Maharashtra Politics: नेता विपक्ष पद पर टिकीं एनसीपी और उद्धव सेना की नजरें, विधान परिषद में कौन करेगा बीजेपी का सामना ?

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Maharashtra Politics: नेता विपक्ष पद पर टिकीं एनसीपी और उद्धव सेना की नजरें, विधान परिषद में कौन करेगा बीजेपी का सामना ?

Maharashtra Politics: नेता विपक्ष पद पर टिकीं एनसीपी और उद्धव सेना की नजरें, विधान परिषद में कौन करेगा बीजेपी का सामना ?

मुंबई: एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) के रूप में नामित करने के साथ ही शिवसेना विधान परिषद में नेता विपक्ष के पद पर दावा करने के लिए तैयार है। शिवसेना का कहना है कि उसके पास विपक्षी दलों में सबसे अधिक सीटें हैं और इसलिए परिषद में नेता विपक्ष शिवसेना से होना चाहिए। दरअसल शिवसेना के पास विधान परिषद में 13 सदस्य हैं। हालांकि शिवसेना के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि राकांपा विधान परिषद में नेता विपक्ष का पद हासिल करने की इच्छुक है, क्योंकि उनके पास भाजपा से मुकाबले के लिए एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) जैसे अधिक अनुभवी नेता हैं। माना जा रहा है कि शिवसेना इस महीने के अंत तक राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले नेता विपक्ष पद के लिए अपना नाम विधायी सलाहकार अध्यक्ष को भेज सकती है।

शिवसेना के पास एनसीपी से ज्यादा सदस्य
शिवसेना एमएलसी सचिन अहीर ने कहा कि हम सरकार में नहीं हैं और शिवसेना के पास विपक्षी दलों के बीच परिषद में सबसे अधिक सदस्य हैं। हमारे पास 13 सदस्य हैं और एक निर्दलीय का समर्थन है। राकांपा के पास 10 सदस्य हैं और एक निर्दलीय का समर्थन है। इसलिए शिवसेना दावा पेश करेगी और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे इस बारे में विधान परिषद के अध्यक्ष को पत्र भेजेंगे। शिवसेना के करीब 40 विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल हो गए हैं, जबकि अधिकांश एमएलसी अभी भी उद्धव खेमे के साथ हैं।

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नया या पुराना किसको मिलेगी तरजीह ?
शिवसेना के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि अहीर और पूर्व मंत्री अनिल परब विधान परिषद में नेता विपक्ष पद की रेस में से हैं। जबकि पार्टी का एक वर्ग नेता विपक्ष के रूप में एक नए चेहरे पर जोर दे रहा है। वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पार्टी को इस महत्वपूर्ण समय में केवल लंबे समय से वफादारों को पुरस्कृत करना चाहिए, जब पार्टी को अपने सबसे बड़े विद्रोह का सामना करना पड़ा है।

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विधानसभा में नेता विपक्ष राकांपा से
एनसीपी परिषद में भी नेता विपक्ष का पद लेने की इच्छुक है। लेकिन शिवसेना के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद होने जा रहा है क्योंकि नई सरकार को टक्कर देने के लिए यह उसकी एकमात्र आवाज होगी क्योंकि विधानसभा में नेता विपक्ष राकांपा से है। यह एक अनोखी स्थिति होगी, जहां शिवसेना का एक धड़ा निचले सदन में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में है और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला दूसरा गुट ऊपरी सदन में विपक्षी दल है। दरअसल नेता विपक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके पास कैबिनेट रैंक और सदन में कई अन्य विशेषाधिकार हैं। इसे आमतौर पर विधायिका में सरकार पर हमला करने के लिए एक महत्वपूर्ण पद के रूप में देखा जाता है।

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