Jodhpur News: बिजली संकट के बीच चोर का हुआ हृदय परिवर्तन? डिस्कॉम को चोरी के ₹9.87 लाख लौटाए

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Jodhpur News: बिजली संकट के बीच चोर का हुआ हृदय परिवर्तन? डिस्कॉम को चोरी के ₹9.87 लाख लौटाए

ललिता व्यास, जोधपुर: राजस्थान के जोधपुरडिस्कॉम कार्यालय में हुई लाखों रुपए की चोरी के मामले में, एक अज्ञात चोर का हृदय परिवर्तन हो गया। चोर ने चोरी की गई रकम वापस डिस्कॉम को फिल्मी अंदाज में सौंप दी। चोरी के 9.87 लाख रुपए तो वापस मिल गए लेकिन पुलिस के लिए यह घटनाक्रम किसी पहले से कम नहीं है। अब पुलिस इसी गुत्थी को सुलझाने का प्रयास कर रही है कि आखिर चोर कौन है? और उसने पैसे क्यों लौटा दिए ?

ऑफिस की छत पर पीले रंग की कपड़े की थैली में भरे हुए थे रुपए
करीब तीन माह पहले जोधपुर डिस्कॉम के लूणी सब डिवीजन के कैश रूम में रखी तिजोरी से 11 लाख 41 हजार रुपए की चोरी हो गई थी। लेकिन चोर का हृदय परिवर्तन हुआ और चोर ने फ़िल्मी अंदाज में रुपए लौटा दिए। गुरुवार को अधीक्षण अभियंता जिला वृत को साधारण डाक से एक पत्र मिला। चोर ने अपना हस्तलिखित पत्र भेजकर बताया कि उसने वह चोरी 25 जनवरी को की और चुराई गई राशि में से 9 लाख 87 हजार 100 रुपए कैश एंड एस्टेलिश शाखा की छत पर कपड़े की एक थैली में रखे। जब यह पत्र एसई और एक्सईएन के पास पहुंचा तो उन्होंने उस रूम पर ताला लगवा दिया और मौके पर उदयमंदिर पुलिस को बुलाकर चैक करवाया गया, पुलिस को पीले रंग की एक कपड़े की थैली रुपयों से भरी हुई मिली। उदयमंदिर थानाधिकारी अमित सिहाग ने इस थैली को अपने कब्जे में ले लिया है।

इस मामले के बारे में एसई जिला वृत पीएस चौधरी का कहना है कि अज्ञात पत्र के आधार पर कैश रूम में जांच की तो करीब 9 लाख 87 हजार रुपए की राशि मिली। जिसे हमने पुलिस को बुलाकर सुपुर्द कर दी। अब यह पता कर रहे है कि यह राशि यहां पर आई कैसे ? चोर कौन है और आखिर उसका हृदय परिवर्तन क्यो और कैसे हो गया ?
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शक की सुई कैशियर प्रदीप पर…

इस मामले में कैशियर का चार्ज देखने वाले हेल्पर प्रदीप सोलंकी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। क्योंकि इनके पास ही राशि जमा करने और रखने सहित लेखा-जोखा का काम था। प्रदीप तिजौरी में 25 जनवरी की शाम को 12 लाख 7 हजार रुपए नकद और 1.77 लाख रुपए के चार चेक रखकर घर चला गया। 26 जनवरी को अवकाश था और 27 जनवरी को जब सफाई कर्मचारी आया और उसने कैश रूम के गेट का दरवाजा खुला देखा तो अफसरों और कर्मचारियों को इस बात की जानकारी दी। जब मौके पर तिजौरी चेक की गई तो उसमें 66 हजार रुपए पड़े थे, जबकि 11.41 लाख रुपए नकद व 1.77 लाख रुपए के चार चैक गायब थे।

आश्चर्यचकित रह गए जब पत्र मिला

गुरुवार को एक पत्र आया, जिसके आधार पर पुलिस ने ओल्ड पॉवर स्थित लूणी सब डिवीजन से राशि बरामद कर ली, लेकिन चोरी की राशि में से करीब 1.55 लाख रुपए की बरामदगी अभी भी बाकी है। यह पत्र मिलने के बाद बिजलीघर के पदाधिकारी सहित कर्मचारी आश्चर्यचकित रह गए। यह चर्चा का विषय है कि आखिर इतनी मोटी रकम वापस चोर ने क्यों लौटा दी और चोर का हृदय परिवर्तन कैसे हो गया ?
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यह लिखा था लेटर में।
साधारण डाक के माध्यम से एक सफेद लिफाफा विद्युत कार्यालय पहुंचा। इस लिफाफे पर दस रुपए का बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी का डाक टिकट लगा था। इस पर पेन से श्रीमान अधीक्षण अभियंता जिला वृत, जोधरपुर डिस्कोम ओल्ड पावर रातानाडा जोधपुर पिनकोड 342001 लिखा हुआ है। इसमें किसी के हाथ से लिखा है कि 25/01/22 का कैश लूणी ऑफिस में डिस्पेच एंड एस्टेबलिसमेंट रुम के अंदरर छत पर कपड़े के बेग में रखा है।

पत्र मिलने के तीन घंटे बाद हुई कार्रवाई
जब डिस्कॉम में यह गोपनीय पत्र एक्सईएन नेतराम मीणा के पास पहुंचा तो उन्होंने एईएन महेश नागर को कहकर वो कमरा बंद करवा दिया। इससे पहले यह पत्र कार्मिक शाखा से एसई कार्यालय और फिर एक्सईएन के पास तीन घंटे में पहुंचा। पत्र खोलने के दस मिनट में शाम को चार बजे पुलिस ने मौके पर आकर राशि अपने कब्जे में ले ली।

दरअसल, लूणी एईएन कार्यालय की तिजोरी से 12 लाख 7 हजार रुपए नगद व 1 लाख 77 हजार के चेक चोरी हुए थे। लेकिन कक्ष का ताला नहीं टूटा हुआ था। तिजोरी में किए गए छेद से चोरी होने के मामले की संभावना जताई जा रही है। इसको डिस्कॉम प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए कैशियर प्रदीप सोलंकी को सस्पेंड करते हुए उनका मुख्यालय एक्सईएन बिलाड़ा कार्यालय कर दिया है। इसके बाद उदयमंदिर थाने की टीम ने घटनास्थल मुआयना किया और मामले के बारे में अफसरों और कर्मचारियों से पूछताछ की।
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तिजोरी में किए गए छेद और उस पर चश्पा नोटिस कह रहे कुछ अलग कहानी
ओल्ड पावर स्थित लूणी एईएन ऑफिस के कैश रूम में रखी तिजौरी में 25 जनवरी की शाम को 12 लाख 7 हजार रुपए नकद व 1.77 लाख रुपए के चार चेक रखकर कैशियर प्रदीप सोलंकी घर चला गया। 26 जनवरी को अवकाश था और 27 जनवरी को जब सफाई कर्मचारी आया और उसने कैश रूम के गेट का दरवाजा खुला देखा तो अफसरों और कर्मचारियों को अवगत करवाया। जब मौके पर तिजौरी चेक की गई तो उसमें 66 हजार रुपए पड़े थे, जबकि 11.41 लाख रुपए नकद और 1.77 लाख रुपए के चार चैक गायब थे।

जिस तिजोरी में चोरी हुई उस तिजोरी की एकमात्र चाबी कैशियर के पास थी। उसका तिजोरी का ताला भी नहीं टूटा हुआ था। मौके पर तिजोरी की गहनता से छानबीन की तो चार-पांच मुहर लगे कागज एक के ऊपर एक चश्पा किए हुए थे और उन पर टेप चिपकी हुई थी। जब सील को हटाकर देखा तो उसमें हाथ घुसे जितना बड़ा छेद नजर आया। यह छेद कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहा है।

ये उठ रहे है सवाल
जिस कैश रूम में चोर ने थैली रखी थी। उसमें आम आदमी नहीं जा सकता। कमरे के अंदर बनी जिस छत पर वो थैली रखी गई। उस छत की ऊंचाई दस फीट है। उसके लिए अज्ञात व्यक्ति पहले एक कुर्सी और फिर वहां रखी अलमारी पर चढ़ा और इसके बाद उसने पोटली सुरक्षित रखी। जिसका मुंह आसमान की तरफ था।

नोट गिनने के लिए मंगवानी पड़ी मशीन

मौके पर डिस्कॉम के एसई, एक्सईएन, जेईएन, एएओ व कार्मिक अधिकारी की ज्वॉइंट कमेटी बनी। पुलिस के साथ डिस्कॉम कमेटी ने थैली को खोला था। तो उसमें नोटों के कुल पांच बंडल सफेद कागज में अलग-अलग लपेटे हुए मिले। टीम ने जब नोटों को दो बार गिना, लेकिन हर बार गिनती पर संशय हुआ तो मंडोर सब डिवीजन से नोट गिनने की मशीन मंगवाई गई। इसके बाद उसमें 9 लाख 87 हजार 100 रुपए गिने गए।

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