झांसी: जेल के बंदियों को रोटी बनाने व आटा गूंथने से छुटकारा मिल गया है. अब जेल में रोटियां मशीनों द्वारा बनाई जाने लगी है. ये ही नहीं आटा भी मशीनों द्वारा गूंथा जा रहा है.
आपको बता दें कि जिला कारागार को दो मशीनें मुहैया करवाई गई है. एक मशीन एक घंटे में आठ सौ से ज्यादा रोटियां तैयार कर देती है. ये ही नहीं इसके बवजूद लोई बनाने, गेहूं की छनाई, आटा गूंथने और सब्जी काटने के लिए भी मशीनों खरीदी गई है.
आपको बता दें कि अब तक सजायाफ्ता कैदियों को रसोई के कार्य में लगाया जाता था. हर दिन पचास से ज्यादा कैदी मिलकर रोटियां तैयार करते थे. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने मशीनों को खरीदने का फैसला लिया. इन बंदियों को रोटी बनाने में तकरीबन छह घंटे का समय लग जाता था. सिलिये प्रशासन ने छह लाख रुपये कीमत से रोटी बनाने को दो चपाती मेकिंग मशीन को खरीदा.
यह मशीन मात्र दो घंटे में 16 से ज्यादा रोटियां तैयार कर देती है. बहरहाल, मशीन में रोटियां बनाई जाने लगी है, जिसका असर खाने की गुणवत्ता पर भी साफ दिखाई दे रहा है. अब इन मशीनों के कारण जेल के बंदियों का भी समय बच रहा है. ये ही नहीं रसोई में इलेक्ट्रॉनिक चिमनियां तक लगाई जा रहीं है. अभी जेल में 1250 कैदी है. इन मशीनों के आने से यह तो स्वाभाविक है कि कैदियों को रोटी बनाने से निजात मिली है.
ऐसे काम करती है चपाती मेकिंग मशीन:-
सिस्टम के मुताबिक, चपाती मेकिंग मशीन में सिर्फ गूंधा आटा ही डालना होता है. इसके बाद रोटी सिककर खुद बाहर आ जाती है. जेल प्रशासन के पास आटा गूंथने की मशीन है, इसलिए रोटी बनाने में कम समय व्यतीत हो रहा है.