kamalam: दुबई के लोग भी अब ले सकेंगे महाराष्ट्र के इस ड्रैगनफ्रूट का स्वाद, जानिए क्या है खास

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kamalam: दुबई के लोग भी अब ले सकेंगे महाराष्ट्र के इस ड्रैगनफ्रूट का स्वाद, जानिए क्या है खास

हाइलाइट्स:

  • dragon fruit में फाइबर, विटामिन, मिनरल और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
  • ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की पहली खेप दुबई को निर्यात कर दी गई है।
  • PM मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में कच्छ इलाके में ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की खेती की चर्चा की थी।

नई दिल्ली
फाइबर और मिनरल्स रिच ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की पहली खेप दुबई को निर्यात कर दी गई है। भारत में इस ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) को कमलम के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र के किसानों का ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) का यह कंसाइनमेंट सांगली जिले के टडासर गांव से खरीदा गया है। भारत सरकार की संस्था एपीडा (APEDA) से मान्यता प्राप्त एक्सपोर्टर में मेसर्स केबी ने कमलम ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की यह खेप दुबई को भेजी है। अब तक ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की खेती मलेशिया, थाईलैंड, फिलिपींस, अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों में ही होती रही है।

पहली बार हुआ निर्यात
भारत से पहली बार दुबई को ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) का निर्यात किया गया है। भारत में ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की खेती की शुरुआत 1990 के दशक की शुरुआत में हुई है। पहले लोग dragon fruit शौक के तौर पर होम गार्डन में उगाते थे। पिछले कुछ सालों में देश में ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) काफी लोकप्रिय हुआ है और कई राज्य के किसान अब कमलम (dragon fruit) की खेती कर रहे हैं।

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ड्रैगन फ्रूट की तीन वेराइटी
भारत में इस समय कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, वेस्ट बंगाल, आंध्रप्रदेश और अंडमान में ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की खेती की जाती है। ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) कमलम की खेती में कम पानी का प्रयोग होता है। dragon fruit कमलम अलग-अलग तरह की मिट्टी में उपजाया जा सकता है। ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की तीन मुख्य वैरायटी हैं जिनमें पिंक स्किन के साथ वाइट फ्लैश, पिंक स्किन के साथ रेड फ्लैश और येलो स्किन के साथ वाइट फ्लैश शामिल है।

मन की बात में हुआ जिक्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2020 में मन की बात प्रोग्राम में गुजरात के कच्छ इलाके में ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की खेती की चर्चा की थी। उन्होंने कच्छ के किसानों को ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की खेती के लिए बधाई दी थी और कहा था कि भारत इस मामले में आत्मनिर्भर बनने की तरफ बढ़ रहा है।

कमल की तरह की पंखुड़ी
ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) में फाइबर विटामिन मिनरल और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह शरीर के क्षतिग्रस्त सेल को रिपेयर करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) शरीर की पाचन प्रणाली को दुरुस्त करने में भी मदद करता है। dragon fruit में स्पाइक होते हैं और इसकी पंखुड़ियां कमल की तरफ फैली होती है, इसलिए इसे कमलम भी कहा जाता है।

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