Kaun Banega Crorepati जीतने के बाद इस शख्स की जिंदगी में शुरू हुआ सबसे बुरा दौर, सिगरेट-शराब की लत के बाद पत्नी ने भी छोड़ा

70
Kaun Banega Crorepati जीतने के बाद इस शख्स की जिंदगी में शुरू हुआ सबसे बुरा दौर, सिगरेट-शराब की लत के बाद पत्नी ने भी छोड़ा


Kaun Banega Crorepati जीतने के बाद इस शख्स की जिंदगी में शुरू हुआ सबसे बुरा दौर, सिगरेट-शराब की लत के बाद पत्नी ने भी छोड़ा

Kaun Banega Crorepati Winner Life: सुशील कुमार ने मेगास्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) द्वारा होस्ट किए गए क्विज शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (Kaun Banega Crorepati) के पांचवें सीजन में 5 करोड़ रुपये जीते थे. इतनी बड़ी राशि जीतने पर व्यक्ति अपने सपनो को पूरा करने की जुगत में लग जाता है और ऐसा ही कुछ सुशील कुमार (Sushil Kumar) के साथ हुआ, जो इतनी बड़ी रकम जीतकर गहरे डिप्रेशन में चले गए थे. उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर अपनी पीड़ा के बारे में पोस्ट किया और बताया कि कैसे केबीसी में जीतना उनके जीवन का सबसे खराब दौर था. सुशील कुमार अब नॉर्मल लाइफ में लौट आए हैं, उन्होंने पढ़ाना फिर से शुरू कर दिया है, स्मोकिंग को अलविदा कह दिया और पर्यावरणविद् बन गए हैं. 

केबीसी जीतना सबसे बुरा दौर

सुशील की एफबी पोस्ट का कैप्शन दिया गया था, ‘द वर्स्ट पीरियड ऑफ माई लाइफ.’ सुशील ने लिखा कि 2015-2016 मेरे जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण समय था. मुझे नहीं पता था कि क्या करना है. मैं एक स्थानीय हस्ती था और बिहार में कहीं न कहीं एक महीने में 10 या कभी-कभी 15 दिन भी कार्यक्रमों में शामिल होता था. मैं पढ़ाई से दूर होता जा रहा था और क्योंकि मैं एक स्थानीय हस्ती था, मैंने उन दिनों मीडिया को बहुत गंभीरता से लिया. कभी-कभार पत्रकार मेरा इंटरव्यू लेते और मेरे बारे में लिखते थे. मैं उन्हें अपने बिजनेस के बारे में बताता था, ताकि मैं उन्हें बेरोजगार ना लगूं. हालांकि, वो बिजनेस कुछ दिनों बाद ही बंद हो गए. 

पत्नी से संबंध हुए खराब

उन्होंने आगे केबीसी के बाद मूर्ख बनने की बात कही, उन्होंने कहा कि केबीसी के बाद, मैं एक परोपकारी बन गया, जो ‘गुप्त दान’ का आदी था और एक महीने में हजारों कार्यक्रमों में शामिल होता था. इस वजह से कई बार लोगों ने मुझे धोखा दिया, जिसका पता मुझे बाद में दान करने के बाद ही लगा. इस वजह से मेरी पत्नी के साथ मेरे संबंध धीरे-धीरे खराब होते जा रहे थे. वह अक्सर कहती थी कि मुझे नहीं पता कि सही और गलत लोगों के बीच अंतर कैसे किया जाता है और मुझे भविष्य की चिंता नहीं थी. हम अक्सर इस पर लड़ते रहते थे.

शराब की लगी लत

सुशील ने आगे कहा कि अपने बिजनेस की वजह से मैं जामिला मिलिया में जर्नलिज्म का कोर्स करने वाले कुछ बच्चों से मिला. कुछ IIMC और कुछ JNU के स्टूडेंट्स से भी बात की. मेरी मुलाकात कुछ थिएटर आर्टिस्ट के साथ भी हुई . लेकिन जब ये छात्र और कलाकार किसी विषय के बारे में बात करते तो मुझे डर लगता था कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी क्यों नहीं है. धीरे-धीरे, मुझे शराब और धूम्रपान की लत लग गई. जब भी मैं दिल्ली में एक हफ्ते के लिए रुकता था, मैं सात अलग-अलग ग्रुप्स के साथ शराब और धूम्रपान करता था. 

गुस्से में हुआ काम खराब

सुशील ने आगे बताया कि वो कंगाल कैसे हुए, उन्होंने लिखा ‘और अब, मैं दिवालिया कैसे हो गया…? आपको कहानी थोड़ी ‘फिल्मी’ लगेगी उस रात, जब मैं फिल्म ‘प्यासा’ देख रहा था, जो अपने क्लाइमैक्स पर थी, मेरी पत्नी चिल्लाते हुए आती है और कहती है कि मैं एक ही फिल्म को बार-बार देखकर पागल हो जाऊंगा. उसने मुझे कमरा छोड़ने के लिए कहा. मैंने अपना लैपटॉप बंद किया और टहलने निकल गया. मैं दुखी था क्योंकि हमने एक महीने से ज्यादा समय से बात नहीं की थी. और जब मैं चल रहा था, एक अंग्रेजी अखबार के एक पत्रकार ने फोन किया. जब सब कुछ ठीक चल रहा था, अचानक उसने मुझसे कुछ पूछा जिससे मैं चिढ़ गया, तो मैंने अचानक उसे बताया कि मेरे सारे पैसे खत्म हो गए हैं और मेरे पास दो गायें हैं और दूध बेचकर और उससे कुछ पैसे कमाकर बच रहा हूं और उसके बाद आप सभी उस खबर के असर से वाकिफ होंगे. इसके तुरंत बाद, लोगों ने मुझसे संपर्क साधना बंद कर दिया. मुझे कार्यक्रमों में बुलाना भी बंद कर दिया गया और तभी मुझे यह सोचने का समय मिला कि मुझे आगे क्या करना चाहिए.

मुंबई में करियर को संभालने की कोशिश की

सुशील ने लिखा कि इस बीच, मेरी पत्नी और मेरे बीच बहुत बड़ा झगड़ा हुआ. जिसके बाद, वह अपने मायके चली गई और तलाक के लिए कहा. तब मुझे एहसास हुआ अगर मुझे अपनी शादी को बचाना है तो मुझे एक फिल्म निर्देशक बनना पड़ेगा और खुद को एक नई पहचान दिलानी होगी. इसलिए सुशील ने फिल्म निर्देशक बनने की सोची और वो मुंबई आ गए. लेकिन वहां जाकर उन्हें एहसास हुआ कि वह कोई ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो निर्देशक बनने के लिए मुंबई आए हैं, बल्कि वो एक भगोड़े हैं, जो सच्चाई से दूर भागता है. खुशियां छोटी-छोटी बातों में छिपी होती हैं. जितना हो सके लोगों की मदद करने का प्रयास करना चाहिए जिसकी शुरुआत अपने घर/गांव से करनी चाहिए. मैंने तीन स्क्रिप्ट लिखीं जो एक प्रोडक्शन हाउस को पसंद आईं और उन्होंने मुझे इसके लिए 20 हजार रुपये दिए.

वापस पटरी पर लौटी जिंदगी

मुंबई छोड़ने के बाद, सुशील घर वापस चले गए और एक नया जीवन शुरू किया. उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और साल 2019 में स्मोकिंग छोड़ दी और कई परियोजनाओं से जुड़ गए, जिससे उन्हें शांति मिली. सुशील कुमार ने यह भी बताया कि उन्हें एसबीआई बैंक द्वारा उनकी मोतिहारी शाखा के शीर्ष 20 जमाकर्ताओं में शामिल होने के लिए सम्मानित किया गया था. 

ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर





Source link