Kanpur News: मेक माई ट्रिप ऐप्लीकेशन के नाम पर कानपुर IIT की छात्रा से हुई साइबर ठगी, आरोपी गिरफ्तार

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Kanpur News: मेक माई ट्रिप ऐप्लीकेशन के नाम पर कानपुर IIT की छात्रा से हुई साइबर ठगी, आरोपी गिरफ्तार

Kanpur News: मेक माई ट्रिप ऐप्लीकेशन के नाम पर कानपुर IIT की छात्रा से हुई साइबर ठगी, आरोपी गिरफ्तार

कानपुर: हैकिंग के मामलों में शिकार होने वाले सिर्फ कम पढ़े लिखे लोग नहीं हैं, बल्कि इसमें हाई एजुकेटेड लोग भी ठगी का शिकार होते हैं। ऐसा ही एक मामला कानपुर से सामने आया है, जहां एक साइबर ठग ने आईआईटी कानपुर की एक छात्रा को ठगी का शिकार बनाया है। छात्रा मूल रूप से सीरिया देश की रहने वाली है। जिससे साइबर ठग ने लगभग दो लाख रुपए की ठगी की है। वहीं क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने ठगी करने वाले आरोपी को असम से अरेस्ट किया है। ठगी करने वाला शातिर कंप्यूटर साइंस का स्टूडेंट है। आरोपी तीन साल से लोगों के साथ ठगी कर रहा था।

आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रही छात्रा ने कल्यानपुर थाने में बीते 29 मई 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी। ठगी के मामले को क्राइम ब्रांच की साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया गया था। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने सात महीने बाद आरोपी को असम के गुहाटी से अरेस्ट किया है। साइबर ठग की पहचान शंखव्रता गुहा मजूमदार के रूप में हुई है। शंखव्रता बीएससी कंप्यूटर साइंस का छात्र है। पुलिस ने उसके पास से लेपटॉप, मोबाइल फोन, 10 एटीएम, 03 पासबुक, 10 चेकबुक और मोबाइल सिम बरामद किए हैं।

मेक माई ट्रिप एप्लीकेशन पर की थी बुकिंग

आईआईटी छात्रा ने पुलिस को बताया कि बीते 22 मई 2022 को मेक माई ट्रिप (एमएमटी) एप्लीकेशन से दिल्ली में एक होटल बुक किया था। जब मैं रात को वहां पहुंची तो पता चला कि होटल बंद था। मैंने इसकी शिकायत मेक माई ट्रिप एप्लीकेशन से की थी। इसके साथ ही बुकिंग को रद्द करने और बुकिंग का पैसा वापस करने रिक्वेस्ट डाली थी। इसके अगले दिन 23 मई को मैंने एममएटी के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) में शिकायत दर्ज कराई थी। वहां से मुझे एक डकेट नंबर मिला था। मुझसे कहा गया था कि एमएमटी जल्द ही आप से संपर्क करेगी।

कैसे हुई ठगी

पीएचडी छात्रा के मुताबिक 28 मई की दोपहर ठग का फोन आया। उसने मुझको बताया कि मैं एमएमटी के फंड विभाग से बात कर रहा हूं। उसने बुकिंग को लेकर हुई असुविधा के लिए खेद जताया। ठग ने मुझसे कहा कि पैसा पाने के लिंक को खोलें और वाउचर कोड का उपयोग करें। फिर उसने कहा कि गूगल पे खोलकर बाउचर कोड अमाउंट भरें और नोट वाले भाग में रिफंड मेक माई ट्रिप लिखें। लेनदेन पूरा करने के बाद पेमेंट गेटवे खुल जाएगा।

इसके बाद काटे गए पैसे और बुकिंग रिफंड वापस हो जाएगा। दैनिक सीमा से अधिक होने के कारण यह विफल हो गया। ठग ने मुझसे मोबाइल बैकिंग फंड ट्रांसफर करने के लिए कहा। इस प्रक्रिया में मेरे खाते से लगभग डेढ़ लाख रूपए कट गया। इसी तरह से उसने मुझसे 50 हजार रुपए और अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए।

सात महीने पहले दर्ज कराई थी FIR

आईआईटी छात्रा ने कहा कि मेरे समझ में आ गया कि मैं साइबर ठगी का शिकार हो गई हूं। ठग मुझको झांसे में ले रहा था कि अपने दोस्तों से उधार पैसे लेलो। टेक्निकल प्राब्लम की वजह से पैसा रिफंड नहीं हो पा रहा है। दोस्तों से उधार लेलो, पैसा तो वैसे भी वापस आ जाएगा। मैंने यह बात अपने दोस्त से बताई। उसने कहा कि तुम ठगी का शिकार हो गई हो गई। इसके बाद मैं दोस्त के साथ कल्यानपुर पुलिस स्टेशन गई, और ठग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
रिपोर्ट-सुमित शर्मा

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