Lalu Yadav Kidney Transplant: ऐसे बदल जाएगी जिंदगी, पहले कुछ दिनों तक बरतनी होगी ये सावधानियां!

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Lalu Yadav Kidney Transplant: ऐसे बदल जाएगी जिंदगी, पहले कुछ दिनों तक बरतनी होगी ये सावधानियां!

Lalu Yadav Kidney Transplant: ऐसे बदल जाएगी जिंदगी, पहले कुछ दिनों तक बरतनी होगी ये सावधानियां!

पटना: आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का किडनी ट्रांसप्लांट होना है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू प्रसाद की जिंदगी बदल जाएगी। पहले कुछ दिनों तक उन्हें कई सावधानियां बरतनी होगी। डॉक्टरों के अनुसार किडनी फेलियर से ग्रसित मरीज के लिए किडनी ट्रांसप्लांट ही उनके लिए सबसे बेहतर इलाज है। जबकि डायलिसिस एक विकल्प होता है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद की जिंदगी लाइफ डायलिसिस कराने से बेहतर होती है। ट्रांसप्लांट करने का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि मरीज कुछ समय बाद अपनी नॉमर्ल जिंदगी जी सकें।

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद तीन चरणों में बदलाव
डॉक्टर बताते है कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीज जिंदगी को सामान्य रूप से व्यतीत कर सकते है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद की अवधि को तीन श्रेणियों में बांटा जाता है। पहला ट्रांसप्लांट के तुरंत बाद का समय जो पहला महीना होता है। उसके बाद अल्पावधि एक महीने से एक साल का समय, उसके बाद दीर्घावधि एक साल के बाद का समय। इनके अपने कारण हैं। किडनी ट्रांसप्लांट का पहला महीना वो होता है, जब मरीज बड़े संक्रमण से ठीक हो रहे होते हैं। डाक्टर की ओर से मरीज कई इंजेक्शन्स दिए जाते हैं। जिससे शरीर उस समय नए किडनी को अस्वीकार न करें, अगर डॉक्टर मारीज के शरीर में किसी और की किडनी लगाते है, चाहे वो उसके पुत्र-पुत्री, पत्नी, भाई और बहन किसी की भी हो, लेकिन कहीं न कहीं वह किसी अन्य व्यक्ति की किडनी है, तो हो सकता है कि व्यक्ति का शरीर उसे अपना न सके। इसको लेकर डॉक्टर कई तरह के इंजेक्शन और दवाईयां देते हैं। ताकि मरीज का शरीर उसे अस्वीकार न करें। इससे मरीज का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इससे मरीज में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि इन इंजेक्शन के बावजूद अस्वीकृति की संभावना बनी रहती है। इसलिए इन सब बातों का खास ध्यान रखा जाता है। मरीज काफी बड़ी प्रक्रिया से ठीक हो रहे होते हैं।
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7 से 10 दिनों बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होने की उम्मीद
ट्रांसप्लांट के पहले दो हफ्ते मरीज को अस्पताल में एडमिट रहना होता है। डॉक्टर आमतौर पर ट्रांसप्लांट से 7 से 10 दिन बाद मरीज को डिस्चार्ज करते हैं। शुरू के पहले महीने में डॉक्टर मरीज को हर दूसरे दिन चेकअप के लिए बुलाया जाता है। ऐसे में वह हफ्ते में तीन बार चेकअप के लिए आते हैं। इन चेकअप में ज्यादा वक्त नहीं लगता है। इससे डॉक्टर को मरीज की सेहत के बारे में पता चल जाता है। डॉक्टर किडनी फंक्शन को जानने के लिए कुछ टेस्ट भी करवाते हैं। यदि मरीज को कोई संक्रमण है, तो शुरुआत के पहले महीने में डॉक्टर के पास लगातार चेकअप कराना चाहिए। ट्रांसप्लांट के बाद कुछ लोग काफी जल्दी नॉर्मल हो जाते हैं। क्योंकि एक काम करती हुई किडनी के साथ हेल्थ पर काफी असर पड़ता है। ऐसे कई लोग हैं, जो ट्रांसप्लांट के दूसरे हफ्ते में ही नॉर्मल महसूस करते हैं। हालांकि ऑपरेशन वाली जगह पर उन्हें थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है। लेकिन बिना किसी दिक्कत के कई काम करने में सक्षम होते हैं। लगभग 4 हफ्ते के बाद मरीज का घाव पूरी तरह से भर जाएगा और मरीज पहले की तरह महसूस करेंगे।

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ट्रांसप्लांट के बाद अधिक से अधिक पानी पीने की जरूरत
ट्रांसप्लांट के बाद डाइट की बात करें, तो मरीज को पानी मात्रा में पीना चाहिए। अगर मरीज ने डायलेसिस कराया है, तो ट्रांसप्लांट में एक दिन में लगभग 3 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। खाने में ज्यादा परहेज नहीं होता है, बस मरीज को नमक का सेवन कम करना है। जो लोग डायबिटिक हैं,उन्हें मीठे के सेवन पर ध्यान देने की जरूरत है। शुरू होने के छह महीने में बाहर का खाना नहीं खाने की सलाह दी जाती है। कुछ दिनों बार रोजमर्रा का काम कर सकेंगे।

(ये सभी जेनरिक सलाह है, मरीज अपने डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार ही बेहतर स्वास्थ्य को लेकर आवश्यक कदम उठाएं)

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