Maharashtra: एकनाथ शिंदे और प्रताप सरनाईक में अनबन, फिर से आ सकता है ED का नोटिस, NCP नेता महेश तपासे का बयान

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Maharashtra: एकनाथ शिंदे और प्रताप सरनाईक में अनबन, फिर से आ सकता है ED का नोटिस, NCP नेता महेश तपासे का बयान

Maharashtra: एकनाथ शिंदे और प्रताप सरनाईक में अनबन, फिर से आ सकता है ED का नोटिस, NCP नेता महेश तपासे का बयान

मुंबई: महाराष्ट्र एनसीपी (Maharashtra NCP) के प्रदेश प्रवक्ता तपासे ने एक अहम बयान देकर राज्य की सियासत में खलबली मचा दी है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde) के बागी विधायकों की सीटों पर अब बीजेपी (BJP) की नजर है। तपासे के मुताबिक कल्याण वेस्ट, ओड़ा माजीवाड़ा और अंबरनाथ के विधानसभा क्षेत्र को बीजेपी हथियाना चाहती है। इसलिए कुछ दिनों पहले बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) का एक दौरा यहां आयोजित किया गया था। अपने दौरे के दौरान अनुराग ठाकुर, कल्याण वेस्ट और अंबरनाथ गए। तपासे यहीं नहीं रुके उन्होंने एक और भविष्यवाणी कर डाली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक प्रताप सरनाईक (Pratap Sarnaik) के बीच अनबन की भी खबरें हैं।

फिर आ सकता ईडी का नोटिस
महेश तपासे के दावों पर अगर यकीन करें तो सीएम एकनाथ शिंदे और प्रताप सरनाईक के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बात की भी संभावना है कि ईडी का नोटिस उन्हें दोबारा आ सकता है। इन तीनों ही विधानसभाओं के विधायकों को अब शायद अपनी गलती का अहसास भी हो रहा होगा। साथ ही उन्हें यह भी लग रहा होगा कि अगर वो उद्धव ठाकरे के साथ रहते तो शायद उन्हें यह दिन न देखना पड़ता।

इस मामले में फंसे थे सरनाईक
टॉप्स सिक्योरिटी घोटाला मामले में विधायक प्रताप सरनाईक को कुछ दिनों पहले बड़ी राहत मिली थी। मुंबई पुलिस ने घोटाला मामले में अदालत के समक्ष क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें सरनाईक को क्लीन चिट दी गई थी। इस तरह से एक और नेता पुलिस की गिरफ्त में आते आते बच गया था। फिलहाल इस मामले पर सबकी निगाहें प्रवर्तन निदेशालय पर टिकी हुई हैं। खास बात यह है कि अभी तक लोग पुलिस की क्लोज़र रिपोर्ट के बाद यह मान रहे थे कि ईडी से भी प्रताप सरनाईक को राहत मिल सकती है। हालांकि, जिस तरह की बयानबाजी एनसीपी के नेता सरनाईक के संबंध में करते हुए नजर आ रहे हैं। उससे उनकी मुश्किलें कम होती हुई नजर नहीं आ रही हैं।

क्लोजर रिपोर्ट के मायने
टॉप्स सिक्योरिटी घोटाला मामले में मुंबई पुलिस की य ईओडब्ल्यू ने जो क्लोजर रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की है। उसके मुताबिक प्रताप सरनाईक के खिलाफ आरोप को साबित करने योग्य सबूत नहीं है। इसी रिपोर्ट के आधार पर मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ की कोर्ट में अर्जी दी है। टॉप सिक्योरिटी के पूर्व निदेशक अमित चंडोले और शशिधरन ने अदालत में पुलिस हिरासत के खिलाफ दोष से बरी होने के लिए याचिका दाखिल की है। चंडोले को विधायक प्रताप सरनाईक का करीबी माना जाता है। इस मामले में ईओडब्लू द्वारा पेश की गई सी-समरी को अदालत ने मंजूर कर लिया है। याचिका में दावा किया गया है कि ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामलों का कोई मतलब नहीं है।

क्या है घोटाला?
साल 2014 में टॉप सिक्योरिटी ग्रुप को एमएमआरडीए में 350 से लेकर 500 सुरक्षा गार्ड की आपूर्ति करने का ठेका दिया गया थाम कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी ने शिकायत की थी कि इस सुरक्षा गार्ड अनुबंध में गड़बड़ी हुई थी और प्रताप सरनाईक और अमित चंडोले ने इसका आर्थिक फायदा उठाया। ईडी ने टॉप ग्रुप पर पूर्व प्रबंधक एम शशिधरन गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सरनाईक के घर और कार्यालय में भी छापेमारी की गई थी। साथ ही परिजनों से भी पूछताछ की गई थी।

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