Lucknow: दिल्ली की महिला ने लखनऊ के पुलिसकर्मियों पर लगाए गंभीर आरोप, DGP और कमिश्नर को लिखी चिट्ठी
एनबीटी संवाददाता, लखनऊ : दिल्ली निवासी ज्योतिष प्रवक्ता का आरोप है कि गुडम्बा थाने के पूर्व इंस्पेक्टर ने 13 अप्रैल 2019 को गलत तरीके से उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और जेवर व रुपए हड़प लिए। पीड़िता ने डीजीपी (DGP) और पुलिस कमिश्नर लखनऊ (Police Commissioner Lucknow) को पत्र लिखकर आरोपित गुडम्बा थाने के पूर्व इंस्पेक्टर व एसआई (SI) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। नई दिल्ली (New Delhi) स्थित विवेक विहार निवासी मधु अग्रवाल ज्योतिष शास्त्र की प्रवक्ता हैं।
उनके पति अनिल कुमार अग्रवाल नेशनल काउंसिल ऐंड ट्रेनिंग सोशल रिसर्च नाम से एजेंसी चलाते हैं। वह सरकारी व प्राइवेट विभागों के कर्मचारियों के लिए रिफ्रेशर पाठ्यक्रम व प्रशिक्षण संबंधी सेवा देते हैं। एक कैंप कैंसल होने पर अनिल के खिलाफ रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सेक्टर जी जानकीपुरम के निदेशक ने एफआईआर करवाई थी, जिसमें कंपनी के कर्मचारी दीपक कुमार को भी नामजद किया गया था।
दिल्ली स्थित घर गई गुडम्बा पुलिस ने की थी अभद्रता
मधु अग्रवाल के मुताबिक 13 अप्रैल 2019 को गुडम्बा थाने में तैनात रहे रविन्द्र नाथ राय और सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार व अन्य पुलिसकर्मी उनके नई दिल्ली स्थित आवास एक नोटिस तामील करवाने पहुंचे थे। अनिल घर पर मौजूद नहीं थे, इसके बाद भी पुलिसकर्मियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और रुपये की मांग की। आरोप है कि मांग पूरी न होने पर पीड़िता को पुलिसकर्मियों ने बलपूर्वक पुलिस की गाड़ी में बैठा लिया और उनकी चेन, लॉकेट, बाले, नथ, पायल, हीरे की अंगूठी, माणिक्य की अंगूठी, 22 हजार रुपये, पैन कार्ड, डेबिट कार्ड, आधार कार्ड व अन्य सामान ले लिया।
डीजीपी और पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र
पुलिसकर्मी पीड़िता को विवेक विहार थाने ले गए और वहां से केकेडी कोर्ट में पेश करके लखनऊ स्थित गुडम्बा पुलिस स्टेशन लाया गया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया। पीड़िता के मुताबिक पति अनिल के खिलाफ गुडम्बा थाने में दर्ज एफआईआर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 8 फरवरी 2021 को निरस्त कर दिया था। अब पीड़िता ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी, पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर और डीजीसी नॉर्थ को पत्र लिखा है। आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि पीड़ित का पत्र अभी हमें मिला नहीं है। मामला संज्ञान में आने पर इसकी जांच करवाई जाएगी।
उनके पति अनिल कुमार अग्रवाल नेशनल काउंसिल ऐंड ट्रेनिंग सोशल रिसर्च नाम से एजेंसी चलाते हैं। वह सरकारी व प्राइवेट विभागों के कर्मचारियों के लिए रिफ्रेशर पाठ्यक्रम व प्रशिक्षण संबंधी सेवा देते हैं। एक कैंप कैंसल होने पर अनिल के खिलाफ रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सेक्टर जी जानकीपुरम के निदेशक ने एफआईआर करवाई थी, जिसमें कंपनी के कर्मचारी दीपक कुमार को भी नामजद किया गया था।
दिल्ली स्थित घर गई गुडम्बा पुलिस ने की थी अभद्रता
मधु अग्रवाल के मुताबिक 13 अप्रैल 2019 को गुडम्बा थाने में तैनात रहे रविन्द्र नाथ राय और सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार व अन्य पुलिसकर्मी उनके नई दिल्ली स्थित आवास एक नोटिस तामील करवाने पहुंचे थे। अनिल घर पर मौजूद नहीं थे, इसके बाद भी पुलिसकर्मियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और रुपये की मांग की। आरोप है कि मांग पूरी न होने पर पीड़िता को पुलिसकर्मियों ने बलपूर्वक पुलिस की गाड़ी में बैठा लिया और उनकी चेन, लॉकेट, बाले, नथ, पायल, हीरे की अंगूठी, माणिक्य की अंगूठी, 22 हजार रुपये, पैन कार्ड, डेबिट कार्ड, आधार कार्ड व अन्य सामान ले लिया।
डीजीपी और पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र
पुलिसकर्मी पीड़िता को विवेक विहार थाने ले गए और वहां से केकेडी कोर्ट में पेश करके लखनऊ स्थित गुडम्बा पुलिस स्टेशन लाया गया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया। पीड़िता के मुताबिक पति अनिल के खिलाफ गुडम्बा थाने में दर्ज एफआईआर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 8 फरवरी 2021 को निरस्त कर दिया था। अब पीड़िता ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी, पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर और डीजीसी नॉर्थ को पत्र लिखा है। आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि पीड़ित का पत्र अभी हमें मिला नहीं है। मामला संज्ञान में आने पर इसकी जांच करवाई जाएगी।