Maharashtra Political Crisis में दाऊद की भी एंट्री, आज 10.30 पर सुप्रीम सुनवाई में Harish Salve का Abhishek Manu Singhvi से सामना, जानें 5 Updates | Dawood’s entry in Maharashtra Political Crisis, Salve versus Singhvi | Patrika News

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Maharashtra Political Crisis में दाऊद की भी एंट्री, आज 10.30 पर सुप्रीम सुनवाई में Harish Salve का Abhishek Manu Singhvi से सामना, जानें 5 Updates | Dawood’s entry in Maharashtra Political Crisis, Salve versus Singhvi | Patrika News

मामले में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे आज सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट की ओर से मामले का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं, शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें देंगे। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से देवदत्त कामत और डिप्टी स्पीकर की तरफ से एडवोकेट रविशंकर जंध्याला इस केस को लड़ेंगे। विधायकों की ओर से दो याचिकाएं दायर की गई हैं।

दो सदस्यीय पीठ करेगी सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सुनवाई में 7 पक्ष शामिल होने वाले हैं। इनमें डिप्टी स्पीकर, राज्य विधानसभा सचिव, महाराष्ट्र सरकार, अजय चौधरी (उद्धव की ओर से विधायक दल के नए नेता), सुनील प्रभु (उद्धव सरकार के नए मुख्य सचेतक), भारत संघ, डीजीपी महाराष्ट्र शामिल हैं।

विधायकों की याचिका में ये हैं तर्क? बागी विधायकों ने याचिका में कहा है कि शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई से ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं। कहा कि यह जानने के बाद भी विधानसभा डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुन लिया। शिंदे गुट ने कहा है कि नोटिस के बाद उन्हें और उनके अन्य सहयोगियों को हर दिन धमकियां मिल रही हैं। उसकी जान को खतरा है। दूसरा पक्ष (शिवसेना) न केवल उनके परिवारों से सुरक्षा वापस ले चुका है, बल्कि बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश कर रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता के कुछ सहयोगियों की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। विधायकों की याचिका में कहा गया है कि उन्होंने शिवसेना की सदस्यता नहीं छोड़ी है।

सुप्रीम कोर्ट क्या दे सकता है दखल? सरकार या विपक्ष में फूट के ऐसे दर्जनों मामले अब तक सुप्रीम कोर्ट में आ चुके हैं। उन मामलों में सुप्रीम कोर्ट के रुख के आधार पर, उम्मीद है कि अदालत शायद ही डिप्टी स्पीकर की भूमिका, नियुक्तियों और अयोग्यता पर नोटिस जारी करेगी। पिछली सुनवाई पर नजर डालें तो अदालत सदन में शक्ति परीक्षण करने के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए कदम उठा सकती है।

सदन में होगा फैसला इसके पहले कर्नाटक, गोवा जैसे राज्यों में कई बार फैसला कोर्ट से नहीं, बल्कि विधायिका के सदन से आया। याचिका दायर करने वाले बागी विधायकों में प्रकाश राजाराम सुर्वे, भरत गोगावले, तन्हाजी जयवंत सावंत, संदीपन आसाराम भुमरे, महेश संभाजीराजे शिंदे, अब्दुल सत्तार, संजय पांडुरंग सिरशसती, यामिनी यशवंत जाधव, अनिल कलजेराव बाबर, लतबाई चंद्रकांत सोनवणे, चिमनराव रूपचंद पाटिल, बालाजी देवीदासराव कल्याणकर, बालाजी प्रहलाद किनिलकर शामिल हैं। भरत गोगावले को बागी गुट ने अपना मुख्य सचेतक नियुक्त किया है।

संजय राउत पर शिंदे का पलटवार संजय राउत के वार पर एकनाथ शिंदे ने जबर्दस्त पलटवार किया है। राउत ने कहा था कि जो लोग गुवाहटी में हैं, जो 40 लोग (बागी विधायक) वहां हैं, वे जिंदा लाशें हैं। यहां सिर्फ उनके शरीर वापस आएंगे, उनकी आत्मा वहीं मर चुकी होगी। जब ये 40 लोग यहां से बाहर निकलेंगे, तो उनका दिल जिंदा नहीं होगा। हम उनको पोस्टमार्टम के लिए विधानसभा ले जाएंगे।

बालासाहब के विचारों के बचाने के लिए मर जाएं तो बेहतर वहीं एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा है कि, ‘हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व के विचारों के लिए और बालासाहेब की शिवसेना को बचाने के लिए, हम मर भी जाएं तो बेहतर है। उन्होंने आगे कहा कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उस आदमी का समर्थन कैसे कर सकती है, जिनके रिश्ते दाऊद इब्राहिम से हैं। उस दाऊद से जिसने मुंबई के मासूम नागरिकों को बम ब्लास्ट कर मारा था? इस फैसले का विरोध करने के लिए हमें मौत भी आ जाए तो इसकी परवाह नहीं है।

एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे से की बात

महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच एकनाथ शिंदे ने मनसे चीफ राज ठाकरे से बात की है। उन्होंने बातचीत के दौरान राज ठाकरे से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। बता दें कि राज ठाकरे अपने कूल्हे की सर्जरी के बाद रिकवरी कर रहे हैं। हाल ही में वे ऑपरेशन के बाद घर लौटे हैं।

आखिरी दम तक देंगे उद्धव का साथ – पवार शरद पवारएनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने आखिरी दम तक उद्धव ठाकरे का साथ देने की बात कही है। पवार ने कहा कि हमें लगता है कि जब ये लोग (बागी विधायक) वापस आएंगे तो हमारे साथ होंगे। शरद पवार ने कहा कि विधायक जो कह रहे हैं कि उन्हें एनसीपी से दिक्कत है। वे सिर्फ बहाना कर रहे हैं। अगर ऐसी बात है तो पिछले 2.5 साल से वे कहां थे? उन्होंने आगे कहा कि गुवाहाटी जाने वाले विधायक पर कार्रवाई का फैसला उद्धव करेंगे।

राज्यपाल ने सुरक्षा के लिए पत्र लिखे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 2 पत्र लिखकर बागी विधायकों को सुरक्षा देने की मांग की है। उन्होंने पहला पत्र महाराष्ट्र के डीजीपी को लिखा। इसके बाद दूसरा पत्र केंद्रीय गृह सचिव को लिखा। दूसरे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र के बागी 47 विधायकों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों का प्रावधान किया जाए। बता दें कि सभी विधायकों को पहले ही सीआरपीएफ सुरक्षा मुहैया कराई जा चुकी है।

महाराष्ट्र और दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया सीएम उद्धव ठाकरे का समर्थन कर रहे शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पूरे पुणे में शिवसेना के बागी विधायकों के खिलाफ ‘जूत मारो’ आंदोलन किया। इससे पहले शिंदे खेमे के समर्थकों ने ठाणे में उद्धव ठाकरे के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों को पोत दिया था। शिवसेना समर्थकों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर भी विरोध प्रदर्शन किया। कुछ कार्यकर्ताओं ने मुंबई में सामना कार्यालय के बाहर बागी विधायकों के खिलाफ बाइक रैली भी की। महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से तोड़फोड़ के मामले भी सामने आए हैं।

शिवसेना के 15 बागी विधायकों को केंद्र से मिली Y+ सुरक्षा शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा शिंदे खेमे के विधायकों के कार्यालयों और संपत्तियों में तोड़फोड़ की खबरों के बीच केंद्र ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों को ‘वाई प्लस’ सुरक्षा प्रदान की है। हालांकि सूची में बागी नेता एकनाथ शिंदे को शामिल नहीं किया गया। ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा में आठ कर्मी होते हैं जिनमें एक या दो कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल हो सकते हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना के 47 बागी विधायकों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव और महाराष्ट्र के डीजीपी को पत्र लिखा।



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