करीब 1000 करोड़ रूपये के चारा घोटाले में दोषी पाए गए राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अपनी सजा की सुनवाई के लिए 1 दिन का और इंतजार करना पड़ेगा. आप को बता दें की चारा घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद गुरुवार को सीबीआई अदालत, रांची के द्वारा उनकी सजा का ऐलान होना था लेकिन उस पर सुनवाई ना हो पाने के कारण अब सजा शुक्रवार को सुनाई जाएगी. सीबीआई कोर्ट ने आरजेडी सुप्रीमो समेत 16 आरोपियों को 23 दिसंबर 2017 को देवघर ट्रेजरी में भ्रष्टाचार से जुड़े चारा घोटाले वाले मामले में दोषी करार दिया था. जबकि सह-आरोपी जगन्नाथ मिश्रा सहित 17 लोगों कों बरी कर दिया था. फैसला आने के बाद उनको तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था. यह घोटाला देवघर कोषागार से करीब नब्बे लाख रुपए अवैध रूप से निकाले जाने से जुड़ा है और यह मामला 1996 में खबरों में आया था. इस घोटाले में जानवरों के चारा, दवाई और पशुपालन से जुड़े उपकरणों के पैसे में गड़बड़ी की गई थी.
लालू प्रसाद यादव जिस धारा के तहत दोषी पाए गए हैं उसमे उन्हें 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है, अगर उन्हें तीन साल तक की सजा होती है, तो जमानत के लिए हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं। लेकिन उससे ज्यादा वर्षों की सजा पाए जाने की स्थिति में उन्हें कानूनन अपील करने का प्रावधान का फायदा नहीं मिलेगा. आपको बता दें वो 1997 में प्रथम बार चारा घोटाले में नाम जुड़े होने की वजह से जेल गए थे. उनके जेल जाने के पश्च्यात, राबड़ी देवी ने बिहार के मुख़्यमंत्री का कार्यभार संभाला था. उनके जेल जाने के वजह से उस वक़्त पार्टी के ऊपर कोई खास फर्क नहीं आया था, हालाँकि अब स्थितियां बदल चुकी हैं. उनकी पार्टी से गठबंधन तोड़ कर नितीश कुमार की पार्टी जदयू ने भाजपा के समर्थन से बहुमत साबित करके बिहार में सरकार बरकरार रखी है. पहले से ही मुश्किलों में चल रही पार्टी के लिए लालू के दोषी पाए जाने की वजह स्थितियां बदतर हो गयी हैं.
हालाँकि लालू प्रसाद यादव के जेल जाने की स्थिति में उनके दोनों पुत्रों के द्वारा पार्टी की अनाधिकारिक रूप से हाई कमान बनने की अटकलें हैं. 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए पार्टी ने अभी से कमर कस ली है. लेकिन लालू प्रसाद यादव के जेल जाने की वजह पार्टी की छवि पर असर पड़ने की सम्भावना है.