Jaipur News : 'वीजीयू रांका नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता' का आगाज़, न्यायविदों और कानूनी विशेषज्ञों ने रखे विचार | National Moot Court Championship Vivekananda Global University Jaipur | News 4 Social

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Jaipur News : 'वीजीयू रांका नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता' का आगाज़, न्यायविदों और कानूनी विशेषज्ञों ने रखे विचार | National Moot Court Championship Vivekananda Global University Jaipur | News 4 Social
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Jaipur News : 'वीजीयू रांका नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता' का आगाज़, न्यायविदों और कानूनी विशेषज्ञों ने रखे विचार | National Moot Court Championship Vivekananda Global University Jaipur | News 4 Social

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मद्रास उच्च न्यायालय और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) नागेंद्र कुमार जैन ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं ज्ञान का समृद्ध स्रोत हैं। ये सिर्फ केवल एक प्रतियोगिता नहीं हैं, बल्कि ज्ञान प्राप्त करने का एक साधन है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं छात्रों को उनके क्षेत्र में आवश्यक कौशल प्राप्त करने में मदद करती हैं।

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जैन ने नैतिक शिक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि कानून के छात्रों को खुद को नवीनतम ज्ञान से अपडेट रखना चाहिए और संविधान में निर्धारित संवैधानिक कर्तव्यों के बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने छात्रों को साइबर कानून, न्यायिक सेवाओं, कंपनी कानून और अन्य संबंधित क्षेत्रों के बारे में भी बताया।

एक सफल वकील के लिए धैर्य आवश्यक : माहेश्वरी

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिनेश माहेश्वरी ने सभा को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक सफल वकील के लिए धैर्य आवश्यक है। आप स्वयं पर विश्वास रखते हुए खुद पर काम करें और एक महान व्यक्तित्व का निर्माण करें”।

उन्होंने कहा कि धैर्य एक अच्छे वकील की पहचान होती है। इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में साहस महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है।

अदालतों के निर्णयों का अध्ययन करें : राजेंद्र प्रसाद
राजस्थान उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कानून के छात्रों को सुझाव दिया कि यदि वे न्यायिक सेवा परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना चाहते हैं, तो उन्हें अदालतों द्वारा सुनाए गए निर्णयों का अध्ययन करना चाहिए तथा स्वयं को नवीनतम ज्ञान से अपडेट रखना चाहिए।

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वीजीयू के अध्यक्ष डॉ. ललित के. पंवार ने कानूनी पेशे के दायरे पर प्रकाश डाला और कानून का अभ्यास करते समय कानूनी नैतिकता का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसी तरह से वीजीयू के उपाध्यक्ष और प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. के. आर बगड़िया ने कानून के क्षेत्र में अवसरों और संभावनाओं के बारे में बात की। उन्होंने नई शिक्षा नीति (एनईपी) के बारे में भी बताया, जिसे वीजीयू ने पिछले शैक्षणिक सत्र से लागू किया है।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जेके रांका ने भी सभा को संबोधित किया और उन्हें मूट कोर्ट प्रतियोगिता के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।

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