LIC में सरकारी हिस्सा बेचने के प्रोसेस में पंगा, बदलनी होगी एफडीआई पॉलिसी

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LIC में सरकारी हिस्सा बेचने के प्रोसेस में पंगा, बदलनी होगी एफडीआई पॉलिसी

हाइलाइट्स

  • LIC के IPO के लिए एफडीआई नीति में होगा बदलाव
  • बीमा क्षेत्र में आटोमैटिक रूट के तहत 74% की अनुमति
  • लेकिन ये नियम एलआईसी पर लागू नहीं होते हैं
  • एलआईसी संसद के बनाए अलग कानून से चलती है

नई दिल्ली
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के महा आईपीओ (IPO) का निवेशकों को बेसब्री से इंतजार है। लेकिन इसके विनिवेश की राह इतनी आसान नहीं है। इसमें अभी कई पेच हैं। इनमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति भी शामिल है। यही वजह है कि सरकार एफडीआई नीति में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। एलआईसी में एफडीआई की मंजूरी से ग्लोबल फंड्स इसके आईपीओ में हिस्सा ले सकेंगे।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन के मुताबिक मौजूदा एफडीआई नीति एलआईसी की विनिवेश प्रक्रिया को आसान नहीं बनाएगी। इसलिए इसमें संशोधन की जरुरत है। उन्होंने कहा कि सरकार एफडीआई नीति को और आसान बनाने पर काम कर रही है। इसमें तुरंत बदलाव की जरूरत है क्योंकि हमें एलआईसी का विनिवेश करना है। हम संशोधित एफडीआई नीति ला रहे हैं, जो एलआईसी की विनिवेश प्रक्रिया को आसान बनाएगी।

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क्या है पेच
जैन ने कहा कि हमारे स्तर पर और अभी दो दौर की चर्चा हो चुकी है और डीपीआईआईटी, डीएफएस (वित्तीय सेवा विभाग) तथा दीपम में इसको लेकर सहमति है। हम एफडीआई नीति में जरुरी बदलावों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में हैं और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजेंगे। इस बारे में अंतिम फैसला कैबिनेट को लेना है।

एफडीआई की वर्तमान नीति के अनुसार बीमा क्षेत्र में आटोमैटिक रूट के तहत 74 परसेंट विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम एलआईसी पर लागू नहीं होते हैं क्योंकि उसकी व्यवस्था संसद के बनाए एलआईसी अधिनियम से चलती है। एलआईसी में एफडीआई की मंजूरी से ग्लोबल फंड्स इसके आईपीओ में हिस्सा ले सकेंगे और साथ ही लिस्टिंग के बाद उनके लिए अहम हिस्सेदारी खरीदने का रास्ता भी खुल जाएगा।

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सबसे बड़ा आईपीओ
कैबिनेट ने पिछले साल जुलाई में एलआईसी को आईपीओ को मंजूरी दी थी। माना जा रहा है कि जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में कंपनी का आईपीओ आ सकता है जो देश का अब तक का सबसे बड़ा इश्यू होगा। वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक एलआईसी की लिस्टिंग चाहता है। एलआईसी का आईपीओ एक लाख करोड़ रुपये का हो सकता है।

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