Jaipur JDA जयपुर में विकसित होंगे मिनी वन्यजीव अभ्यारण्य, लेपर्ड सफारी | JAIPUR JDA PROJECT DEVELOPED | Patrika News

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Jaipur JDA जयपुर में विकसित होंगे मिनी वन्यजीव अभ्यारण्य, लेपर्ड सफारी | JAIPUR JDA PROJECT DEVELOPED | Patrika News

Jaipur JDA Projects Developed जयपुर में अब जल्द ही लोग शहर में पर्यावरण के बीच वन्यजीवों की जानकारी ले सकेंगे। इसके लिए राजधानी में Mini Wildlife Sanctuary के साथ मिनी बर्ड सेन्युरी सहित चार बड़े प्रोजेक्ट तैयार होंगे। इस पर जेडीए और वन विभाग मिलकर काम करेंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, वहीं जल, वायु एवं ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं जल संरक्षण को बढावा मिलेगा। साथ ही ऑक्सीजोन भी विकसित होंगे।

जयपुर

Published: December 24, 2021 10:21:35 pm

Jaipur JDA Projects Developed जयपुर में अब जल्द ही लोग शहर में पर्यावरण के बीच वन्यजीवों की जानकारी ले सकेंगे। इसके लिए राजधानी में Mini Wildlife Sanctuary के साथ मिनी बर्ड सेन्युरी सहित चार बड़े प्रोजेक्ट तैयार होंगे। इस पर जेडीए और वन विभाग मिलकर काम करेंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, वहीं जल, वायु एवं ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं जल संरक्षण को बढावा मिलेगा। साथ ही ऑक्सीजोन भी विकसित होंगे।

Jaipur JDA जयपुर में विकसित होगी मिनी वन्यजीव अभ्यारण्य, लेपर्ड सफारी

हालांकि इससे पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के समक्ष ये परियोजना रखी जाएगी, वहां से स्वीकृति मिलते ही इस पर काम शुरू होगा। इससे पहले जेडीए में शुक्रवार को बैठक हुई, जिसमें वन विभाग के अधिकारियों ने इन प्रोजक्ट्स के बारे में जानकारी दी। जेडीए आयुक्त गौरव गोयल ने बताया कि पर्यावरण सुधार, वन्यजीव संरक्षण के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये परियोजनाएं विकसित की जा रही है। जेडीए इसपर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च करेगा। यूडीएच मंत्री से शांति धारीवाल अनुमति मिलने पर इस पर काम शुरू होगा। संचालन जेडीए और वन विभाग मिलकर करेंगे। बैठक में जेडीए आयुक्त गौरव गोयल, जेडीए सचिव हृदेश शर्मा, उप वन संरक्षक अजय चित्तौड़ा व जेडीए वन संरक्षक महेश तिवाड़ी मौजूद रहे।

1. आर्द्रभूमि संवर्द्धन मुहाना
मुहाना मंडी और नेवटा बांध के नजदीक आर्द्रभूमि संवर्द्धन मुहाना विकसित किया जाएगा। क्षेत्र के अधिकांश भाग में वर्ष भर पानी रहता है। जो कि प्रवासी पक्षियों के लिए अच्छा आवास बन रहा है। यहां वर्ष में करीब 80 प्रजातियों के पक्षी देखे जा रहे हैं। प्रोजेक्ट कार्याें में पीसीटी, ग्रास लैण्ड डवलपमेंट आदि काम होंगे। इस पर जेडीए करीब 1293.80 लाख रूपए खर्च करेगा।

2.जैव विविधता गोनेर
यह प्रोजेक्ट गोनेर में आरक्षित वन बीड की 107 हैक्टेयर में विकसित किया जाएगा। यह रिंगरोड के नजदीक है। क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाने के साथ आबादी को स्वच्छ व शुद्ध वातावरण देने व वन्यजीवों के लिए अच्छा आवास उपलब्ध कराने के लिए यह प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 880 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।

3.आमागढ तेंदुआ संरक्षण कार्य
झालाना लेपर्ड रिजर्व में बढ रही लेपर्ड की संख्या को देखते हुए आमागढ़ और लालवेरी वन क्षेत्र को यह परियोजना विकसित की जाएगी। यहां लैपर्ड, जरख रेटल अन्य प्रजातियां हैं। उक्त वन्यजीवों के आवास को और अधिक विकसित किया जाएगा। आने वाले दिनों में वन्य जीवों का आवास विकसित किए जाएंगे। इस योजना पर जेडीए करीब 1080 लाख रुपए खर्च करेगा।

4. टाइगर सफारी
नाहरगढ अभयारण्य के 720 हैक्टर क्षेत्र में फैले नाहरगढ जैविक उद्यान में यह परियोजना विकसित की जाएगी। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से स्वीकृत मास्टर ले आउट प्लान में टाईगर सफारी शुरू होगी। यह परियोजना 30 हैक्टर क्षेत्र में विकसित की जाएगी। इसको विकसित करने के लिए फैंसिंग, वाटर होल्स, गेट आदि कार्य किये जाएंगे, इस पर जेडीए करीब 453 लाख रुपए खर्च करेगा।

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