Maharashtra Politics: विधानसभा उपाध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, कहा- बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी करना गलत नहीं

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Maharashtra Politics: विधानसभा उपाध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, कहा- बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी करना गलत नहीं

Maharashtra Politics: विधानसभा उपाध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, कहा- बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी करना गलत नहीं

मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा है कि एकनाथ शिंदे और अन्य शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी करना गलत नहीं है। झिरवाल ने कहा कि अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया जाना गलत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अयोग्यता नोटिस पर जवाब के लिए विधायकों को 12 जुलाई तक जवाब देने की मोहलत दे दी थी। साथ ही 27 जून के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सियासी संकट के बाद उभरे कई सवाल पर अर्जी दाखिल की गई और जिन पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई की तारीख तय कर दी थी। हालांकि इस सुनवाई पर देर रात तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि यह केस सोमवार को सुने जाने वाले केसों की मुख्य सूची में शामिल नहीं किया गया था।

इन मामलों पर होनी है सुनवाई
अयोग्यता मामला

सुप्रीम कोर्ट से 27 जून को महाराष्ट्र शिवसेना के शिंदे ग्रुप के उन 16 विधायकों को राहत दी थी जिन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष की ओर से अयोग्यता नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एकनाथ शिंदे और अन्य 15 विधायकों को राहत देते हुए 12 जुलाई तक का वक्त दे दिया था और सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय कर दी थी।

फ्लोर टेस्ट मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 29 जून को महाराष्ट्र के फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में 30 जून को फ्लोर टेस्ट होना तय हुआ था। शिवसेना नेता सुनील प्रभू ने राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर भी सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किया और सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय कर दी थी।

शिंदे समेत अन्य को सस्पेंड करने की गुहार

सुप्रीम कोर्ट शिवसेना चीफ विप सुनील प्रभू की उस याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई का फैसला किया था जिसमें प्रभू ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और 15 बागी विधायकों को विधानसभा से तब तक सस्पेंड रखा जाए जब तक कि इनके खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई पेंडिंग है।

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शिंदे ग्रुप के चीफ विप को भी चुनौती
नए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एकनाथ शिंदे ग्रुप द्वारा नामित नए चीफ विप भरत गोरावले की नियुक्ति को मान्यता दिए जाने को भी शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई क लिए 11 जुलाई की तारीख तय की थी।

एकनाथ शिंदे के सीएम के तौर पर नियुक्ति को भी चुनौती
शीर्ष अदालत उस याचिका याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई के लिए सहमति दे दी है जिसमें एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का सीएम बनाए जाने के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चुनौती दी गई है। शिवसेना की ओर से सुभाष देसाई ने अर्जी दाखिल की। देसाई की ओर से कामत ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिंदे गुट और बीजेपी गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने के राज्यपाल के 30 जून के फैसले को चुनौती दी है। ठाकरे ग्रुप की ओर से तीन जुलाई और चार जुलाई के विधानसभा कार्यवाही की वैधता को भी चुनौती दी गई है। इस दौरान सदन का नया अध्यक्ष चुना गया है। साथ ही शिंदे को सीएम बनाया गया है जिसे चुनौती दी गई है।

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‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देशभर की निगाहें’
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा क‍ि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देशभर की निगाहें लगी हैं। इस फैसले से ही देश को यह पता चलेगा कि देश में लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था उचित दिशा में है या नहीं। हमें यह भी मालूम है कि न्यायपालिका कितने दबाव में काम कर रही है। परंतु इस फैसले से यह पता चलेगा कि न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से काम कर पा रही हैं। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।

फैसला संविधान की भावना के अनुरूप होना अपेक्ष‍ित
कांग्रेस नेता विजय वड्डेटीवार ने कहा क‍ि सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान की भावना के अनुरूप और कानून की मर्यादा के भीतर होना अपेक्षित है। पूरे देश की नजर इस फैसले पर है। अगर फैसला सरकार के खिलाफ गया तो महाराष्ट्र में एक ओर राजनीतिक भूकंप आएगा। उधर, एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा क‍ि मैंने जितने भी कानून विशेषज्ञों से बात की है सभी का कहना है कि अगर फैसला कानूनों के तहत हुआ तो शिवसेना के पक्ष में ही जाएगा, क्योंकि शिवसेना उद्धव ठाकरे की ही है।

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