Lumpy Virus: सड़क पर ‘लंपी’, तड़प रहा गोवंश, डेयरी संचालकों ने सड़कों पर छोड़ी गायें | Lumpy Virus Jaipur Road cows left | Patrika News
शहर में करीब एक हजार से अधिक अवैध पशु डेयरियां संचालित हो रही है। ये डेयरी संचालक लंपी पीडि़त गोवंश को खुले में ही सड़क पर छोड रहे है। नगर निगम और पशुपालन विभाग इन पशुओं का इलाज कराना तो दूर, इनकी सुध तक नहीं ले रहा है। खुले में घूम रहे इन गोवंश को देखकर लोग भी डरने लगे है।
पशु पालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जहां से भी उनके पास शिकायतें आती है, वहां पर उनकी टीम जा रही है और पशुधन का इलाज शुरू करवाया जा रहा है। उधर निगम अफसरों का तर्क है सड़क पर घूमने वाले आवारा पशुओं को नियमित नगर निगम पकड़ता है, वहीं लंपी पीडि़त पशुधन को हिंगोनिया गौशाला भिजवाया जा रहा है।
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50 से 60 लंपी पीडि़त पशु पकड़ने का दावा…
हैरिटेज नगर निगम पशु प्रबंधन शाखा के उपायुक्त राकेश मीना का कहना है कि निगम को सूचना मिलने पर लंपी वायरस से पीडि़त गायों को एंबुलेंस से हिंगोनिया गौशाला भिजवाया जा रहा है। वहां अलग से बाड़ा बना हुआ है, जहां इन गायों का इलाज किया जा रहा है। उधर डॉ. कमलेश मीना का कहना है कि रोजाना 50 से 60 लंपी पीडि़त पशु पकड़ रहे है, इनमें लोगों की शिकायत के अलावा सड़क पर घूमने वाले पशु शामिल है।
लंपी वायरस से जयपुर में रोजाना 60 से 70 गोवंश की मौत…
नगर निगम सूत्रों की मानें तो जयपुर में लंपी वायरस से पीडित गोवंश की मौत का आंकडा डराने लगा है। दिनोंदिन यह आंकडा बढता जा रहा है, पहले शहर में रोजाना 30 गायें लंपी से मौत का शिकार हो रही थी, वहीं अब रोजाना 60 से 70 गायें लंपी वायरस से अपेट में आ रही है। मृत गोवंश को समय पर नहीं उठाया जा रहा है।
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हैल्पलाइन सेंटर के भरोसे पशुपालन विभाग
पशुपालन विभाग ने लंपी पीडित गोवंश को बचाने के लिए हैल्पलाइन सेंटर शुरू कर रखा है, सेंटर पर सूचना मिलने पर टीम को मौके पर भेजने के दावे किए जा रहे है, जबकि हकीकत यह है कि राजधानी की सड़कों के साथ मुख्य मार्गों और कॉलोनियों में लंपी पीडित गोवंश खुले में घूम रहा है। जबकि पशुपालन विभाग के अफसरों का तर्क है कि हैल्पलाइन सेंटर पर रोजाना 18 से 20 लोग ही शिकायत दर्ज करा रहे है। ऐसे में न जतना जागरूक दिख रही है और न पशुपालन विभाग अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।
लंपी पीडि़त पशु दिखें तो यहां दें सूचना – 01412373237
पशुपालन विभाग ने लंपी पीडित पशुओं की सूचन देने के लिए हैल्पलाइन सेंटर शुरू कर रखा है। जनता इस सेंटर पर फोन कर लंपी पीडित पशुधन की सूचना दे सकते है। सेंटर के नंबर 01412373237 है।
शहर में करीब एक हजार से अधिक अवैध पशु डेयरियां संचालित हो रही है। ये डेयरी संचालक लंपी पीडि़त गोवंश को खुले में ही सड़क पर छोड रहे है। नगर निगम और पशुपालन विभाग इन पशुओं का इलाज कराना तो दूर, इनकी सुध तक नहीं ले रहा है। खुले में घूम रहे इन गोवंश को देखकर लोग भी डरने लगे है।
पशु पालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जहां से भी उनके पास शिकायतें आती है, वहां पर उनकी टीम जा रही है और पशुधन का इलाज शुरू करवाया जा रहा है। उधर निगम अफसरों का तर्क है सड़क पर घूमने वाले आवारा पशुओं को नियमित नगर निगम पकड़ता है, वहीं लंपी पीडि़त पशुधन को हिंगोनिया गौशाला भिजवाया जा रहा है।
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50 से 60 लंपी पीडि़त पशु पकड़ने का दावा…
हैरिटेज नगर निगम पशु प्रबंधन शाखा के उपायुक्त राकेश मीना का कहना है कि निगम को सूचना मिलने पर लंपी वायरस से पीडि़त गायों को एंबुलेंस से हिंगोनिया गौशाला भिजवाया जा रहा है। वहां अलग से बाड़ा बना हुआ है, जहां इन गायों का इलाज किया जा रहा है। उधर डॉ. कमलेश मीना का कहना है कि रोजाना 50 से 60 लंपी पीडि़त पशु पकड़ रहे है, इनमें लोगों की शिकायत के अलावा सड़क पर घूमने वाले पशु शामिल है।
लंपी वायरस से जयपुर में रोजाना 60 से 70 गोवंश की मौत…
नगर निगम सूत्रों की मानें तो जयपुर में लंपी वायरस से पीडित गोवंश की मौत का आंकडा डराने लगा है। दिनोंदिन यह आंकडा बढता जा रहा है, पहले शहर में रोजाना 30 गायें लंपी से मौत का शिकार हो रही थी, वहीं अब रोजाना 60 से 70 गायें लंपी वायरस से अपेट में आ रही है। मृत गोवंश को समय पर नहीं उठाया जा रहा है।
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हैल्पलाइन सेंटर के भरोसे पशुपालन विभाग
पशुपालन विभाग ने लंपी पीडित गोवंश को बचाने के लिए हैल्पलाइन सेंटर शुरू कर रखा है, सेंटर पर सूचना मिलने पर टीम को मौके पर भेजने के दावे किए जा रहे है, जबकि हकीकत यह है कि राजधानी की सड़कों के साथ मुख्य मार्गों और कॉलोनियों में लंपी पीडित गोवंश खुले में घूम रहा है। जबकि पशुपालन विभाग के अफसरों का तर्क है कि हैल्पलाइन सेंटर पर रोजाना 18 से 20 लोग ही शिकायत दर्ज करा रहे है। ऐसे में न जतना जागरूक दिख रही है और न पशुपालन विभाग अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।
लंपी पीडि़त पशु दिखें तो यहां दें सूचना – 01412373237
पशुपालन विभाग ने लंपी पीडित पशुओं की सूचन देने के लिए हैल्पलाइन सेंटर शुरू कर रखा है। जनता इस सेंटर पर फोन कर लंपी पीडित पशुधन की सूचना दे सकते है। सेंटर के नंबर 01412373237 है।