क्या वकील को कोर्ट जाते समय सड़क पर रोकना या पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना गलत है ?

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क्या वकील को कोर्ट जाते समय सड़क पर रोकना या पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना गलत है ?
क्या वकील को कोर्ट जाते समय सड़क पर रोकना या पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना गलत है ?
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क्या वकील को कोर्ट जाते समय सड़क पर रोकना या पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना गलत है ? ( Is it wrong to stop a lawyer on the road while going to court or to be arrested by the police? )

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हमारे देश में सभी नागरिकों को बराबर का अधिकार दिया गया है. देश को प्रशासन को सही से चलाने के लिए हमारे देश में विधानपालिक , कार्यपालिका तथा न्यायपालिका की स्थापना की गई है. विधानपालिका का मुख्य कार्य कानून बनाना होता है. कार्यपालिका उस कानून को लागू करवाती है. इसके साथ ही अगर किसी के साथ सही नहीं होता है या उनका शोषण होता है, तो न्यायपालिका उसका समाधान करती है. इसी कारण न्यायपालिका के बारे में लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. ये सवाल कोर्ट के नियम या फिर वकीलों के अधिकार इत्यादी के बारे में हो सकते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि क्या वकील को कोर्ट जाते समय सड़क पर रोकना या पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना गलत है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

वकील

क्या वकील को कोर्ट जाते समय सड़क पर रोकना या पुलिस द्वारा गिरफ्तार गलत है-

वकील कानून के ज्ञाता होते हैं. अगर कोई भी व्यक्ति कोर्ट में केस करता है, तो उसे अपनी बात रखने के लिए वकील करने की आवश्यकता होती है. वकीलों का काम बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इसी कारण वकीलों को कुछ विशेषाधिकार भी दिए गए हैं. इन्हीं विशेषाधिकारों में एक अधिकार यह भी है कि किसी भी वकील को उसके केस से संबंधित कोर्ट या ट्रिबूनल जाते समय या फिर वापस आते समय सिवल केस के मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. यह एक वकील का अधिकार होता है. हालांकि यह छूट आपराधिक मामले या फिर कोर्ट की अवमानना के मामले में लागू नहीं है. अगर हमारे सवाल की बात करें, तो वकील को कोर्ट जाते समय सड़क पर रोकना या पुलिस द्वारा सिविल केस में गिरफ्तार गलत होता है.

न्यायालय
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अगर कानूनी पेशे के आधार पर वकील के विशेषाधिकारों की बात करें, तो उन्हें ‘Right of Practice’ का अधिकार होता है. वे अदालतों और न्यायाधिकरणों के समक्ष कानून का अभ्यास कर सकते हैं. इसके साथ ही आमतौर पर जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए एक समय निश्चित होता है. जैसे सप्ताह में कोई 2 दिन निश्चित किए जाते हैं. उसके लिए भी समय निर्धारित किया जाता है. इसके अलावा वकील को यह विशेषाधिकार होता है कि वह जिसका केस लड़ रहे हैं, अगर वह जेल में है, तो उससे जाकर मिल सकता है.

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विशेषाधिकारों के साथ साथ वकील के कुछ कर्तव्य भी होते हैं. जैसे – अगर किसी भी मामले या केस में कोई परिवर्तन होता है, तो उसके बारे में Client को अपडेट करे. एक अधिवक्ता ऐसे औपचारिक अवसरों को छोड़कर और बार काउंसिल ऑफ इंडिया या कोर्ट में निर्धारित किए गए ऐसे स्थानों को छोड़कर अन्य स्थान पर सार्वजनिक रूप से बैंड या गाउन नहीं पहन सकता है.

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