Local Body Elections: निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट के फैसले को उपेंद्र कुशवाहा ने बता दिया बीजेपी की साजिश, आखिर कहना क्या चाहते हैं?
बिहार में स्थानीय नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रिया मिलनी भी शुरू हो रही है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया है।
पटनाः जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में चल रहे नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर चुनाव रोकने के पटना हाईकोर्ट के फैसले अपनी प्रतिक्रिया दी है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट का यह फैसला बीजेपी की साजिश का परिणाम है।
संवैधानिक औपचारिकता पूरी कर ली होती, तो यह नौबत नहीं आती
उपेंद्र कुशवाहा ने नगर निकायों के चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को रद्द करने और तत्काल चुनाव रोकने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसा निर्णय केंद्र सरकार और बीजेपी की गहरी साजिश का परिणाम है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने समय पर जातीय जनगणना करा लिया होता और आवश्यक संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली होती तो आज यह नौबत नहीं आती।
आरक्षण के खिलाफ दर्ज याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया
आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार में इसी महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है। आरक्षण के खिलाफ दर्ज की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट में आज यह फैसला सुनाया है। फैसले में पटना हाई कोर्ट का कहना है कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य वर्ग में सूचित कर चुनाव कराए जाएंगे। इसके अलावा हाई कोर्ट द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से कहा गया है कि वह मतदान तारीख को आगे बढ़ाना चाहे तो बढ़ा सकते हैं।
अब तो यह जगदा बाबू ही बताएंगे कि किस तरह की लड़ाई को आगे नहीं बढ़ाना चाहते: उपेंद्र कुशवाहा
गौरतलब है कि बिहार में स्थानीय निकाय के पहले चरण का चुनाव 10 अक्टूबर और दूसरे चरण का चुनाव 20 अक्टूबर को होना था।
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संवैधानिक औपचारिकता पूरी कर ली होती, तो यह नौबत नहीं आती
उपेंद्र कुशवाहा ने नगर निकायों के चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को रद्द करने और तत्काल चुनाव रोकने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसा निर्णय केंद्र सरकार और बीजेपी की गहरी साजिश का परिणाम है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने समय पर जातीय जनगणना करा लिया होता और आवश्यक संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली होती तो आज यह नौबत नहीं आती।
आरक्षण के खिलाफ दर्ज याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया
आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार में इसी महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है। आरक्षण के खिलाफ दर्ज की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट में आज यह फैसला सुनाया है। फैसले में पटना हाई कोर्ट का कहना है कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य वर्ग में सूचित कर चुनाव कराए जाएंगे। इसके अलावा हाई कोर्ट द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से कहा गया है कि वह मतदान तारीख को आगे बढ़ाना चाहे तो बढ़ा सकते हैं।
अब तो यह जगदा बाबू ही बताएंगे कि किस तरह की लड़ाई को आगे नहीं बढ़ाना चाहते: उपेंद्र कुशवाहा
गौरतलब है कि बिहार में स्थानीय निकाय के पहले चरण का चुनाव 10 अक्टूबर और दूसरे चरण का चुनाव 20 अक्टूबर को होना था।
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