Katni Tunnel News Update : टूट गई थीं उम्मीदें, अब हम जीवित नहीं बचेंगे… चार मजदूरों की जुबानी आठ घंटे की कहानी
कटनी : मध्यप्रदेश के कटनी (katni tunnel hadsa update) जिले स्थित स्लीमनाबाद के नजदीक एक निर्माणाधीन सुरंग के अचानक धंसने से इसके मलबे से सुरक्षित बचाए गए मजदूर मोतीलाल कोल (katni tunnel hadsa survivor laborers) ने कहा कि उसने जीवित बाहर निकलने की सभी उम्मीदें छोड़ दी थी। उसने मलबे में नीचे फंसे एक अन्य मजदूर से कहा था कि यदि वह मर जाता है तो उसकी मां को ढाढ़स बंधवाना और उसे शांत रहने को कहना। कोल ने रविवार को कटनी जिला अस्पताल में रूंधे गले से यह बात कही है।
मजदूर मोतीलाल कोल ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मैंने अपने दोस्त नंदकुमार यादव से कहा था कि वह मेरी मां को बताए कि मैं अगले जन्म में उनकी कोख से ही पैदा होऊंगा। कोल का अस्पताल में इलाज चल रहा है। शनिवार को सुरंग धंसने की इस घटना को याद करते हुए मध्यप्रदेश के सिंगरौली निवासी कोल ने कहा कि शाम करीब सात बजे मैं और मेरे साथी सुरंग के अंदर थे। सुरंग के ऊपर जमीन पर जो लोग काम कर रहे थे, वे मजदूरों को भागने के लिए कह रहे थे। इसी बीच सुरंग धंसने लगी।
उन्होंने कहा कि यह देख मैं एवं मेरे साथी भी अपने-अपने को बचाने के लिए दीवार की तरफ भागे, ताकि उसकी आड़ में बच जाएं । कोल ने बताया कि पल भर में ही इस सुरंग का एक हिस्सा धंस गया। उन्होंने कहा कि मुझे और यादव को लगा कि अब हम जीवित नहीं बचेंगे। इसी दौरान, ऊपर जमीन पर मौजूद लोगों ने हमसे पूछा कि क्या तुम्हें पीने के लिए पानी की जरूरत है? लेकिन मैंने पानी के लिए मना कर दिया और उनसे अनुरोध किया कि सुरंग में ऑक्सीजन भेजो।
कोल ने कहा कि रविवार तड़के करीब चार बजे हम दोनों को एक-एक कर बचा लिया गया। सिंगरौली के रहने वाले यादव (32) ने कहा कि जब मैं सुरंग में फंसा हुआ था, तब मुझे लग रहा था कि मैं अब बच नहीं पाऊंगा। जीवित बचे विजय कोल (35) और इंद्रमणी कोल (30) ने भी इसी तरह के अनुभव साझा किया। चारों जीवित बचे लोगों ने कहा कि उन्होंने सुरंग के अंदर फंसे होने के दौरान एक-दूसरे को ढाढ़स बंधाने की कोशिश की।
इन चार लोगों के अलावा, तीन अन्य लोगों को भी अब तक सुरक्षित बचाया गया है, जबकि सुरंग में दो मजदूर सिंगरौली जिले के गोरेलाल कोल और महाराष्ट्र के नागपुर के रवि (सुपरवाइजर) अब भी फंसे हुए हैं और दोनों से संपर्क नहीं हो पाया है। बचाये गये मजदूरों ने कहा कि उन्होंने गोरे लाल और रवि की आवाज सुरंग के अंदर नहीं सुनी।
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मध्यप्रदेश गृह विभाग के अपर प्रमुख सचिव राजेश राजोरा ने पीटीआई को बताया कि कटनी जिले में स्लीमनाबाद के नजदीक सुरंग धंसने की यह घटना बरगी नहर परियोजना के अंतर्गत भूमिगत नहर के निर्माण कार्य के दौरान शनिवार देर रात को हुई। उन्होंने कहा कि सात मजदूरों को अब तक सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और वे सभी खतरे से बाहर हैं। साथ ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुरंग में दो मजदूर गोरेलाल कोल और रवि (सुपरवाइजर) अब भी फंसे हुए हैं। दोनों से संपर्क नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सुरंग में फंसे हुए इन दो मजदूरों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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मजदूर मोतीलाल कोल ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मैंने अपने दोस्त नंदकुमार यादव से कहा था कि वह मेरी मां को बताए कि मैं अगले जन्म में उनकी कोख से ही पैदा होऊंगा। कोल का अस्पताल में इलाज चल रहा है। शनिवार को सुरंग धंसने की इस घटना को याद करते हुए मध्यप्रदेश के सिंगरौली निवासी कोल ने कहा कि शाम करीब सात बजे मैं और मेरे साथी सुरंग के अंदर थे। सुरंग के ऊपर जमीन पर जो लोग काम कर रहे थे, वे मजदूरों को भागने के लिए कह रहे थे। इसी बीच सुरंग धंसने लगी।
उन्होंने कहा कि यह देख मैं एवं मेरे साथी भी अपने-अपने को बचाने के लिए दीवार की तरफ भागे, ताकि उसकी आड़ में बच जाएं । कोल ने बताया कि पल भर में ही इस सुरंग का एक हिस्सा धंस गया। उन्होंने कहा कि मुझे और यादव को लगा कि अब हम जीवित नहीं बचेंगे। इसी दौरान, ऊपर जमीन पर मौजूद लोगों ने हमसे पूछा कि क्या तुम्हें पीने के लिए पानी की जरूरत है? लेकिन मैंने पानी के लिए मना कर दिया और उनसे अनुरोध किया कि सुरंग में ऑक्सीजन भेजो।
कोल ने कहा कि रविवार तड़के करीब चार बजे हम दोनों को एक-एक कर बचा लिया गया। सिंगरौली के रहने वाले यादव (32) ने कहा कि जब मैं सुरंग में फंसा हुआ था, तब मुझे लग रहा था कि मैं अब बच नहीं पाऊंगा। जीवित बचे विजय कोल (35) और इंद्रमणी कोल (30) ने भी इसी तरह के अनुभव साझा किया। चारों जीवित बचे लोगों ने कहा कि उन्होंने सुरंग के अंदर फंसे होने के दौरान एक-दूसरे को ढाढ़स बंधाने की कोशिश की।
इन चार लोगों के अलावा, तीन अन्य लोगों को भी अब तक सुरक्षित बचाया गया है, जबकि सुरंग में दो मजदूर सिंगरौली जिले के गोरेलाल कोल और महाराष्ट्र के नागपुर के रवि (सुपरवाइजर) अब भी फंसे हुए हैं और दोनों से संपर्क नहीं हो पाया है। बचाये गये मजदूरों ने कहा कि उन्होंने गोरे लाल और रवि की आवाज सुरंग के अंदर नहीं सुनी।
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मध्यप्रदेश गृह विभाग के अपर प्रमुख सचिव राजेश राजोरा ने पीटीआई को बताया कि कटनी जिले में स्लीमनाबाद के नजदीक सुरंग धंसने की यह घटना बरगी नहर परियोजना के अंतर्गत भूमिगत नहर के निर्माण कार्य के दौरान शनिवार देर रात को हुई। उन्होंने कहा कि सात मजदूरों को अब तक सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और वे सभी खतरे से बाहर हैं। साथ ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुरंग में दो मजदूर गोरेलाल कोल और रवि (सुपरवाइजर) अब भी फंसे हुए हैं। दोनों से संपर्क नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सुरंग में फंसे हुए इन दो मजदूरों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।