लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के तीसरे केस में भी जुर्माने के साथ जेल की सज़ा

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी सज़ा हो गयी है. लालू को इस केस में पांच साल की कैद के साथ पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गयी है. अदालत ने इस मामले में लालू के साथ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्‍नाथ मिश्रा को भी पांच साल की जेल और पांच हजार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई है.

बता दें कि दोनों दिग्गज नेताओं को चाईबासा कोषागार से 36.67 करोड़ की अवैध निकासी की मामले में ये सज़ा हुई है. अदालत ने इस मामले में 56 में से 50 आरोपियों को दोषी करार दिया है, जिसमें लालू प्रसाद यादव और जगन्‍नाथ मिश्रा भी शामिल है. इसके अलावा अदालत ने इस मामले में छह आरोपियों को बरी भी कर दिया है.

लालू यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस ने उन्‍हें फंसाया और इसमें सबसे बड़ी भूमिका नीतीश कुमार की रही है. उन्‍होंने कहा है कि निचली अदालत का फैसला अंतिम नहीं है और हमारे पास विकल्‍प है. हम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. लालू प्रसाद को दोषी करार दिए जाने पर आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा कि हम पहले भी झटके झेल चुके हैं. अब हम दो स्‍तर पर लड़ाई लड़ेंगे एक कानूनी और दूसरी लड़ाई सड़क पर लड़ी जाएगी.

चारा घोटाला के चाईबासा मामले में दस जनवरी को बहस पूरी हो गई थी और मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 33 करोड़, 67 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत ने यह फैसला सुनाया है.

Lalu in jail -

इससे पहले छह जनवरी को रांची में ही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने लालू यादव को देवघर कोषागार से जुड़े चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई थी.

नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जहां साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. वहीं उनके दो पूर्व सहयोगी लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात वर्ष की कैद एवं बीस लाख रुपये जुर्माना एवं बिहार के पूर्व मंत्री आर के राणा को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख रूपये जुर्माने की सजा विशेष सीबीआई अदालत ने सुनाई थी.