Karnataka Hijab Row: कानूनी जंग लड़ने वाली आलिया-रेशम हिजाब पहनकर एग्जाम देने आईं, कॉलेज से भेजी गईं बाहर

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Karnataka Hijab Row: कानूनी जंग लड़ने वाली आलिया-रेशम हिजाब पहनकर एग्जाम देने आईं, कॉलेज से भेजी गईं बाहर

उडुपी: कर्नाटक में हिजाब का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। हाई कोर्ट की फुल बेंच ने हिजाब में कॉलेज आने पर पाबंदी को बरकरार रखा है। इसके बावजूद हिजाब में कॉलेज आने की कोशिशें जारी हैं। उडुपी की छह छात्राएं ने हिजाब के लिए कानूनी जंग लड़ने को लेकर चर्चा में रही हैं। इनमें से दो छात्राएं जब हिजाब पहनकर एग्जाम देने के लिए पहुंचीं तो उन्हें एंट्री नहीं मिली। इससे पहले कर्नाटक में हिजाब विवाद के बीच कड़ी सुरक्षा में प्री-यूनिवर्सिटी द्वितीय वर्ष (12वीं क्लास) की परीक्षाएं शुरू हुईं। राज्य के 1,076 केंद्रों पर 6.84 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। ये परीक्षाएं 18 मई तक चलेंगी।

उडुपी में हिजाब के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने वाली दो छात्राएं आलिया और रेशम परीक्षा देने के लिए पीयू कॉलेज एक्जामिनेशन सेंटर पहुंचीं। इस दौरान दोनों ने चेहरे पर हिजाब लगा रखा था। जब दोनों ने एक्जाम रूम में घुसने का प्रयास किया तो कॉलेज प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। पीयू कॉलेज में आलिया और रेशम को हिजाब में एंट्री नहीं दी गई और उन्हें कैंपस से बाहर कर दिया गया। उन्हें हिजाब में परीक्षा की इजाजत नहीं दी गई।

दोनों छात्राओं ने कॉलेज में प्रवेश करने के बाद कहा कि वे हिजाब में एग्जाम देना चाहती हैं लेकिन कॉलेज प्रशासन ने कहा कि अगर वे परीक्षा देना चाहती हैं तो हिजाब उतारनी होगी। पुलिस अफसरों और स्थानीय तहसीलदार ने भी आलिया और रेशम से हिजाब उतारकर परीक्षा देने की अपील की लेकिन दोनों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इससे पहले 12वीं की छात्रा आलिया और रेशम ने मार्च में प्रैक्टिकल एग्जाम भी छोड़ दिया था। उनका कहना है कि हिजाब में एंट्री मिलने पर ही वे क्लास अटेंड करेंगी। हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश की वजह से किसी भी छात्रा को हिजाब में प्रवेश की इजाजत नहीं है।

चूंकि हिजाब या धार्मिक पहचान से जुड़े किसी भी कपड़े पर प्रतिबंध है, इसलिए अधिकारियों ने परीक्षा केंद्रों पर मुस्लिम लड़कियों के लिए परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले सिर के स्कार्फ हटाने की व्यवस्था की। हिजाब पहनकर परीक्षा देने के लिए पहुंची मुस्लिम लड़कियों ने कहा कि वे इसे अंदर हटा देंगी और परीक्षा समाप्त होने के बाद इसे फिर से पहन लेंगी।

एक मुस्लिम छात्रा ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘हिजाब महत्वपूर्ण है और उतना ही परीक्षा लिखना और उत्तीर्ण करना। हमारा भविष्य हमारे परीक्षा परिणामों पर निर्भर करता है।’
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले महीने स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़े पहनने पर राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था, जिसे मुस्लिम लड़कियों के एक वर्ग ने अदालत में चुनौती दी थी।

परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे, जिससे किसी भी तरह का हंगामा न हो। साथ ही, परीक्षा में कोई भी गड़बड़ी को रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों के आसपास फोटोकॉपी केंद्रों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस साल परीक्षा के लिए 6,00,519 नियमित छात्र, 61,808 रिपीटर्स और 21,928 निजी उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। राज्य सरकार ने छात्रों के लिए निकटतम बस स्टॉप से कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में परीक्षा केंद्र तक जाने और वापस आने के लिए निःशुल्क व्यवस्था की है।

(भाषा से मिले इनपुट के साथ)



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