Inflation news: महंगाई से निपटने के लिए सोने के सिक्के ढालेगा यह देश, इस साल दो-तिहाई गिर चुकी है करेंसी

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Inflation news: महंगाई से निपटने के लिए सोने के सिक्के ढालेगा यह देश, इस साल दो-तिहाई गिर चुकी है करेंसी

Inflation news: महंगाई से निपटने के लिए सोने के सिक्के ढालेगा यह देश, इस साल दो-तिहाई गिर चुकी है करेंसी

नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस समय बढ़ती महंगाई से परेशान है। इससे निपटने के लिए दुनियाभर के देश अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। अमेरिका और भारत समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने महंगाई को काबू में करने के लिए नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की है। दूसरी ओर तुर्की ने दुनिया से उलटी चाल चली है। उसके केंद्रीय बैंक ने राष्ट्रपति के ऑर्डर पर नीतिगत दरों में कमी करने का फैसला किया है। अब अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे (Zimbabwe) ने महंगाई रोकने के लिए अलग तरीका अपनाया है। जिम्बाब्वे के केंद्रीय बैंक ने इसके लिए सोने के सिक्के (gold coin) ढालने का फैसला किया है। साथ ही अगले पांच साल के लिए यूएस डॉलर को लीगर टेंडर बनाने की योजना है।

जिम्बाब्वे पिछले कई साल से आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है। देश में महंगाई की दर में 190 फीसदी से अधिक तेजी आई है। इसे देखते हुए केंद्रीय बैंक ने इंटरेस्ट रेट को 80 फीसदी से बढ़ाकर 200 फीसदी कर दिया है। इस साल जिम्बाब्वे की करेंसी में दूसरी करेंसीज के मुकाबले भारी गिरावट आई है। रिजर्व बैंक ऑफ जिम्बाब्वे (Reserve Bank of Zimbabwe) के गवर्नर John P Mangudya ने एक बयान में कहा कि सोने के सिक्के 25 जुलाई से उपलब्ध होंगे। 22 कैरेट गोल्ड से बने इन सिक्कों में एक ट्रॉय ओंस (troy ounce) गोल्ड होगा। एक ट्रॉय ओंस 31.10 ग्राम के बराबर होता है।

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कैसे होगा इस्तेमाल
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक Mangudya ने कहा कि गोल्ड कॉइन को लोकल करेंसी, यूएस डॉलर और दूसरी फॉरेन करेंसीज में खरीदा जा सकता है। इसकी कीमत यह उस समय सोने के इंटरनेशनल रेट और कॉस्ट प्रॉडक्शन के आधार पर तय होगी। हर कॉइन पर एक सीरियल नंबर होगा और इसे देश-विदेश में कहीं भी आसानी से कैश में बदला जा सकता है। जिम्बाब्वे की सरकार देश में करेंसी क्राइसिस से निपटने के लिए कई तरह के उपाय कर रही है।

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पिछले महीने देश में महंगाई की सालाना दर 191.6 फीसदी पहुंच गई थी जबकि देश की करेंसी में डॉलर के मुकाबले इस साल दो-तिहाई कमी आई है। जिम्बाब्वे के सेंट्रल बैंक ने महंगाई से निपटने के लिए एक जुलाई से इंटरेस्ट रेट 80 फीसदी से बढ़ाकर 200 फीसदी कर दिया है। भारी महंगाई के कारण जिम्बाब्वे ने साल 2009 में लोकल करेंसी को छोड़ दिया था और विदेशी करेंसीज का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। एक दशक बाद फिर से लोकल करेंसी शुरू की गई थी लेकिन यह एक बार फिर से तेजी से अपनी वैल्यू खो रही है।

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