Maharashtra: फिर दिल्ली पहुंचे एकनाथ शिंंदे, बीजेपी नेताओं से करेंगे मुलाकात! मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कहां फंसा है पेंच?
मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार तो बन गई है। लेकिन मंत्रिमंडल के गठन को लेकर खींचतान जारी है। बैठकों का दौर जारी है। लेकिन कुछ तय नहीं हो पा रहा। इस बीच खबर आ रही कि मंत्रिमंडल गठन की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक बार फिर दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया जा रहा कि वे रविवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। लेकिन खबर यह भी है कि वे मंत्रिमंडल गठन को लेकर भाजपा के बड़े नेताओं से भी मुलाकात हो सकती है।
क्यों नहीं हो रहा मंत्रिमंडल का गठन?
महाराष्ट्र में 35 दिन से ज्यादा का समय हो गया है, जब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली थी। लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। दिल्ली पहुंचने पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि वो नीति आयोग की बैठक में शामिल होने दिल्ली आए हैं और कोई खास वजह नहीं है। मगर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं, उनकी भाजपा के बड़े नेताओं से मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है कि मंत्रियों की लिस्ट तैयार हो चुकी है, बस विभागों को लेकर आलाकमान की मुहर लगना बाकी है।
असली शिवसेना की लड़ाई बनी रुकावट?
कैबिनेट गठन को लेकर अब तक कई तरीखों का ऐलान हो चुका है। लेकिन तारीखें गुजर गईं पर मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया। इसकी बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि शिंदे एकनाथ शिंदे बनाम उद्धव ठाकरे की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। मामले में अगली सुनवाई बहुत जल्द होने की उम्मीद है। ऐसे में शिंदे सरकार यह तय नहीं कर पा रही कि वह मंत्रिमंडल का विस्तार करें या नहीं। क्योंकि अगर अदालत से उनके खिलाफ फैसला आता है या फिर शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराया जाता है। तब उस हालात में शिंदे सरकार के अस्तित्व पर ही खतरा खड़ा हो जाएगा। ऐसे में किसी भी तरह की फजीहत से बचने के लिए शिंदे सरकार ने खामोशी का रास्ता अख्तियार किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 288 है। ऐसे में संवैधानिक रूप से 15 फीसदी ही मंत्री बन सकते हैं। मतलब 42 लोग मंत्री बन सकते हैं। इसमें मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम शामिल हैं। इस तरह से महाराष्ट्र कैबिनेट में 40 मंत्री के लिए जगह है। लेकिन अब सवाल यही उठता है कि शिंदे सरकार अपनी कैबिनेट में कितने लोगों को शामिल करती है।
30 जून को शिवसेना के बागी विधायकों के नेतृत्व में एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। मगर अब तक मंत्रिमंडल का गठन ना होने से वो विपक्षी पार्टियों के लगातार निशाने पर हैं। वहीं बागी विधायकों की सदस्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल का गठन 15 अगस्त से पहले किया जा सकता है।
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महाराष्ट्र में 35 दिन से ज्यादा का समय हो गया है, जब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली थी। लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। दिल्ली पहुंचने पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि वो नीति आयोग की बैठक में शामिल होने दिल्ली आए हैं और कोई खास वजह नहीं है। मगर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं, उनकी भाजपा के बड़े नेताओं से मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है कि मंत्रियों की लिस्ट तैयार हो चुकी है, बस विभागों को लेकर आलाकमान की मुहर लगना बाकी है।
असली शिवसेना की लड़ाई बनी रुकावट?
कैबिनेट गठन को लेकर अब तक कई तरीखों का ऐलान हो चुका है। लेकिन तारीखें गुजर गईं पर मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया। इसकी बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि शिंदे एकनाथ शिंदे बनाम उद्धव ठाकरे की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। मामले में अगली सुनवाई बहुत जल्द होने की उम्मीद है। ऐसे में शिंदे सरकार यह तय नहीं कर पा रही कि वह मंत्रिमंडल का विस्तार करें या नहीं। क्योंकि अगर अदालत से उनके खिलाफ फैसला आता है या फिर शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराया जाता है। तब उस हालात में शिंदे सरकार के अस्तित्व पर ही खतरा खड़ा हो जाएगा। ऐसे में किसी भी तरह की फजीहत से बचने के लिए शिंदे सरकार ने खामोशी का रास्ता अख्तियार किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 288 है। ऐसे में संवैधानिक रूप से 15 फीसदी ही मंत्री बन सकते हैं। मतलब 42 लोग मंत्री बन सकते हैं। इसमें मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम शामिल हैं। इस तरह से महाराष्ट्र कैबिनेट में 40 मंत्री के लिए जगह है। लेकिन अब सवाल यही उठता है कि शिंदे सरकार अपनी कैबिनेट में कितने लोगों को शामिल करती है।
30 जून को शिवसेना के बागी विधायकों के नेतृत्व में एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। मगर अब तक मंत्रिमंडल का गठन ना होने से वो विपक्षी पार्टियों के लगातार निशाने पर हैं। वहीं बागी विधायकों की सदस्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल का गठन 15 अगस्त से पहले किया जा सकता है।
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