Maharashtra Politics: सीएम की कुर्सी छोड़ अब पार्टी बचाने में जुटे उद्धव, बागी गुट के सक्रिय होने से बढ़ेंगी ठाकरे की मुश्किलें

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Maharashtra Politics: सीएम की कुर्सी छोड़ अब पार्टी बचाने में जुटे उद्धव, बागी गुट के सक्रिय होने से बढ़ेंगी ठाकरे की मुश्किलें

Maharashtra Politics: सीएम की कुर्सी छोड़ अब पार्टी बचाने में जुटे उद्धव, बागी गुट के सक्रिय होने से बढ़ेंगी ठाकरे की मुश्किलें

मुंबई: विधानसभा में बीजेपी (BJP) के सहयोग से एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde Government) द्वारा बहुमत साबित करने के बाद बागी विधायक अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में लौट रहे हैं। उनके समर्थक वहां उनका जोरदार स्वागत कर रहे हैं। बागी भी अपने-अपने इलाकों में जाकर अपनी बगावत को सही ठहरा रहे हैं और खुद को असली शिवसेना (Shivsena) होने का दावा कर उद्धव गुट को ललकार रहे हैं। जबकि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के आदेश के बाद शिवसैनिक शांत हैं। उद्धव ने मंगलवार को शिवसेना भवन में शिवसेना की महिला विंग की बैठक ली। इससे पहले सोमवार को उद्धव ने शिवसेना भवन में ही पार्टी के जिला प्रमुखों के साथ बैठक कर चुके हैं। मंगलवार की बैठक में शिवसेना महिला संगठक, महिला संपर्कप्रमुख, महिला विभाग संगठक स्तर की महिला पदाधिकारी शामिल थीं।

पार्टी जोड़ने में जुटे उद्धव
एकनाथ शिंदे की बगावत ने शिवसेना भवन को एक बार फिर गुलजार कर दिया है। मातोश्री में बैठकर पार्टी चलाने वाले शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे का शिवसेना भवन में आना जाना बढ़ गया है। पिछले तीन चार दिन से उद्धव लगातार शिवसेना भवन में पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं। उनकी पूरी कोशिश शिवसेना विधायक दल में हुई फूट को पार्टी के निचले स्तर पर न पहुंचने देने की है। फिलहाल, वह इसमें सफल होते भी दिख रहे हैं, लेकिन असली लड़ाई अब शुरू हुई है। बागी विधायक अपने-अपने इलाकों में जाकर अपने समर्थक पदाधिकारियों को उद्धव गुट के खिलाफ सक्रिय करेंगे, इसमें किसी को कोई शक नहीं है।

शिवसैनिकों के आंसुओं की कीमत चुकानी होगी
महिला पदाधिकारियों की बैठक में उद्धव ने कहा आज मैं यहां खड़ा हूं, मेरे एक तरफ गद्दारों की आंखों में विकृत हंसी है और दूसरी तरफ पार्टी के निष्ठावान शिवसैनिकों की आंखों में आंसू हैं। शिवसैनिकों के आंसुओं की कीमत उन्हें चुकानी होगी। मैंने जिन लोगों पर पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी थी, उन्होंने ही पीठ पर वार किया है।

टेलिफोन पर सभा और संवाद
उद्धव दूरदराज के इलाकों में भी शिवसैनिकों से विडियो कॉल के जरिए संपर्क और संवाद स्थापित कर रहे हैं। आखिर में बगावत कर शिंदे गुट में शामिल हुए विधायक संतोष बांगर के चुनाव क्षेत्र हिंगोली के शिवसैनिकों से विडियो कॉल पर बात करते हुए उद्धव ने कहा कि वह कुछ सदस्यों को लाभ मिलने के बावजूद पार्टी छोड़ता देख ‘आहत’ हैं, लेकिन जिन लोगों को कुछ हासिल नहीं हुआ, वे मेरे साथ हैं। मैं आप लोगों से मिलने के लिए जल्द हिंगोली आऊंगा।

शिवसेना से शेवाले की मांग
विधायकों के बाद अब सांसदों के सुर भी बदलने लगे हैं। शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने पार्टी से एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की मांग की है। शेवाले ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उक्त मांग पार्टी के समक्ष रखी है। राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना फिलहाल कांग्रेस उम्मीदवार यशवंत सिंहा के साथ है। राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर दिल्ली में विपक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक में शिवसेना की तरफ से सुभाष देसाई शामिल हुए थे।

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