LPG and Oil Price Hike: ‘इस मुश्किल वक्त में जब राहत मिलनी चाहिए थी, मिल रही है महंगाई’

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LPG and Oil Price Hike: ‘इस मुश्किल वक्त में जब राहत मिलनी चाहिए थी, मिल रही है महंगाई’

हाइलाइट्स:

  • एक बार फिर गैर-सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर (LPG) के दाम बढ़ा दिए गए
  • कुकिंग ऑयल, सब्जी-फल, दूध से लेकर दवाओं तक के बढ़ते दामों ने लोगों की कमर तोड़ी
  • आपदा में जहां लोगों को राहत मिलनी चाहिए थी, उल्टे महंगाई से दोगुनी मार पड़ रही

नई दिल्ली
एक बार फिर गैर-सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर (एलपीजी) के दाम बढ़ा दिए गए हैं। पहले से ही महंगाई की चौतरफा मार झेल रहे आम लोगों की रसोई का बजट और बिगड़ जाएगा। पेट्रोल-डीजल, सरसों तेल और दूसरे कुकिंग ऑयल, सब्जी-फल, दूध से लेकर दवाओं तक के बढ़ते दामों ने लोगों की कमर तोड़ रखी है। अब एलपीजी के बढ़ते दामों ने आम गृहणियों को सोचने को मजबूर कर दिया है कि कहां से कैसे कटौती करें, जिससे बैलेंस बन पाए। बता दें कि गैर-सब्सिडी वाला एक घरेलू एलपीजी सिलिंडर 809 रुपये से बढ़कर 834.50 रुपये हो गया है।

इस महंगाई में क्या खाएं और क्या नहीं?
उत्तम नगर में किराये पर रहने वालीं उषा का कहना है कि कोविड के चलते प्राइवेट कंपनी ने तनख्वाह नहीं बढ़ाई है। ऐसे में बढ़ती महंगाई से आम इंसान कैसे घर चलाएगा? हर साल किराया बढ़ता है, पेट्रोल के दाम हर दिन बढ़ रहे हैं। सरसों के तेल की कीमत पहले ही काफी बढ़ चुकी है। हरी सब्जियों और फलों के दाम भी बढ़ गए हैं। रही-सही कसर एलपीजी सिलिंडर ने पूरी कर दी। इस महंगाई में क्या खाएं और क्या नहीं, यह तय करना मुश्किल हो गया। हर दिन आलू की सब्जी और दाल-चावल नहीं खा सकते। पिछले एक साल से सब्सिडी की राशि भी नहीं आ रही।

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समझ नहीं आता, आम आदमी कहां जाएगा?
वहीं, उत्तम नगर की पूनम शर्मा का कहना है कि कोविड की वजह से पहले ही घर का बजट बिगड़ा हुआ है। नौकरीपेशा लोगों की एक लिमिटेड कमाई होती है। महीने की सैलरी से घर चलता है। गैस सिलिंडर के दाम बढ़ने की वजह से पूरे घर का बजट बिगड़ गया है। बच्चों की स्कूल फीस से लेकर सारे खर्च हैं। पेट्रोल के दाम रोज बढ़ रहे हैं। दूध का दाम बढ़ गया। समझ नहीं आता, आम आदमी कहां जाएगा।

हर साल किराया बढ़ता है, पेट्रोल के दाम रोज बढ़ रहे हैं। सरसों तेल, हरी सब्जियों, फलों के दाम भी बढ़ गए हैं। रही-सही कसर एलपीजी सिलिंडर ने पूरी कर दी। इस महंगाई में क्या खाएं और क्या नहीं, तय करना मुश्किल हो गया।

उषा, होम मेकर

चूल्हे पर लड़कियां जलाकर खाना बनाना पड़ेगा
छावला निवासी ललित शौकीन का कहना था कि गैस सिलिंडर के रेट दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। घर के खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है। हर 2 या 3 महीने में दाम 50-60 रुपए बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पति कॉन्ट्रैक्ट पर जॉब करते हैं। उनकी साल में दो बार तनख्वाह बढ़ती है, वो भी सिर्फ 100-120 रुपये। सिलिंडर के दाम हर 2-3 महीने में बढ़ रहे हैं, घर के खर्चों में से पैसे बचाने की सोचती हूं। लेकिन, इस महंगाई में बचत बहुत मुश्किल है। अगर सिलिंडर के दाम ऐसे ही बढ़ते रहे तो मजबूरन आम गृहणियों को पुराने जमाने की तरह चूल्हे पर लड़कियां जलाकर खाना बनाना पड़ेगा, तभी घर में दो पैसे बच पाएंगे।

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राहत की जगह महंगाई की दोगुनी मार पड़ी
हरि नगर की मोनिका जैन के मुताबिक, आपदा में जहां लोगों को राहत मिलनी चाहिए थी, उल्टे महंगाई से दोगुनी मार पड़ रही है। पहले एक किलो सब्जी लेते थे, अब आधा किलो लेना पड़ रहा है। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। एलपीजी के बढ़ते दामों ने मध्यमवर्गीय परिवार की जेब पर सेंध लगा दी है। पहले ही किचन के सभी सामान के दाम काफी बढ़ चुके हैं।

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