Liquor in Haryana: एक साल में 558 करोड़ रुपये की 173 लाख लीटर दारू पी गए फरीदाबाद के लोग

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Liquor in Haryana: एक साल में 558 करोड़ रुपये की 173 लाख लीटर दारू पी गए फरीदाबाद के लोग

Liquor in Haryana: एक साल में 558 करोड़ रुपये की 173 लाख लीटर दारू पी गए फरीदाबाद के लोग

फरीदाबाद: जाम के शौकीन फरीदाबादियों की बदौलत सरकार को जमकर राजस्व मिला है। सरकार ने ठेकों से राजस्व की कमाई का टारगेट 471 करोड़ रुपये रखा था, जबकि आय उससे कहीं अधिक 558 करोड़ रुपये की हुई है। आंकड़े मार्च-2022 से मार्च-2023 के हैं। फरीदाबाद एक्साइज डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के अनुसार, फरीदाबाद के लोगों ने एक साल के अंदर 173 लाख लीटर से भी ज्यादा दारू पी ली है। हरियाणा एक्साइज डिपार्टमेंट की तरफ से जो टारगेट दिया गया था, उससे ज्यादा फरीदाबाद ने हासिल कर लिया है, जिसका फायदा हरियाणा सरकार को हो रहा है। ग्रेटर फरीदाबाद एक शहर के रूप में विकसित हो रहा है, यहां बार का लाइसेंस लेने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कोविड काल से पहले यानी 2019 की बात करें तो ग्रेटर फरीदाबाद में दो ही बार हुआ करते थे। अब ग्रेटर फरीदाबाद के अंदर छह बार खुल चुके हैं। इसके अलावा अन्य फाइलें अभी कतार में हैं। कुल मिलाकर आने वाले समय में बार कल्चर ग्रेटर फरीदाबाद में पैर जमाने वाला है। इस वक्त शहर में 34 बार चलाए जा रहे हैं।ज़िला आबकारी अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, 237 ठेकों के साथ फरीदाबाद प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। यहां शराब की बढ़ती मांग को इस तरह समझा जा सकता है कि सरकार ने ठेकों से राजस्व की कमाई का टारगेट 471 करोड़ रुपये रखा था, जबकि आय उससे कहीं अधिक 558 करोड़ रुपये की हुई। यह बीते वर्ष हुई 433 करोड़ की कमाई से अधिक है।

तस्करी वाली शराब की 5% खपत अलग

फरीदाबाद में प्रतिदिन औसतन 27,147 लीटर अंग्रेजी व 20,775 लीटर देसी शराब की खपत होती है। इसमें अवैध और अनाधिकारिक रूप से बिकने वाली शराब शामिल नहीं है। शराब कारोबार से जुड़े एक शख्स ने बताया कि शहर में शराब तस्करी का एक समानांतर चैनल भी चलता है। आबकारी शुल्क नहीं चुकाने के कारण तस्कर थोक रेट में ही शराब की होम डिलिवरी कर देते हैं। उनके मुताबिक कुल कारोबार में तस्करी वाली शराब की करीब पांच प्रतिशत खपत है।

UP बॉर्डर से सटे लोग हरियाणा से खरीदते हैं बोतल

हरियाणा में शराब की खपत का बड़ा कारण ये भी है कि उत्तरप्रदेश बॉर्डर से सटे कुछ इलाकों में लोग हरियाणा में आकर शराब खरीद लेते हैं। एक सूत्र ने बताया कि उत्तरप्रदेश व हरियाणा के बॉर्डर पर चेकिंग कम होती है, इसलिए ज्यादातर लोग हरियाणा से शराब खरीद लेते हैं। उत्तरप्रदेश में शराब के दाम ज्यादा है। यह भी कारण है कि ज़िले में टारगेट से ज्यादा शराब की बिक्री हुई है।

डिस्ट्रिक्ट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर अनिल कुमार यादव ने बताया कि शराब की बिक्री से मिलने वाले रेवेन्यू में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि मैंने फरीदाबाद में हाल ही में जॉइन किया है। फाइल देखकर ही ज्यादा जानकारी दी जा सकेगी।

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