‘कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है’ गुनगुनाते हुये आज 47 वर्ष के हो गए कुमार विश्वास

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हिंदी कविता की प्रसिद्ध कविताओं में से कुछ लोकप्रिय कविता के रचयिता कुमार विश्वास का आज जन्मदिन है. वो आज 47 साल वर्ष के हो गए हैं. शनिवार को उनके जन्मदिन के मौके पर उनके चाहने वाले और शुभचिंतक उन्हें जन्मदिन की बधाईयां दे रहे हैं. ये कुमार विश्वास की लोकप्रियता ही है जो उनके जन्मदिन पर बड़ी-बड़ी हस्तियों से लेकर आम इंसान भी उन्हें सोशल मीडिया के जरिए बर्थडे विश कर रहे हैं.

10 फरवरी 1970 को जन्मे कुमार विश्वास सिर्फ अपनी कविताओं के लिए ही नहीं बल्कि अपने राजनैतिक सफ़र के लिए भी लोकप्रिय रहे हैं. हालाँकि कुछ समय से उनके राजनैतिक जीवन  की उथल-पुथल भी चर्चा में हैं.

 

कुमार विश्वास काAap party - जीवन

कुमार विश्वास ने 1994 में राजस्थान के एक कॉलेज में लेक्चरर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. लेकिन  इसके बाद अपनी मेहनत के बल पर   हिंदी कविता मंच के सबसे महान कवियों में शुमार हो गए. कुमार ने कई कवि सम्मेलनों की शोभा बढ़ाई है और वे पत्रिकाओं के लिए भी लिखते हैं. मंचीय कवि होने के साथ-साथ विश्वास हिंदी सिनेमा के गीतकार भी हैं और आदित्य दत्त की फिल्म ‘चाय गरम’ में उन्होंने अभिनय भी किया है.

इस प्रसिद्ध कवि का जन्म 10 फरवरी, 1970 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद के पिलखुआ में हुआ था. उनकी लिखी हुई कविता ‘कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है’ उनकी सबसे  प्रसिद्ध कविताओं  में से एक है. कुमार विश्वास का नाम आते ही इस कविता का नाम आज भी सबकी जुबान पर आ जाता है. विख्यात लेखक धर्मवीर भारती ने कुमार विश्वास को अपनी पीढ़ी का सबसे ज्यादा संभावनाओं वाला कवि कहा था.

क्या कहती है आईएएनएस की रिपोर्ट

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक कुमार के पिता चाहते थे कि वो इंजीनियर बनें. लेकिन उनका इंजीनियरिंग की पढ़ाई में मन नहीं लगता था, वह कुछ अलग करना चाहते थे.  इस वजह से उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और हिंदी साहित्य में ‘स्वर्ण पदक’ जीतकर ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.

इसके बाद उन्होंने एमए किया और ‘कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना’ विषय पर पीएचडी हासिल की. इस कार्य के लिए उन्हें वर्ष 2001 में पुरस्कृत भी किया गया था.

बताया जाता है कि कुमार एक कविता से लाखों रुपए कमा लेते थे. जिंदगी का मोड़ कैसे बदलता है ये कुमार विश्वास से बेहतर कोई नहीं जानता होगा. गौरतलब है कि (युनाईटेड प्रगतिशील गठबंधन) यूपीए-2 की सरकार वर्ष २०११ में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई थी. एकदम से अन्ना हजारे इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले जनलोकपाल की डिमांड करते राष्ट्रीय फलक पर आ गये. कुमार विश्वास भी तब इस डिमांड में शामिल हो गए. उसके बाद वो अगस्त महीने में जनलोकपाल  आंदोलन के लिए गठित टीम अन्ना के एक सक्रिय सदस्य रहे. वे २६ नवम्बर २०१२ से गठित आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं. डॉ॰ कुमार विश्‍वास ने अमेठी से लोकसभा का चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के खिलाफ और पूर्व मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ भी लड़ा, परन्‍तु हार गए. वो एक ऐसे छवि वाले कवि हैं जिसने राजनीति को युगधर्म के आलावा कुछ नहीं समझा.