Kameshwar Chaupal : उप मुख्यमंत्री के रूप में कामेश्वर चौपाल का आया था नाम, निधन पर राजनेताओं ने कैसे किया याद

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Kameshwar Chaupal : उप मुख्यमंत्री के रूप में कामेश्वर चौपाल का आया था नाम, निधन पर राजनेताओं ने कैसे किया याद
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Kameshwar Chaupal : उप मुख्यमंत्री के रूप में कामेश्वर चौपाल का आया था नाम, निधन पर राजनेताओं ने कैसे किया याद

राम जन्मभूमि निर्माण के ट्रस्टी और बिहार के पूर्व विधान परिषद् सदस्य कामेश्वर चौपाल ने 68 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद बिहार के सियासी गलियारी और संघ परिवार में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उनके निधन पर शोक व्यक्त की है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिन्दू परिषद् समेत पूरे विचार परिवार में शोक की लहर दौर पड़ी है। संघ ने उन्हें प्रथम कार सेवक का दर्जा दिया था। संघ परिवार में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती थी। उनका कद इतना बड़ा था कि एक बार उनके नाम की चर्चा उपमुख्यमंत्री पद पर होने लगी थी। आइए जानते हैं…

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पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी वो मुझे स्वीकार होगा

बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही सरकार गठन की तैयारियां शुरू हो गई थी। एनडीए नेताओं की बैठक होने वाली थी। इसमें मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार के नाम का एलान होना तय था। लेकिन, उपमुख्यमंत्री पद के लिए जिस नाम की सबसे अधिक चर्चा थी वह कामेश्वर चौपाल का था। उस समय कुछ मीडिया हाउस ने लिखा था कि अयोध्या में 1989 में हुए राम मंदिर शिलान्यास के दौरान पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, इन अटकलों के बीच जब उनसे सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि ‘मैं पार्टी (भाजपा) का कार्यकर्ता हूं, पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी वो मुझे स्वीकार होगा।’

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सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व विधान पार्षद कामेश्वर चौपाल के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे। स्व. कामेश्वर चौपल राम जन्म भूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी भी थे। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। 

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विधान परिषद् के सभापति ने शोक व्यक्त किया

बिहार विधान परिषद् के माननीय सभापति अवधेश नारायण सिंह ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले और बिहार विधान परिषद् के पूर्व सदस्य कामेश्वर चौहान के निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनके परिजनों, शुभचिंतकों व पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओं को इस आघात को सहने की शक्ति व दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।

डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष ने यह बातें कहीं

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष, रामजन्म भूमि में प्रथम ईंट रख कर आधारशिला रखने वाले बड़े भाई कामेश्वर चौपाल जी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके चाहने वालों को संबल प्रदान करें। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि श्री राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे कामेश्वर चौपाल जी के निधन की खबर से मर्माहत हूं, समाज के लिए यह अपूर्णीय क्षति है। कामेश्वर चौपाल जी ने सम्पूर्ण जीवन सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों को समर्पित किया।

जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कही यह बात

सामाजिक, राजनीतिक एवं धार्मिक कार्यों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले वरिष्ठ दलित नेता, 2004 से 2014 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे कामेश्वर चौपाल जी के असामयिक निधन की सूचना पाकर अत्यंत दु:ख हुआ। उनके साथ वर्षों से व्यक्तिगत संबंध था। हम सभी की संवेदना उनके शोकाकुल परिजनों के साथ है। ईश्वर से दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं।

मंगल पांडेय बोले- हर काम शिद्दत से करते थे वह

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय  राम जन्मभूमि निर्माण के ट्रस्टी और बिहार के पूर्व विधान पार्षद कामेश्वर चौपाल के निधन पर अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा है कि वे सच्चे अर्थों में सनातन के सपूत व भारतीय संस्कृति के पहरुआ थे। उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है। कहा कि कामेश्वर चौपाल ने ही राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी। तब आरएसएस ने उन्हें प्रथम कारसेवक का दर्जा भी दिया था। अनुसूचित जाति से आने वाले चौपालजी का जुड़ाव वनवासी कल्याण केन्द्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद्, विद्यार्थी परिषद् से भी लंबे समय तक रहा है। भाजपा में संगठन के अनेक दायित्वों का भी उन्होंने कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। 

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