KL Rahul: केएल राहुल ने तोड़ी चुप्पी, आलोचकों को दिया तीखा जवाब, टी20 विश्व कप से पहले खत्म कर दी सारी बहस
मोहाली: टीम इंडिया के उप कप्तान केएल राहुल टी20 फॉर्मेट के पिछले कुछ मैचों में अपने बेहतरीन लय में नजर नहीं आए हैं। हालांकि इंडियन प्रीमियर लीग में उनका प्रदर्शन शानदार रहा था लेकिन चोट के कारण इस साल वह नेशनल टीम के आधिकतर मैचों से बाहर ही रहे थे। ऐसे में जब वह टीम में वापसी किए तो उनका प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा जिसकी उनसे उम्मीद थी। ऐसे में राहुल को लेकर आलोचनाएं तेज होने लगी।
वहीं अब राहुल ने खुद अपनी आलोचनाओं का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि, ‘रन की संख्या बेशक धोखा दे सकती है लेकिन यह पूरी दास्तां बयां नहीं करती’ और टी20 विश्व कप से पहले उनकी कोशिश पावरप्ले ओवरों में अपने ‘स्ट्राइक रेट’ को सुधारने की है।’
राहुल टीम इंडिया के लिए पिछले कुछ सालों से एक गेम चेंजर खिलाड़ी के तौर पर उभरे हैं। हाल ही में यूएई में एशिया कप के दौरान 122.22 के स्ट्राइक रेस से बल्लेबाजी की थी, जिसे लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे थे। इन सभी सवालों पर राहुल ने कहा, ‘यह (स्ट्राइक रेट) ऐसी चीज है जिसके लिए हर खिलाड़ी काम करता है। कोई भी ‘परफेक्ट’ नहीं है। हर कोई किसी ना किसी चीज पर काम कर रहा है।’ हालांकि राहुल के करियर में टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का स्ट्राइक रेट 61 मैचों में 140 से ज्यादा का है क्योंकि पारी के अंत में वह इसकी भरपायी कर लेते हैं।
उन्होंने इस बहस पर अपना तर्क देते हुए कहा, ‘स्ट्राइक रेट ‘ओवरऑल’ (कुल स्कोर के) आधार पर लिया जाता है।’ राहुल ने कहा, ‘आप एक बल्लेबाज को किसी एक निश्चित स्ट्राइक रेट पर खेलते हुए कभी नहीं देखते। उसके लिए 200 के स्ट्राइक रेट पर खेलना अहम था या फिर टीम 100 या 120 के स्ट्राइक रेट से खेलने से भी जीत सकती थी, इन चीजों के बारे में हमेशा आकलन नहीं किया जाता। इसलिये जब आप इसे पूर्ण रूप से देखते हैं तो यह धीमा दिखता है।’ लेकिन राहुल अपने स्ट्राइक रेट पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस पर काम कर रहा हूं। निश्चित रूप से पिछले 10 से 12 महीनों में प्रत्येक खिलाड़ी के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। हर किसी के पास स्पष्ट समझ है कि उससे किस चीज की उम्मीद है। मैं बस इसी ओर काम कर रहा हूं कि मैं बतौर ओपनर बल्लेबाज खुद को कैसे बेहतर कर सकता हूं।’
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती टी20 से पहले भारतीय उप कप्तान ने कहा, ‘टीम के माहौल ने हमेशा खिलाड़ियों को अपनी गलतियों से सीख लेने दी है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने ऐसा माहौल बनाया है जिसमें खिलाड़ी विफल होने से डरते नहीं हैं या गलतियां करने के बाद भय महसूस नहीं करते। अगर गलतियां होती हैं तो ये हमने ये की हैं। हमें इनके लिये कड़ी मेहनत करनी होगी।’
आलोचनाएं तो होती रहेंगी लेकिन यह भारतीय टीम खुद की आलोचना में भरोसा करती है। उन्होंने कहा, ‘आलोचना तो हर कोई करता है लेकिन हम ही सबसे ज्यादा आलोचना करते हैं। हम देश के लिये खेल रहे हैं और जब हम अच्छा नहीं कर पाते तो इससे हमें सबसे ज्यादा दुख होता है।’
राहुल टीम इंडिया के लिए पिछले कुछ सालों से एक गेम चेंजर खिलाड़ी के तौर पर उभरे हैं। हाल ही में यूएई में एशिया कप के दौरान 122.22 के स्ट्राइक रेस से बल्लेबाजी की थी, जिसे लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे थे। इन सभी सवालों पर राहुल ने कहा, ‘यह (स्ट्राइक रेट) ऐसी चीज है जिसके लिए हर खिलाड़ी काम करता है। कोई भी ‘परफेक्ट’ नहीं है। हर कोई किसी ना किसी चीज पर काम कर रहा है।’ हालांकि राहुल के करियर में टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का स्ट्राइक रेट 61 मैचों में 140 से ज्यादा का है क्योंकि पारी के अंत में वह इसकी भरपायी कर लेते हैं।
उन्होंने इस बहस पर अपना तर्क देते हुए कहा, ‘स्ट्राइक रेट ‘ओवरऑल’ (कुल स्कोर के) आधार पर लिया जाता है।’ राहुल ने कहा, ‘आप एक बल्लेबाज को किसी एक निश्चित स्ट्राइक रेट पर खेलते हुए कभी नहीं देखते। उसके लिए 200 के स्ट्राइक रेट पर खेलना अहम था या फिर टीम 100 या 120 के स्ट्राइक रेट से खेलने से भी जीत सकती थी, इन चीजों के बारे में हमेशा आकलन नहीं किया जाता। इसलिये जब आप इसे पूर्ण रूप से देखते हैं तो यह धीमा दिखता है।’ लेकिन राहुल अपने स्ट्राइक रेट पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस पर काम कर रहा हूं। निश्चित रूप से पिछले 10 से 12 महीनों में प्रत्येक खिलाड़ी के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। हर किसी के पास स्पष्ट समझ है कि उससे किस चीज की उम्मीद है। मैं बस इसी ओर काम कर रहा हूं कि मैं बतौर ओपनर बल्लेबाज खुद को कैसे बेहतर कर सकता हूं।’
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती टी20 से पहले भारतीय उप कप्तान ने कहा, ‘टीम के माहौल ने हमेशा खिलाड़ियों को अपनी गलतियों से सीख लेने दी है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने ऐसा माहौल बनाया है जिसमें खिलाड़ी विफल होने से डरते नहीं हैं या गलतियां करने के बाद भय महसूस नहीं करते। अगर गलतियां होती हैं तो ये हमने ये की हैं। हमें इनके लिये कड़ी मेहनत करनी होगी।’
आलोचनाएं तो होती रहेंगी लेकिन यह भारतीय टीम खुद की आलोचना में भरोसा करती है। उन्होंने कहा, ‘आलोचना तो हर कोई करता है लेकिन हम ही सबसे ज्यादा आलोचना करते हैं। हम देश के लिये खेल रहे हैं और जब हम अच्छा नहीं कर पाते तो इससे हमें सबसे ज्यादा दुख होता है।’