K-pop: कभी साल में 10 फिल्में भी नहीं बनती थीं, अब हर महीने 80 करोड़ मिनट देखा जा रहा कोरियन कंटेंट

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K-pop: कभी साल में 10 फिल्में भी नहीं बनती थीं, अब हर महीने 80 करोड़ मिनट देखा जा रहा कोरियन कंटेंट

Korean films and web series: कोरियन सिनेमा, वेब सीरीज और म्यूजिक का पूरी दुनिया में इन दिनों क्रेज है. इंडिया भी इससे बचा नहीं है. नेटफ्लिक्स जैसे विदेशी ओटीटी प्लेटफॉर्म अपना पैसा लगा कर साउथ कोरिया में फिल्में और सीरीज प्रोड्यूस कर रहे हैं, इंडिया के कुछ अहम ओटीटी अपने प्लेटफॉर्म पर कोरियन फिल्मों तथा सीरीज को हिंदी में डब करके रिलीज कर रहे हैं. कोरियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री हमेशा से ऐसी नहीं थी. इसकी किस्मत पलटी तीन साल पहले, जब 2019 में बनी कोरियन फिल्म पैरासाइट को 2020 में चार ऑस्कर अवार्ड मिले और पूरी दुनिया में यह फिल्म छा गई.
याद है गंगनम स्टाइल
कोरियाई सिनेमा 1940 के दशक से लगातार बन रहा है. कोरिया पर तब जापान का कब्जा था और आजादी मिलने तथा देश का नॉर्थ-साउथ विभाजन हो गया. आजादी होने के बाद भी साउथ कोरिया में सैन्य शासन के बीच तगड़ी सेंसरशिप थी. नतीजा यह कि फिल्मों के डेवलपमेंट का कोई माहौल नहीं बना. मगर नई सदी में धीरे-धीरे चीजें बदली और 2012 में साउथ कोरिया ने निकले गंगनम स्टाइल गाने ने पूरी दुनिया में धूम मचा दी. यहां से सबका ध्यान कोरियन कंटेंट पर गया. फिर पैरासाइट जैसी फिल्म ने तहलका मचाया. आज स्थिति यह है कि जिस साउथ कोरिया में कुछ साल पहले एक वर्ष में 10 फिल्में नहीं बनती थी, दुनिया में आज हर महीने उसका कंटेंट 80 करोड़ मिनिट देखा जाता है.
पैरासाइट के बाद
पैसासाइट की सफलता के बाद दुनिया ने जब साउथ कोरिया की तरफ देखा तो हैरान रह गई. कोरियन कंटेंट में युवाओं के लिए रोमांटिक सपने हैं और कहीं कहीं जमीनी हकीकत भी. दुनिया भर के लोग इसकी तरफ खिंचे चले आए. आज कोरिया से आई स्क्विड गेम्स, नेवर्थलेस, 18 अगेन, बिजनेस प्रपोजल और कोरियान मनी हाईस्ट जैसी वेबसीरीज दुनिया भर में चर्चित हैं. जबकि पैरासाइट के साथ ट्रेन टू बुसान, अ टैक्सी ड्राइवर, बर्निंग, बी विद यू जैसी फिल्में खूब नाम और धन कमा चुकी हैं. स्क्विड गेम नेटफ्लिक्स की दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेबसीरीज है. इस सीरीज से नेटफ्लिक्स ने 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया.
कमाई में बॉलीवुड से आगे
कोरियन फिल्म इंडस्ट्री भले ही अपने आकार में बॉलीवुड से छोटी है लेकिन कमाई में बॉलीवुड से बहुत आगे है. हिंदी में भले ही साल में दो हजार से अधिक फिल्में बनती हैं लेकिन इसकी सालाना कमाई 3500 करोड़ रुपये के आसपास है, जबकि कोरिया में साल में लगभग 800 फिल्में बनने के बावजूद उनकी कमाई 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. कोरियन फिल्मों की कमाई का यह ग्राफ इसलिए ऊपर है कि उसका कंटेंट पूरी दुनिया में देखा जा रहा है. कोरियाई सितारों को हॉलीवुड से बुलावा आ रहा है. नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म वहां हर साल हजारों करोड़ डॉलर का निवेश कर रहे हैं. खुद कोरियन सरकार भी अब अपनी फिल्मों तथा दूसरे कंटेंट को प्रमोट कर रही है क्योंकि उसे लगा रहा है कि आने वाले वर्षों में कोरियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का आकार, उसकी अर्थव्यवस्था से भी बड़ा हो जाएगा.

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