LG और दिल्ली सरकार में ठनी, डिप्टी CM की चिट्ठी के जवाब में उपराज्यपाल सक्सेना ने CM केजरीवाल को लिखा पत्र
विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः दिल्ली में 7 जगहों पर कोविड अस्पताल बनाने में अनियमितताओं के कथित आरोपों के संबंध में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) को जांच शुरू करने की अनुमति देने के मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और दिल्ली सरकार के बीच ठन गई है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एसीबी को जांच की मंजूरी दिए जाने की एलजी की कार्रवाई को नियमों के खिलाफ बताते हुए पिछले हफ्ते उन्हें एक चिट्ठी लिखी थी और उनकी कार्रवाई पर कई सवाल उठाए थे। उसके जवाब में अब एलजी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर सिसोदिया के दावों को पूरी तरह गलत, तथ्यविहीन और भ्रामक बताया है। इतना ही नहीं, एलजी ने सीएम से यह भी कहा है कि वह अपने मंत्रियों को सलाह दें कि ऐसे गैरजरूरी और तथ्यविहीन दावे करने से दूर रहें, जो न केवल जनता को भ्रमित करने वाले हैं, बल्कि प्रशासनिक कामों में अड़ंगा लगाते भी नजर आते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को सीएम केजरीवाल को भेजी गई चिट्ठी में एलजी ने लिखा कि यह बहुत दुखद और हैरान करने वाला है कि डिप्टी सीएम ने इस विषय पर कानूनी और तथ्यात्मक रूप से गलत बयान दिया और एक प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत की गई कार्रवाई को अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। एलजी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में ‘सर्विसेज’ को लेकर वर्तमान संवैधानिक और कानूनी स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के खिलाफ मिली भ्रष्टाचार की शिकायत पर जांच शुरू करने की अनुमति बेहद सावधानीपूर्वक, सोच-विचारकर और पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर दी गई है। एलजी ने कहा कि जिन अनियमितताओं का आरोप लगा है, एसीबी द्वारा उनकी जांच होना अभी बाकी है। ऐसे में डिप्टी सीएम का इस बात पर जोर देना कि पूर्व एलजी ने पूरी जांच करने के बाद इस मामले को बंद कर दिया था, यह अपने आप में बड़ा हैरान करने वाला है।
एलजी ने फाइल नोटिंग्स का हवाला देते हुए लिखा कि नोटिंग्स से यह स्पष्ट है कि इस मामले को कभी भी पूरी तरह बंद नहीं किया गया था और इसलिए यह दावा कि बंद किए गए केस को दोबारा खोला गया है, यह पूरी तरह गलत है। ऐसे में डिप्टी सीएम के असत्यापित दावे और कथन पूरी तरह निराधार और अनुचित हैं और ये केवल आम जनता को इस मुद्दे पर भ्रमित करने का प्रयास नजर आते हैं।
एलजी ने सीएम को याद दिलाया कि मीटिंगों के दौरान हमेशा इस बात पर हमारी एक राय रही है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे। मैं अपनी इस प्रतिबद्धता पर दृढ़ता से कायम हूं और उम्मीद करता हूं कि इस प्रयास में आप पूरा सहयोग करेंगे। लोगों को अच्छा प्रशासन देने के हमारे प्रयासों को ध्यान में रखते हुए मैं फिर आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने मंत्रियों को सलाह दें कि वे इस तरह के गैरजरूरी और तथ्यविहीन दावे करने से दूर रहें, जो न केवल भ्रमित करने वाले हैं, बल्कि काम में अड़ंगा लगाने वाले नजर आते हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को सीएम केजरीवाल को भेजी गई चिट्ठी में एलजी ने लिखा कि यह बहुत दुखद और हैरान करने वाला है कि डिप्टी सीएम ने इस विषय पर कानूनी और तथ्यात्मक रूप से गलत बयान दिया और एक प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत की गई कार्रवाई को अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। एलजी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में ‘सर्विसेज’ को लेकर वर्तमान संवैधानिक और कानूनी स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के खिलाफ मिली भ्रष्टाचार की शिकायत पर जांच शुरू करने की अनुमति बेहद सावधानीपूर्वक, सोच-विचारकर और पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर दी गई है। एलजी ने कहा कि जिन अनियमितताओं का आरोप लगा है, एसीबी द्वारा उनकी जांच होना अभी बाकी है। ऐसे में डिप्टी सीएम का इस बात पर जोर देना कि पूर्व एलजी ने पूरी जांच करने के बाद इस मामले को बंद कर दिया था, यह अपने आप में बड़ा हैरान करने वाला है।
एलजी ने फाइल नोटिंग्स का हवाला देते हुए लिखा कि नोटिंग्स से यह स्पष्ट है कि इस मामले को कभी भी पूरी तरह बंद नहीं किया गया था और इसलिए यह दावा कि बंद किए गए केस को दोबारा खोला गया है, यह पूरी तरह गलत है। ऐसे में डिप्टी सीएम के असत्यापित दावे और कथन पूरी तरह निराधार और अनुचित हैं और ये केवल आम जनता को इस मुद्दे पर भ्रमित करने का प्रयास नजर आते हैं।
एलजी ने सीएम को याद दिलाया कि मीटिंगों के दौरान हमेशा इस बात पर हमारी एक राय रही है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे। मैं अपनी इस प्रतिबद्धता पर दृढ़ता से कायम हूं और उम्मीद करता हूं कि इस प्रयास में आप पूरा सहयोग करेंगे। लोगों को अच्छा प्रशासन देने के हमारे प्रयासों को ध्यान में रखते हुए मैं फिर आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने मंत्रियों को सलाह दें कि वे इस तरह के गैरजरूरी और तथ्यविहीन दावे करने से दूर रहें, जो न केवल भ्रमित करने वाले हैं, बल्कि काम में अड़ंगा लगाने वाले नजर आते हैं।