Lok Sabha Election 2024: सड़क नहीं तो वोट नहीं, ग्रामीणों का चुनावी बहिष्कार का ऐलान! | Lok Sabha Election 2024 No roads no votes | News 4 Social h3>
लंबे समय से मिल रहा आश्वासन ग्रामीणों का आरोप है कि लंबे समय से सड़क निर्माण को लेकर आश्वासन मिलता रहा, पर अभी तक उन्हें सड़क नही मिल पाई है। गांव का मुख्य रास्ता खराब होने से ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क नहीं तो वोट नहीं गांव में जगह-जगह “सड़क नहीं तो वोट नहीं” के बैनर लगा दिए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सीमा क्षेत्र पर होने के कारण गांव उपेक्षित है। झांसी मिर्जापुर राजमार्ग से गांव को जोड़ने वाली सड़क लंबे समय से गड्ढों में तब्दील हो गई है।
रास्ते में ही प्रसव हो चुके ग्रामीणों ने कहा कि मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। कई बार रास्ते में ही प्रसव हो चुके हैं।
कई बार उठी मांग ग्रामीणों ने विधायक से लेकर सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर सड़क निर्माण की मांग की, पर उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। बन गया चुनावी मुद्दा
ग्राम प्रधान गजेश राजपूत, पूर्व प्रधान भगवान दास मिश्रा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए हल्ला बोल दिया है। यह मुद्दा चुनावी रणनीति का हिस्सा बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें सड़क निर्माण का ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता, वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
लंबे समय से मिल रहा आश्वासन ग्रामीणों का आरोप है कि लंबे समय से सड़क निर्माण को लेकर आश्वासन मिलता रहा, पर अभी तक उन्हें सड़क नही मिल पाई है। गांव का मुख्य रास्ता खराब होने से ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क नहीं तो वोट नहीं गांव में जगह-जगह “सड़क नहीं तो वोट नहीं” के बैनर लगा दिए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सीमा क्षेत्र पर होने के कारण गांव उपेक्षित है। झांसी मिर्जापुर राजमार्ग से गांव को जोड़ने वाली सड़क लंबे समय से गड्ढों में तब्दील हो गई है।
रास्ते में ही प्रसव हो चुके ग्रामीणों ने कहा कि मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। कई बार रास्ते में ही प्रसव हो चुके हैं।
कई बार उठी मांग ग्रामीणों ने विधायक से लेकर सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर सड़क निर्माण की मांग की, पर उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। बन गया चुनावी मुद्दा
ग्राम प्रधान गजेश राजपूत, पूर्व प्रधान भगवान दास मिश्रा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए हल्ला बोल दिया है। यह मुद्दा चुनावी रणनीति का हिस्सा बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें सड़क निर्माण का ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता, वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।