Kanpur News: बिजली कंपनी केस्को साइबर क्राइम का हुई शिकार, डेढ़ करोड़ से ज्यादा का लगा चूना

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Kanpur News: बिजली कंपनी केस्को साइबर क्राइम का हुई शिकार, डेढ़ करोड़ से ज्यादा का लगा चूना

Kanpur News: बिजली कंपनी केस्को साइबर क्राइम का हुई शिकार, डेढ़ करोड़ से ज्यादा का लगा चूना

सुमित शर्मा, कानपुरः यूपी के कानपुर में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी (केस्को) साइबर क्राइम का शिकार हो गई। केस्को में 1.68 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला प्रकाश में आया था। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साइबर सेल, सर्विलांस और स्वाट की टीम की मदद से खुलासा किया है। बागपत जिले के गैंग ने केस्को को डेढ़ करोड़ से अधिक का चूना लगाया था। शातिर अपराधियों ने गेटवे के यूआरएल में बदलाव कर पैसे ट्रांसफर किए थे। साइबर सेल की टीम ने 6 आरोपियों को अरेस्ट किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से लगभग 90 लाख कैश बरामद किया है। खुलासा करने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर ने एक लाख रुपए इनाम देने का एलान किया है।

केस्को उपभोक्ता अपने बिजली के बिलों का भुगतान आईसीआईसीआई बैंक के गेटवे के माध्यम से ऑनलाइन करते हैं। इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक पैसा केस्को के अकाउंट में ट्रांसफर करता है। बीते दिनों केस्को ने भुगतान का मिलान किया तो लगभग डेढ़ करोड़ का अंतर सामने आया था। जब इसकी गहनता से जांच की गई, तो पता चला कि 18 जून से 16 जुलाई के बीच 1905 उपभोक्ताओं द्वारा जमा किया गया बिल का भुगतान केस्को को नहीं मिला है। केस्को ने ग्वालटोली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

बैंक से 1.68 करोड़ रुपए केस्को के खाते में नहीं गए थे

जिसमें केस्को ने कहा था कि 18 से 23 जून तक केस्को 679 उपभोक्ताओं के 44.92 लाख रुपए गेटवे से छेड़छाड़ कर दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए गए थे। इसके बाद 01 से 16 जुलाई तक 1102 उपभोक्ताओं के जमा 01.03 करोड़ रुपए फिर से ट्रांसफर कर लिए गए। इसके बाद 17 जुलाई से एक-एक उपभोक्ता के भुगतान का सत्यापन और बैंक खाते में आए भुगतान का मिलान कराया गया। जिसमें सामने आया कि बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने ऑन लाइन पेमेंट जमा किया है। लेकिन धनराशि बैंक ने ट्रांसफर नहीं की है।

हैकर्स ने किया था खेल

ग्वालटोली थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने जांच शुरू की थी। पुलिस को मिले इनपुट के बाद चार टीमें मेरठ, बागपत और उसके आसपास की शहरों में भेजी गईं थी। इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों से स्पष्ट हो गया था कि यह काम हैकर्स का है। हैकर्स हर दो घंटे बाद केस्को के गेटवे के यूआरएल में छेड़छाड़ में ऑनलाइन जमा हो रही धनराशि को ट्रांसफर कर रहे थे। यह खाना आईसीआईसीआई बैंक के बड़ौत जिले की शाखा में केस्को इलेक्ट्रनिक के नाम से खुले करंट अकाउंट में भेजा और निकाला जा रहा था। यह करंट अकाउंट बागपत निवासी सुमन पति योगेंद्र के नाम से खुला है। इस पूरे खेल में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का रोल था, जो यूआरएल चेंज कर पैसा किया था।

केस्को इलेक्ट्रानिक के नाम से खुला था खाता
पुलिस की जांच में सामने आया है कि बिजली ठेकेदार विवेक शर्मा बागपत में 22 से अधिक बैंक खाते खुलवाए थे। पुलिस ने खाता धारक सुमन के पति योगेंद्र को अरेस्ट किया है। योगेंद्र ने बताया कि वह ठेकेदार विवेक शर्मा के संपर्क में था। उसके कहने पर योगेंद्र ने केस्को इलेक्ट्रानिक के नाम से खाता खुलवाया था। पुलिस ने पैसे निकालने वाले तीन आरोपियों को भी अरेस्ट किया है। अब तक की जांच में कई नाम सामने आए हैं, जिनकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। इस मामले में पुलिस ने सुहैल खान, विवेक शर्मा, अनिल कुमार, करन राणा, योगेंद्र और शक्ति को अरेस्ट किया है।

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