Jaipur Fire : बच्चों से प्यार था…उन्हें जलता हुआ कैसे देखते, माता-पिता दोनों फिर से कूदे आग में | jaipur-fire-broke-out-in-house-after-cylinder-gas-leak story three innocent children burnt alive, parents also died | News 4 Social h3>
घटना के बाद मकान में रहने वाले कुछ परिवार भी अंदर कमरों में फंस गए, वहीं कुछ ने स्थानीय लोगों की मदद से आग बुझाने का प्रयास किया। सूचना पर पुलिस अधिकारी व दमकल मौके पर पहुंची। करीब आधा घंटा की मशक्कत के बाद पानी व मिट्टी डालकर आग पर काबू पाया गया। पुलिस ने मृतकों की पहचान बिहार के मोतिहारी स्थित फिनारा निवासी राजेश रॉय (25) उसकी पत्नी रूबी (24) बेटी ईशु यादव (7), खुशमानी (3) व बेटा दिलखुश (15 माह) के रूप में की। राजेश परिवार सहित पिछले 5 माह से उद्योग विहार में किराए से रहकर लोहा ढलाई फैक्ट्री में काम करता था। दम्पती बुधवार रात को ही बिहार से बच्चों के साथ जयपुर लौटा था। घटना के बाद जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
जिसने देखा दहला
आग बुझाने के बाद पुलिस व दमकलकर्मी कमरे में गए। प्राथमिक जांच के बाद रेगुलेटर से गैस लीक होने की आशंका जताई गई। तीनों बच्चों के शव जलने के बाद एक-दूसरे से चिपके मिले। राजेश का शव कमरे के कोने में दीवार से सटा हुआ था। गेट के नजदीक पत्नी का शव था। छोटे से कमरे में राजेश परिवार के साथ रहता था। उसी कमरे के अंदर गेट के पास रसोई थी, जहां चूल्हा व गैस सिलेंडर रखे थे। मकान के सामने एक फैक्ट्री में काम करने वाले अर्जुन ने बताया कि चीखें सुनकर बाहर आए। कमरे में आग देखकर स्थानीय लोगों के साथ एक गोदाम में रखी सुतली (रस्सी) के बंडल को पानी में भिगोकर व मिट्टी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। रिश्तेदार प्रमोद यादव ने बताया कि राजेश के माता-पिता गरीब हैं और राजेश उनका घर खर्च भी उठा रहा था। बुजुर्ग-माता पिता का सहारा छिन गया। सरकार माता-पिता को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाए।
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दम घुटने से पति-पत्नी की मौत
बच्चों के शव जल गए थे। लेकिन पति-पत्नी के शव अधजले मिले। उनकी मौत दम घुटने से होना बताया जा रहा है। लोगों ने बताया कि आग लगने पर पति-पत्नी कमरे से बाहर निकल सकते थे लेकिन बच्चों को बचाने के चक्कर में बाहर नहीं भागे और पलभर में लपटों में घिर गए।
गैस चूल्हा जलाते समय हादसा
राजेश गुरुवार सुबह ही परिचित दशरथ से रसोई गैस सिलेंडर मांगकर लाया था। सुबह सात बजे राजेश साइकिल पर सिलेंडर रखकर लाया, उसके आधा घंटे बाद ही हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि सिलेंडर लगाने के बाद गैस चूल्हा जलाया होगा, तभी रेगुलेटर ने आग पकड़ ली।
16 कमरे, 50 लोग
उद्योग नगर में सुरेश शर्मा के दो मंजिला मकान में 16 कमरे बने हैं, जिनमें 50 लोग रहते हैं। अधिकांश परिवार बिहार से यहां आए हैं और आस-पास फैक्ट्रियों में काम करते हैं। हादसे के समय छह परिवार मकान में रह रहे थे। दूसरी मंजिल पर रहने वाले लोग तो बाहर भाग आए, लेकिन भूतल पर रहने वाले अंदर ही फंस गए थे, जिन्हें बाद में बाहर निकाला।
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घटना के बाद मकान में रहने वाले कुछ परिवार भी अंदर कमरों में फंस गए, वहीं कुछ ने स्थानीय लोगों की मदद से आग बुझाने का प्रयास किया। सूचना पर पुलिस अधिकारी व दमकल मौके पर पहुंची। करीब आधा घंटा की मशक्कत के बाद पानी व मिट्टी डालकर आग पर काबू पाया गया। पुलिस ने मृतकों की पहचान बिहार के मोतिहारी स्थित फिनारा निवासी राजेश रॉय (25) उसकी पत्नी रूबी (24) बेटी ईशु यादव (7), खुशमानी (3) व बेटा दिलखुश (15 माह) के रूप में की। राजेश परिवार सहित पिछले 5 माह से उद्योग विहार में किराए से रहकर लोहा ढलाई फैक्ट्री में काम करता था। दम्पती बुधवार रात को ही बिहार से बच्चों के साथ जयपुर लौटा था। घटना के बाद जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
जिसने देखा दहला
आग बुझाने के बाद पुलिस व दमकलकर्मी कमरे में गए। प्राथमिक जांच के बाद रेगुलेटर से गैस लीक होने की आशंका जताई गई। तीनों बच्चों के शव जलने के बाद एक-दूसरे से चिपके मिले। राजेश का शव कमरे के कोने में दीवार से सटा हुआ था। गेट के नजदीक पत्नी का शव था। छोटे से कमरे में राजेश परिवार के साथ रहता था। उसी कमरे के अंदर गेट के पास रसोई थी, जहां चूल्हा व गैस सिलेंडर रखे थे। मकान के सामने एक फैक्ट्री में काम करने वाले अर्जुन ने बताया कि चीखें सुनकर बाहर आए। कमरे में आग देखकर स्थानीय लोगों के साथ एक गोदाम में रखी सुतली (रस्सी) के बंडल को पानी में भिगोकर व मिट्टी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। रिश्तेदार प्रमोद यादव ने बताया कि राजेश के माता-पिता गरीब हैं और राजेश उनका घर खर्च भी उठा रहा था। बुजुर्ग-माता पिता का सहारा छिन गया। सरकार माता-पिता को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाए।
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गैस चूल्हा जलाते समय हादसा
राजेश गुरुवार सुबह ही परिचित दशरथ से रसोई गैस सिलेंडर मांगकर लाया था। सुबह सात बजे राजेश साइकिल पर सिलेंडर रखकर लाया, उसके आधा घंटे बाद ही हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि सिलेंडर लगाने के बाद गैस चूल्हा जलाया होगा, तभी रेगुलेटर ने आग पकड़ ली।
16 कमरे, 50 लोग
उद्योग नगर में सुरेश शर्मा के दो मंजिला मकान में 16 कमरे बने हैं, जिनमें 50 लोग रहते हैं। अधिकांश परिवार बिहार से यहां आए हैं और आस-पास फैक्ट्रियों में काम करते हैं। हादसे के समय छह परिवार मकान में रह रहे थे। दूसरी मंजिल पर रहने वाले लोग तो बाहर भाग आए, लेकिन भूतल पर रहने वाले अंदर ही फंस गए थे, जिन्हें बाद में बाहर निकाला।