Kurhani Assembly By Election Exit Poll: कुढ़नी में किसकी हो रही जीत, जानिए कौन बन रहा ‘किंग’

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Kurhani Assembly By Election Exit Poll: कुढ़नी में किसकी हो रही जीत, जानिए कौन बन रहा ‘किंग’

Kurhani Assembly By Election Exit Poll: कुढ़नी में किसकी हो रही जीत, जानिए कौन बन रहा ‘किंग’

Kurhani Assembly By Election 2022: पिछले कुछ दिनों की रस्साकशी के बाद सोमवार को कुढ़नी उपचुनाव के लिए मतदान हो गया। प्रतिष्ठा की इस सीट पर बीजेपी-जेडीयू समेत सभी पार्टियों के नेता जीत के दावे कर रहे हैं, हालांकि यहां पर कड़ा संघर्ष दिख रहा है। विधानसभा के आम चुनाव में यहां पर करीब 64 फीसदी वोटिंग हुई थी। जबकि उप चुनाव में 57.9 फीसदी वोटिंग हुई है। यानी कि आम चुनाव से करीब 6 फीसदी कम मतदान होना नजदीकी संघर्ष की ओर इशारा कर रहा है। बताया जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर बने नए समीकरण भी परिणाम पर असर डालेंगे। हालांकि 8 दिसंबर को पता चल पाएगा कि कुढ़नी का किंग कौन होगा।

कम मतदान बढ़ा रहे धड़कन
कुढ़नी में 2020 विधानसभा चुनाव से करीब 6 फीसदी कम मतदान हुआ है। 2020 एनडीए (बीजेपी और जेडीयू) की ओर से भाजपा ताल ठोक रही थी। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की ओर से आरजेडी के उम्मीदवार मैदान में थे। 2020 में आरजेडी की जीत हुई थी। हालांकि बदले सियासी समीकरण में इस बार आरजेडी-जेडीयू एक साथ है. जबकि बीजेपी अकेले है। इस बार बीजेपी और जेडीयू में सीधी लड़ाई है। हालांकि 6 फीसदी कम मतदान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि उपचुनाव में कुढ़नी विधानसभा के सवर्ण इलाकों में काफी कम वोटिंग हुई है। आमतौर पर ऐसे इलाके बीजेपी माइंडेड माने जाते हैं, लेकिन इस उपचुनाव में इन इलाकों के वोटरों ने वीआईपी का भी अच्छा खासा समर्थन किया था, जिससे सवाल ये भी उठ रहा है कि जितना नुकसान बीजेपी को हो रहा है, उतना ही नुकसान क्या वीआईपी को भी हो रहा है?

कम वोटिंग प्रतिशत से किसे फायदा?
अब सवाल उठ रहा है कि कम वोटिंग प्रतिशत के किसे फायदा होगा। वह इस बात पर निर्भर करेगा कि वीआईपी प्रत्याशी नीलाभ कुमार और एआईएमआई एम के प्रत्याशी मोहम्मद गुलाम अंसारी ने कितने वोटों को काटा या किसने अपने वोटरों को ज्यादा बेहतर तरीके से पोलिंग बूथ तक पहुंचाया।

वहीं, मतदाताओं के रुझान की बात करें तो महागठबंधन से जदयू प्रत्याशी मनोज कुशवाहा को अपनी पार्टी के अलावा गठबंधन की राजद, हम, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल के मतदाताओं का एकमुश्त वोट मिलने की संभावना है। इसके चलते जदयू प्रत्याशी मनोज कुशवाहा, भाजपा प्रत्याशी केदार प्रसाद गुप्ता से आगे निकलते नजर आ रहे हैं। वहीं सवर्ण मतदाताओं ने भाजपा पर विश्वास जताते हुए अगर इस बार बीजेपी प्रत्याशी को ही वोट किया है तो एआईएमआईएम के प्रत्याशी की ओर से जितने वोट काटे गए हैं, उसका लाभ केदार प्रसाद गुप्ता को मिलता नजर आ रहा है। अब चुनाव के नतीजे का सभी को इंतजार है।

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