Magadh University: पंचवर्षीय योजना में लटका ग्रैजुएशन, वीसी नवंबर से फरार, बिहार में शिक्षा का बुरा हाल

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Magadh University: पंचवर्षीय योजना में लटका ग्रैजुएशन, वीसी नवंबर से फरार, बिहार में शिक्षा का बुरा हाल

Magadh University: पंचवर्षीय योजना में लटका ग्रैजुएशन, वीसी नवंबर से फरार, बिहार में शिक्षा का बुरा हाल

पटना/गया: बिहार के कई विश्वविद्यालयों में परीक्षा और शैक्षणिक सत्र की देरी अब शिक्षा विभाग के साथ-साथ छात्रों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। लाखों की संख्या में ग्रैजुएशन कर रहे छात्र देरी से परेशान हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ-साथ शिक्षा विभाग परीक्षा और शैक्षणिक सत्र, दोनों को दुरूस्त करने में लगे हैं। लेकिन बिहार के सरकारी विश्वविद्यालयों में सेशन जितनी देरी से चल रहे हैं, उसे देखकर तो यही लगता है कि ‘पंचवर्षीय योजना’ हो गया है। गैजुएशन तो पांच साल बाद ही होगा। खासकर मगध विश्वविद्यालय ( Magadh University ) का हाल तो बेहाल है। यहां के छात्र रिजल्ट जारी करने के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इधर, मंगलवार को एमयू के छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चांसलर सह बिहार के गवर्नर फागू चौहान से मिलने की कोशिश की, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। छात्रों का कहना है कि बहुत जल्द मगध विश्वविद्यालय से राजभवन तक मार्च निकाला जाएगा।

फरार हैं कुलपति!
दरअसल, बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के दर्जन ग्रैजुएशन और अन्य पाठ्यक्रमों के परिणाम छह महीने से एक साल तक लंबित हैं। जिस कारण हजारों छात्रों का करियर खतरे में पड़ गया है। देरी की वजह कोरोना के साथ-साथ भ्रष्टाचार बताया जा रहा है, जिसमें कुलपति राजेंद्र प्रसाद भी शामिल है, जो नवंबर 2021 से फरार हैं। एसवीयू ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। पटना उच्च न्यायालय ने मई में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

आवास से बरामद हुए थे 90 लाख कैश
एसवीयू के अनुसार, वीसी पर कई लाख रुपये की ओएमआर शीट, उत्तर पुस्तिका और पुस्तकालय की किताबों की खरीद में वित्तीय अनियमितता का आरोप है। एसवीयू ने उनके आवास पर छापेमारी कर 90 लाख रुपये नकद, 7.5 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा और 15 लाख रुपये के आभूषण जब्त किए थे। एसवीयू ने साल दिसंबर 2021 में एमयू के रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र कुमार वर्मा, प्रॉक्टर जय नंदन प्रसाद, पुस्तकालय प्रभारी प्रोफेसर बिनोद कुमार को वीसी प्रसाद के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। विश्वविद्यालय के तीनों अधिकारी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

छात्र कर रहे रिजल्ट का इंतजार
मगध विश्वविद्यालय के छात्रों के हाल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सत्र 2018-21 का पार्ट टू की परीक्षा अक्टूबर 2021 में आयोजित की गई थी। वहीं, 2019-22 सत्र का पार्ट वन की परीक्षा पिछले साल नवंबर में आयोजित की गई। 2018-21 व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का पार्ट थ्री की परीक्षा पिछले साल अक्टूबर में आयोजित की गई थी। जिसका रिजल्ट अब तक जारी नहीं किया गया है।

इसके अलावा बैचलर ऑफ एजुकेशन ( B.Ed ) का द्वितीय वर्ष ( 2019-21 ) की परीक्षा पिछले साल दिसंबर में आयोजित की गई थी। प्रथम वर्ष के बैचलर ऑफ एजुकेशन ( 2020-22 ) की परीक्षा पिछले साल दिसंबर में आयोजित की गई। जिसका परिणाम अब तक जारी नहीं किया गया गया है। साथ ही बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस की अक्टूबर 2021 में आयोजित की गई थी, जिसका अंतिम परिणाम अब तक लंबित है।

शिक्षा मंत्री से मिले थे छात्र
बता दें कि पिछले महीने मगध यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से मुलाकात की थी। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए विजय चौधरी ने कहा था कि ‘हमें मगध विश्वविद्यालय के छात्रों से कई शिकायतें मिली हैं। हमने जल्द ही विश्वविद्यालय में एक टीम भेजने और स्थिति की समीक्षा और आकलन करने का फैसला किया है। जल्द ही उनकी शिकायतें दूर कर दी जाएगी।’

मगध विश्वविद्यालय में 2 लाख से अधिक छात्र करते हैं पढ़ाई
बता दें कि मगध विश्वविद्यालय का स्थापान 1962 में हुई थी। इसके अंतर्गत 129 कॉलेज हैं, जिसमें 85 कॉलेज एफिलिएटेड हैं। मगध यूनिवर्सिटी में स्नातक, स्नातकोतर समेत अन्य 704 पाठ्यक्रमों का पढ़ाया जाता है। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, यहां पर 2 लाख से अधिक छात्र पढ़ते हैं। जबकि इन छात्रों को पढ़ाने के लिए 2 हजार से अधिक शिक्षक हैं।

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