जानिये, क्यों हुआ राज्यसभा में हंगामा?

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जानिये, क्यों हुआ राज्यसभा में हंगामा?
जानिये, क्यों हुआ राज्यसभा में हंगामा?

बीते कुछ वर्षों से संसद कार्यवाही के लिए कम हंगामें के लिए ज्यादा मशहूर हो गई है। संसद में एक तरफ सत्ताधारी तो दूसरी तरफ तमाम विपक्षीय शामिल होते है, संसद में किसी बात को लेकर मतभेद होना स्वभाविक है, लेकिन संसद में हंगामा करने का क्या आशय है? संसद में हंगामा, संसद की कार्यवाही स्थगित आदि खबरों से मीडिया पूरी तरह से भरा होता है। सही मायने में संसद की प्रणाली पर गौर किया जाए तो यही नतीजा निकलता है कि संसद में मतभेद जारी हो, लेकिन हंगामा करना कहाँ तक मुनासिफ है?

संसद में मानसून सत्र जारी है। मंगलवार को राज्‍यसभा की कार्यवाही की शुरुआत ही काफी हंगामेदार रही। नए नोट की छपाई को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने दावा किया कि सरकार एक ही डिनोमिनेशन के दो अलग-अलग प्रकार के नोट छाप रही है। कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने एक ही नोट के दो तरह की फोटोकॉपी दिखाई। उन्होंने कहा कि यह पता चल गया है कि सरकार ने नोटबंदी क्यों की थी ? सिब्बल ने कहा कि रिजर्व बैंक दो तरह के नोट छाप रहा है, अलग-अलग साइज के, अलग-अलग डिजाइन के, अलग-अलग फीचर्स के। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज हमें पता चला है कि ऐसा क्यों हो रहा है? जो नोट भाजपा कार्यकर्ता के पास चुनाव के दौरान आए, वो यही नोट हैं। कांग्रेस नेता कपिल सिबब्ल की बात सुनने के बाद संसद में उपस्‍थित विपक्ष के सभी सांसद ‘शेम-शेम’ के नारे लगाने लगे।

इसी बीच विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस सदी का यह सबसे बड़ा घोटाला है। दो तरह के हजार और पांच सौ के नोट की छपाई हुई है। एक पार्टी चलाए और एक सरकार चलाए। साथ ही आजाद ने कहा कि इतनी भ्रष्ट सरकार को पांच मिनट भी सत्ता में रहने का हक नहीं है। जदयू के दिग्गज नेता शरद यादव भी चुप नहीं रहे उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है, सरकार को जवाब देना होगा। साथ ही शरद ने यह भी कहा कि एक ही मूल्य के दो तरह के नोट नहीं छापे जा सकते।

विपक्ष के हंगामें पर उपसभापति ने कहा कि वह इस मामले के एक्सपर्ट नहीं हैं। इसलिए सांसदों को अलग से नोटिस देना होगा, तभी इस मुद्दे पर कोई चर्चा हो सकती है। विपक्षी सांसदों के शोरगुल के बीच भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपने (कांग्रेस ने) हमेशा भ्रष्टों को बचाया। ऐसे बेबुनियाद आरोप नहीं लगाया करें। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर शून्य काल का वक्त बर्बाद करने का आरोप लगाया। जेटली ने विपक्ष से कहा कि आप जब चाहें कागज उछाल कर पॉइंट ऑफ ऑर्डर का हवाला देने लगते हैं। इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना रवैया बहुत दुखद है। विपक्ष जीरो आवर को लगातार बाधित कर रहा है।

बहरहाल, दो तरह की नोटों की छपाई में सच्चाई है या नहीं, इस बात की जांच सरकार को करानी चाहिए, ताकि विपक्ष द्वारा सरकार पर लगाए गये इस आरोप की सच्चाई देश की जनता के सामने आये।