भारत सरकार ने सभी व्यावसायिक बैंको, जिला सहकारी बैंको और डाकघरों को प्रवृत्ति से बाहर किये गए 500 और 1000 रूपये के पुराने नोट को भारतीय रिजर्व बैंक में जमा कराने के लिए एक अंतिम मौका और दिया है। सभी बैंको को 20 जुलाई तक दी गई समय सीमा के अंदर सभी पुराने नोट भारतीय रिजर्व बैंक में जमा करे देने की हिदायत दी गई है, मगर वही नोट होंगे जो निर्धारित समय अवधि के दौरान ही एकत्र किये गए हो । यह उन बैंको के लिए राहत की खबर हो सकती है जो बैंक किसी कारण से नोट जमा नहीं करा पाए।
इससे पहले भी मिले थे मौके
आठ नवंबर की मर्मभेदी नोटबंदी घोषणा के पश्चात सरकार ने व्यावसायिक बैंकों एवं डाकघरों को चलन से बाहर कर दिए गए नोटों को 30 दिसंबर तक स्वीकार करने की इजाजत दी थी । हालांकि जिला केंद्रीय सहकारी बैंको को पहले 14 नवंबर तक ही ऐसे नोटों को स्वीकार करने की अनुमति मिली थी। अधिसूचना के जरिये सभी बैंको और डाकघरों को अगले एक महीने में आरबीआई से इन पुराने नोटों को बदल लेने की अनुमति दी है, लेकिन शर्त यह रखी है कि जो नोट चलन से बाहर कर दिए गए है वो नोट 30 दिसंबर, 2016 तक ही एकत्र किये गए हो।
बैंको को बताने होंगे कारण
भारत सरकार ने सभी बैंको को एक अंतिम मौका दिया है पुराने नोट भारतीय रिजर्व बैंक में जमा कराने का मगर साथ ही शर्त भी रखी है। बैंको को शर्तो को मानते हुए ही नोट जमा कराने होंगे। शर्त के मुताबिक़ जमा कराने वाले बैंको को पहले की तय समय अवधि में नोट जमा ना कर पाने का कारण देना होगा। साथ ही सरकार ने शर्त रखी है रिजर्व बैंक सिर्फ वही नोट स्वीकारेगा जो 30 दिसंबर तक जमा किये गए हो उसके बाद जमा हुए नोट रिजर्व बक द्वारा स्वीकार्य नहीं होंगे।