LIC IPO: 2 हिस्सों में आ सकता है LIC का मेगा आईपीओ, देश में पहली बार होगा ऐसा

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LIC IPO: 2 हिस्सों में आ सकता है LIC का मेगा आईपीओ, देश में पहली बार होगा ऐसा

हाइलाइट्स

  • सरकार की LIC के IPO के जरिए 1 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना
  • यह इश्यू दो किस्तों में आ सकता है, दोनों के बीच कुछ महीने का अंतराल होगा
  • माना जा रहा है कि मार्केट इतने बड़े इश्यू को संभालने की स्थिति में नहीं है

मुंबई
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के आईपीओ (IPO) का निवेशकों को बेसब्री से इंतजार है। इसके जरिए सरकार 1 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि यह इश्यू दो किस्तों में आ सकता है। दोनों किस्तों के बीच कुछ महीने का अंतराल होगा। इसकी वजह यह मानी जा रही है कि मार्केट इतने बड़े इश्यू को संभालने की स्थिति में नहीं है।

अगर इस योजना को अमली जामा पहनाया जाता है तो देश में यह पहला मौका होगा जब कोई इश्यू दो किस्तों में आएगा। सेबी के मौजूदा नियमों के मुताबिक आईपीओ के 18 महीनों को भीतर प्रमोटर अपना स्टेक 20 फीसदी से कम नहीं कर सकते हैं। साथ ही 1 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप वाली बड़ी कंपनी के प्रमोटर दो साल में अपनी हिस्सेदारी 10 फीसदी तक कम कर सकते हैं।

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सभी विकल्पों पर विचार
एलआईसी के आईपीओ के लिए जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है उनमें कॉर्नरस्टोन इनवेस्टर्स शामिल हैं। ये आईपोओ से पहले इसमें भारी निवेश कर सकते हैं। अमूमन सरकारी कंपनियां ऑफर से पहले निवेशकों के साथ किसी तरह का शेयर प्लेसमेंट नहीं करती हैं। इनमें कॉर्नरस्टोन इनवेस्टर्स को शेयरों की बिक्री, बड़े निवेशकों के लिए प्री-आईपीओ प्लेसमेंट या इश्यू खुलने से एक दिन पहले एंकर निवेशकों को आईपीओ का एक हिस्सा बेचना शामिल है।

एक अधिकारी ने कहा कि एलआईसी के ऑफर को सफल बनाने के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। सॉवरेन वेल्थ फंड्स और प्राइवेट इक्विटी फंड्स सहित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूशंस को इसमें संभावित इनवेस्टर्स माना जा रहा है। इस साल अब तक फूड डिलीवरी सर्विसेज कंपनी जोमैटो (Zomato) का 9,375 करोड़ रुपये का आईपीओ सबसे बड़ा है। यह 38 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ। लेकिन निरमा समूह की सीमेंट कंपनी नुवोको विस्टा के 5,000 करोड़ रुपये का आईपीओ केवल 1.7 गुना ही सब्सक्राइब हो पाया।

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सेबी ने किया नियमों में बदलाव
एलआईसी के आईपीओ की राह आसान बनाने के लिए सेबी ने हाल के समय में आईपीओ के कुछ नियमों में बदलाव किया है। सेबी ने फरवरी में कहा कि अगर आईपीओ के बाद किसी कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये पहुंचता है तो यह 2 साल में 10 फीसदी और 5 साल में 25 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग के स्तर तक पहुंच सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि आईपीओ के 5 साल बाद सरकार की एलआईसी में 75 फीसदी हिस्सेदारी होगी जिसे बाद में घटाकर 51 फीसदी तक लाया जाएगा।

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