Kanpur: पाकिस्तान की जेल से लौटा, जमीन के लिए परिवार को दे रहा कत्ल की धमकी, बहन ने थाने में दी तहरीर

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Kanpur: पाकिस्तान की जेल से लौटा, जमीन के लिए परिवार को दे रहा कत्ल की धमकी, बहन ने थाने में दी तहरीर

Kanpur: पाकिस्तान की जेल से लौटा, जमीन के लिए परिवार को दे रहा कत्ल की धमकी, बहन ने थाने में दी तहरीर

सुमित शर्मा, कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान करने वाली घटना प्रकाश में आई है। 28 साल पाकिस्तान में बंधक बनकर रहने वाले शमसुद्दीन के लिए उनके भाई-बहन दिन-रात वतन वापसी की दुआएं करते रहे। भारत सरकार से शमसुद्दीन की हिंदुस्तान वापसी के लिए गुहार लगाई। आज वही शमसुद्दीन अपनों की जान का दुश्मन बन बैठा है। प्रॉपर्टी के लिए भाई-बहन को धमकी दे रहा है कि मैं 28 साल पाकिस्तान में रहा हूं, जिसमें 8 साल की जेल काटी है। मेरे खुफिया अधिकारियों से संबंध हैं। इस तरह की धमकी देकर जमीन पर कब्जा करना चाहता है।शमसुद्दीन पारिवारिक संपत्ति हड़पने के लिए अपने ही भाई-बहन को जान से मारने की धमकी दे रहा है। इसके साथ ही देश विरोधी गतिविरोधियों में फंसाने की धमकी देता है। शमसुद्दीन का कहना है कि शराफत से पूरी जमीन मुझे दे दो। वर्ना मैं पूरे परिवार का कत्ल करा दूंगा। पारिवारिक सदस्यों ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मदद की गुहार लगाई है।

मां के नाम पर था प्लाट

शमशुद्दीन की बहन सबीना ने बजरिया थाने में तहरीर दी है। उन्होने पुलिस को बताया है की उनकी मां सईदुन निशा ने जाजमऊ के वाजिदपुर में 150 वर्गगज का प्लाट खरीदा था। मां ने अपने जीवनकाल में मेरे छोटे भाई को 150 वर्गगज में से 50 वर्गगज जमीन चांदबाबू को दे दिया था। इसके बाद मां के पास 100 वर्गगज जमीन शेष बची थी। इसी बीच मां सईदुन निशा का 30 जुलाई 2011 को निधन हो गया। मां के निधन के बाद उनकी संपत्ति पर उनके बच्चों शमसुद्दीन, नसीरउद्दीन, फहीमउद्दीन व चॉंदबाबू तथा दो बेटियों चंदा बेगम व तारा बेगम का हक है।

पाकिस्तान में आठ साल काटी थी जेल

शमसुद्दीन कंघीमोहाल में परिवार के साथ रहते थे। परिजनों से नाराज होकर सन् 1992 में शमसुद्दीन 90 दिनों का वीजा लेकर पाकिस्तान चले गए थे। शमसुद्दीन ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके 1994 में पाकिस्तान की नागरिकता हासिल कर ली थी। 2012 में शमसुद्दीन भारत लौटने के लिए पासपोर्ट ऑफिस गए थे, तो उन्हे पुलिस ने दबोच लिया था। शमसुद्दीन पर जासूसी के आरोप लगे थे। उन्हे 8 साल जेल भी काटनी पड़ी। इसके बाद शमसुद्दीन को पाकिस्तान सरकार ने 26 अक्टूबर 2020 को भारतीय सेना के सुपर्द कर दिया था। शमसुद्दीन 16 नवंबर 2020 को अपने घर लौटे थे।

शमसुद्दीन की घर वापसी पर परिवारिक सदस्यों और स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया था। इस दौरान हिंदूस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। पूरे मोहल्ले में मिठाई बांटी गई थी। लेकिन वही शमसुद्दीन अपनों को धमकी दे रहा है। जिससे पूरा परिवार आहत है।

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