Kanpur: कानपुर हिंसा के दोषी मुख्तार बाबा और बैंक अधिकारी समेत 12 पर FIR… शत्रु संपत्ति पर लिया करोड़ों का लोन

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Kanpur: कानपुर हिंसा के दोषी मुख्तार बाबा और बैंक अधिकारी समेत 12 पर FIR… शत्रु संपत्ति पर लिया करोड़ों का लोन

Kanpur: कानपुर हिंसा के दोषी मुख्तार बाबा और बैंक अधिकारी समेत 12 पर FIR… शत्रु संपत्ति पर लिया करोड़ों का लोन

कानपुर: कानपुर हिंसा में फंडिंगके दोषी मुख्तार बाबा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मुख्तार बाबा पर शत्रु संपत्ति की खरीद-फरोख्त और उस संपत्ति पर बैंक से करोड़ों का लोन लेने के मामले में आरोपी बनाया गया है। लेखपाल की तरहरीर पर बेकनगंज थाने में मुख्तार बाबा, उसकी पत्नी, तीन बेटियों, दामाद, तत्कालीन बैंक मैनेजर समेत 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। बेकनगंज थाना क्षेत्र स्थित यतीमखाना, नई सड़क में बीते शुक्रवार तीन जून को भाजपा नेता नुपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद हिंसा भड़क गई थी। कानपुर हिंसा को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव, फायरिंग और पेट्रोल बम चले थे। पुलिस ने मास्टर माइंड हयात जफर और उसके साथी जावेद अहमद खान, मो. सूफियान और मो. राहिल को जेल भेजा था। पुलिस की जांच में सामने आया था कि बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा ने हिंसा के लिए फंडिंग की थी। फिलहाल मुख्तार बाबा जेल में है।

कानपुर में कई शत्रु संपत्तियां हैं। मुख्तार बाबा पर पहले भी कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शत्रु संपत्तियों की खरीद-फरोख्त करने के आरोप लग चुके हैं। एफआईआर दर्ज कराने वाले लेखपाल विपिन कुमार के अनुसार चमनगंज नाला रोड निवासी मेसर्स शाहिद सिल्क हाउस के प्रॉपराइटर शाहिद आलम हैं। शाहिद आलम ने बैंक ऑफ बड़ौदा की किदवई नगर शाखा से 27 दिसंबर 2006 को 75 लाख की सीमा का ओवरड्राफ्ट खाता स्वीकृत किया गया था। इसके बाद 5 सितंबर को 2009 को बैंक की तरफ से 1.57 करोड़ की लिमिट बढ़ा दी गई थी।

बैंक में गिरवी रखी गईं शुत्र संपत्ति
मुख्तार बाबा के दामाद शाहिद आलम ने बैंक में आठ संपत्तियों को गिरवी रखकर करोड़ों का लोन लिया था। जांच में सामने आया कि जो संपत्ति बैंक में गिरवी रखी गई है, उसमें से 91/146 हीमामन का पुरवा शत्रु संपत्ति घोषित है। शत्रु संपत्ति सरकार की मानी जाती है, जिसकी खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है, और नहीं बैंक में गिरवी रखी जा सकती है। इसके साथ ही 99/14 ए बेकनगंज, 88/21 नालारोड चमनगंज को शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है।

बैंक ने नहीं कराई जांच
इस प्रकरण की जांच में बैंक ऑफ बड़ौदा किदवई नगर शाखा से पूछा गया तो उसने दावा किया कि पैनल अधिवक्ता के माध्यम से संपत्तियों के संबंध में क्लियरेंस रिपोर्ट के आधार पर लोन जारी किया गया है। जांच में खुलासा हुआ कि बैंक ने राजस्व विभाग की तरफ से कोई जानकारी हासिल नहीं की गई है। इसके साथ यह भी आरोप है कि शाहिद आलम ने हीरामन पुरवा की संपत्ति में अपना कब्जा दर्शाने के लिए दस्तावेज लगाए थे। हीरामन पुरवा 91/146 शत्रु संपत्ति घोषित है। यह संपत्ति मुख्तार बाबा ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर पत्नी गुलशल जहां के नाम पर कराई थी। इसके बाद गुलशन जहां ने इस शत्रु संपत्ति को दोनों बेटियों नाज आयशा और अंजुम आरा कर दी थी। इसके बाद इन संपत्तियों को फर्जी दस्तावेज के माध्यम से बेंच दिया गया था। इसलिए पुलिस ने मुख्तार की पत्नी, बेटियों और दामाद को आरोपी बनाया है।
रिपोर्ट –सुमित शर्मा

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