा, लेकिन वह खुद अपना उम्मीदवार वापस नहीं ले सकती थी, इसलिए उन्हें किसी और से उम्मीदवार वापस लेने की अपील करानी पड़ी। उद्धव ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया कि जब शिंदे गुट को चुनाव लड़ना ही नहीं था, तो उन्होंने मेरी पार्टी के चुनाव चिह्न को फ्रीज कराने की इतनी जल्दी क्यों मचाई। शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न को सील कर दिया और शिवसेना के हक का चुनाव क्षेत्र बीजेपी के हवाले कर दिया।
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पूर्व मंत्री संजय देशमुख (Sanjay Deshmukh) का शिवसेना में आना इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यहां से शिवसेना के वर्तमान विधायक संजय राठौड उद्धव का साथ छोड़कर शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए हैं। अब उद्धव ने राठौड को उन्हीं के गढ़ में घेरने का पक्का इंतजाम कर दिया है। संजय राठौड के शिंदे गुट में जाने के बाद अब उद्धव को उन्हीं की टक्कर का एक बड़ा बंजारा नेता मिल गया है।
शिवसेना 10 गुना तेजी से आगे बढ़ी है
शिवसेना भवन में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने संजय देशमुख के हाथ पर ‘शिवबंध’ बांधकर उनका पार्टी में स्वागत किया। ठाकरे ने कहा कि पिछले दिनों जो कुछ हुआ, उससे आम आदमी और विशेषकर सभ्य लोग सहमत नहीं हैं और वे अपना समर्थन हमें दे रहे हैं। वे मुझसे कह रहे हैं कि हार नहीं मानें, संघर्ष करें, हम आपके साथ हैं। जो हो रहा है, हम उससे सहमत नहीं हैं। उद्धव ने कहा कि जिन लोगों के बारे में मैंने सोचा था कि वे कभी राजनीतिक रूप से करीबी नहीं होंगे, वे समर्थन में आगे आ रहे हैं। इसी तरह, विभिन्न धर्मों और क्षेत्रों के लोग हमें समर्थन दे रहे हैं। उद्धव ने कहा कि जब-जब शिवसेना पर आघात हुआ है, शिवसेना 10 गुना तेजी से आगे बढ़ी है।
अंधेरी चुनाव पर भी घेरा
उद्धव ने अंधेरी चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के नाम वापस लेने के मुद्दे पर बीजेपी और शिंदे गुट पर जमकर प्रहार किया। उद्धव ने कहा कि बीजेपी को अंधेरी पूर्व उपचुनाव में मुंह की खाने का डर था। इसलिए उन्हें चुनाव से हटना पड़ा, लेकिन वह खुद अपना उम्मीदवार वापस नहीं ले सकती थी, इसलिए उन्हें किसी और से उम्मीदवार वापस लेने की अपील करानी पड़ी। उद्धव ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया कि जब शिंदे गुट को चुनाव लड़ना ही नहीं था, तो उन्होंने मेरी पार्टी के चुनाव चिह्न को फ्रीज कराने की इतनी जल्दी क्यों मचाई। शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न को सील कर दिया और शिवसेना के हक का चुनाव क्षेत्र बीजेपी के हवाले कर दिया।
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